MP में प्रदेश अध्यक्ष के लिए राजेंद्र शुक्ला का नाम आगे : भाजपा में स्वच्छ और मिलनसार छवि

 
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MP के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD SHARMA) का कार्यकाल बढ़ेगा या नहीं? इस पर जल्दी ही फैसला होगा। वीडी का तीन साल का कार्यकाल अगले महीने पूरा हो रहा है। बीजेपी सूत्रों की मानें तो, नड्डा का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद भी उनकी टीम में बड़े पैमाने पर बदलाव होना तय है। इसमें राष्ट्रीय पदाधिकारियों से लेकर राज्य के अध्यक्ष भी बदले जाना है। खासकर उन राज्यों में, जहां बीजेपी की सरकार है। दरअसल, पार्टी विधानसभा चुनावों को 2024 के लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देख रही है।

वीडी शर्मा को मिल सकती है केंद्र में जिम्मेदारी
सूत्रों का कहना है कि यदि विष्णु दत्त (वीडी) शर्मा को हटाया तो उन्हें केंद्र में जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनके स्थान पर पार्टी चुनावी गणित के हिसाब से जातीय कार्ड खेल सकती है। इस नजर से प्रदेश में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती आदिवासी वोटबैंक को साधने की है। 2018 में हार की वजह इस बड़े वोटबैंक का छिटकना था। ऐसे में आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया जा सकता है। इसमें राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी का नाम आगे है। सोलंकी मोदी-शाह की पसंद भी हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उनकी पटरी भी बैठ जाएगी।

छात्र राजनीति से विधायक पद तक पहुंचे। शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं। विंध्यांचल के रीवा से चुनकर आते हैं। भाजपा में स्वच्छ और मिलनसार छवि। पिछले नागरिक निकाय चुनाव में विंध्याचल में टिकट बंटवारे में सहमति दी गई।

शुक्ला की लाॅटरी इसलिए, क्योंकि शिवराज से पटरी बैठती है

इसी तरह वीडी शर्मा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया तो उनके स्थान पर सामान्य वर्ग के नेता को भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके लिए पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला (rajendra shukla )  / इस रेस में आगे हैं। इसकी वजह यह है कि शुक्ला के नाम पर शिवराज सहमत हो जाएंगे और अन्य नेताओं की तरफ से उनका विरोध नहीं होगा। खास बात यह है कि शुक्ला को अध्यक्ष बनाया जाता है तो बीजेपी विंध्य के साथ-साथ महाकौशल भी साध लेगी।

पिछले चुनाव के आंकड़े देखें तो प्रदेश के छह अंचलों में विंध्याचल एकमात्र ऐसा क्षेत्र रहा जहां बीजेपी ने पिछले चुनावों से कहीं अधिक बेहतर प्रदर्शन किया। यहां की 30 सीटों में से उसे 24 पर जीत मिली, लेकिन 2013 में विंध्य में प्रदर्शन सबसे कमजोर था। तब 30 में से 17 सीटें जीती थीं। इस बार 7 सीटें बढ़ी हैं, लेकिन महाकौशल में बीजेपी को बड़ा झटका लगा था। पूरे अंचल की बात करें तो 38 सीटें हैं। कांग्रेस 23, भाजपा 14 और 1 निर्दलीय के खाते में गई। पिछली बार कांग्रेस 13, भाजपा 24 और 1 निर्दलीय को मिली थी।

मोदी कैबिनेट से ड्राॅप हो सकते हैं दो मंत्री, नए शामिल होंगे
पार्टी के वरिष्ठ नेता बता रहे हैं कि सत्ता और संगठन में संभावित बदलावों पर कार्यकारिणी की बैठक में विशेष बात नहीं हुई। बल्कि इस दौरान कोर टीम के कुछ नेताओं की अलग चर्चा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसमें मोदी कैबिनेट के संभावित फेरबदल की कवायद में मप्र के दो से तीन मंत्रियों को ड्राॅप करने और नए चेहरों को शामिल करने किए जाने पर विचार होगा।

संभावना है कि महाकौशल अंचल से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को संगठन में कोई जिम्मेदारी मिल सकती है। उनके स्थान पर जबलपुर से तीन बार के सांसद राकेश सिंह को मोदी की टीम में जगह मिल सकती है। फग्गन सिंह को गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। इसी तरह राज्यसभा सांसद डाॅ. सुमेर सिंह सोलंकी को भी मोदी अपनी टीम में शामिल कर सकते हैं।

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