REWA : TRS कालेज के अतिथि विद्वानों की गुहार, कहा- नहीं सुनी जा रहीं उनकी बातें, बाहर करना उचित नहीं

 
 अतिथि विद्वानों ने की प्रेस कांफ्रेंस

टीआरएस कालेज के जनभागीदारी समिति के अतिथि विद्वानों ने कहा उनकी बातें नहीं सुनी जा रहीं

रीवा। शासकीय टीआरएस कालेज में जनभागीदारी समिति द्वारा अध्यापन कार्य के लिए रखे गए अतिथि विद्वानों ने कालेज प्रबंधन पर उनकी अनदेखी करने का आरोप लगाया है। पूर्व में कालेज में अध्यापन करा रहे अतिथि विद्वानों ने प्रेस कांफ्रेंस कर जनभागीदारी समिति अध्यक्ष और कालेज प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराया है। जिसमें कहा गया है कि कालेज प्रबंधन ने यह कहते हुए उन्हें इस वर्ष सेवा में नहीं रख रहा है कि नई शिक्षा नीति में एमफिल की कक्षाएं संचालित नहीं होंगी।
एमफिल में जब प्रवेश ही नहीं होगा तो अतिथि विद्वानों को भी नहीं रखा जाएगा। कालेज प्रबंधन के इस तर्क से असहमत होकर अतिथि विद्वानों ने संयुक्त रूप से कहा कि वह कालेज में बीए आनर्स एवं एमए के साथ ही स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों को भी पढ़ाते थे। अपने अध्यापन में वह एमफिल की कक्षाएं भी लेते थे।
अब कालेज प्रबंधन यह तर्क दे रहा है कि एमफिल की कक्षाएं बंद होने से उन्हें नहीं रखा जाएगा। जबकि इन अतिथि विद्वानों का कहना है कि एमफिल में केवल एक कक्षा मिलती थी,उसकी अन्य कक्षाएं नियमित वाले प्रोफेसर पढ़ाते थे।
कालेज में 13 विषयों में एमफिल की कक्षाएं संचालित हो रही थी लेकिन आठ लोग ही बाहर हैं। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अतिथि विद्वानों ने कहा कि वह कई कक्षाओं को पढ़ाते रहे हैं जिस पर पूर्व के प्राचार्यों ने अनुभव प्रमाण पत्र भी बनाकर दिया है।
प्रेस कांफ्रेंस में प्रमुख रूप से केके द्विवेदी, राजेश मिश्रा, अनिल द्विवेदी, क्रांति मिश्रा, मनीषा द्विवेदी, गिरीश चतुर्वेदी आदि ने कहा वह लंबे समय से कालेज में सेवाएं दे रहे थे। हाल के दिनों में परीक्षा के दौरान अवैतनिक रूप से परीक्षा ड्यूटी किया ताकि कालेज का कार्य प्रभावित नहीं हो।
यह भी कहा गया है कि उनकी मांगों पर उच्च शिक्षा के अतिरिक्त संचालक ने आदेश भी दिया है फिर भी पालन नहीं किया गया है। इस मामले में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं कालेज प्राचार्य से विचार करने की मांग उठाई गई है।

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