REWA : हत्या के आरोप में जेल में बंद रहा शिक्षक, विभाग ने निलंबन तो दूर जेल अवधि का भी कर दिया वेतन भुगतान : अब शिक्षक के बचाव में लगा विभाग
- हत्या के आरोप में जेल में बंद रहा शिक्षक, विभाग ने निलंबन तो दूर जेल अवधि का भी कर दिया वेतन भुगतान सीएम हेल्पलाइन में हुई शिकायत तो अब शिक्षक के बचाव में लगा विभाग
आश्चर्य की बात तो यह है कि सहायक अध्यापक राजेश बहादुर सिंह जिस अवधि में जेल में बंद था विभाग ने उसका वेतन भी भुगतान कर दिया। बताया गया है कि उक्त राजेश बहादुर सिंह अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है जो आए दिन गांव में गाली गलौज एवं मारपीट करता रहता है। गांव में उसकी दहशत इतनी है कि डर के मारे कोई मुंह नहीं खुलता है। वह खुले शब्दों में ऐलान करता है कि मुझसे जो टकराएगा मैं उसकी भी हत्या कर दूंगा। एक बार हत्या के आरोप में जेल भोग चुका हूं और छूट गया हूं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।
नहीं होना चाहिए था संविलियन
सूत्रों की माने तो राजेश बहादुर सिंह की प्रथम नियुक्ति वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के पद पर की गई थी और उसका सहायक अध्यापक संवर्ग में संविलियन 2007 में किया गया। यदि वह 2005 में जेल में बंद था तो 5 वर्ष की गोपनीय चरित्रावली किसके द्वारा लिखी गई और कैसे उसका संविलियन हो गया यह गंभीर जांच का विषय है।
मीडिया को बताया कि हुआ है निलंबन
सीएम हेल्पलाइन में उजागर प्रकरण के आधार पर जब मीडिया कर्मी ने संबंधित सहायक अध्यापक राजेश बहादुर सिंह से पूछताछ की तो उसने बताया कि मेरा निलंबन हुआ है एवं वेतन भी कटा है। जबकि उसका निलंबन आदेश ना तो उसके सेवा पुस्तिका में दर्ज है संकुल प्राचार्य ने भी बताया कि निलंबन नहीं हुआ और वेतन भी भुगतान हुआ है।
अपराधिक प्रवृति के शिक्षक को गांव से अन्यत्र हटाना होगा उचित
बताया गया है कि उक्त शिक्षक अपराधिक प्रवृति का है और उसी गांव में उसकी पदस्थापना 24 वर्ष से है । पूर्व में उसकी पत्नी सरपंच थी तो वह विद्यालय में आकर हस्ताक्षर करता था एवं दिन भर अपने सरपंची के कार्य में व्यस्त रहता था। वर्तमान में भी मात्र एक शिक्षक के कारण विद्यालय का माहौल खराब है प्राथमिक विद्यालय में 4 शिक्षक पदस्थ हैं उस हिसाब से 2 शिक्षक विद्यालय में ज्यादा है यदि तत्काल इस शिक्षक को अन्यत्र हटा दिया जाएगा तो विद्यालय का वातावरण भी सुधर जाएगा और आए दिन होने वाले विवादों से भी निजात मिल जाएगा।
विभाग जुटा है बचाने में
ऐसी भी जानकारी मिली है कि शिक्षा विभाग अपने कर्मचारी को बचाने में एड़ी चोटी एक करने पर लगा है और आनन-फानन में कागजी कार्यवाही करके मामले को रफा-दफा करने की फिराक में लगा हुआ है।
लेकिन यदि कलेक्टर महोदय ने मामले की गंभीरता को समझा तो जेल अवधि का वेतन भुगतान जहां रिकवरी हो जाएगी वही अपराधिक प्रवृत्ति में जेल गए शिक्षक को निलंबित कर अन्यत्र हटाना भी उचित होगा।