Rewa में दो महिलाओं को जिंदा गाड़ने की कोशिश : तत्काल एक्शन में आये CM मोहन यादव, 5 लोगों पर मामला दर्ज, 3 गिरफ्तार, 2 अभी भी फरार

 
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'मुझे मुरम का डंपर खाली करके दबा दिया। मैं नाक तक दब गई थी। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। अगर 5 मिनट के अंदर मुझे नहीं निकाला जाता तो मर जाती। मुझे दो घंटे बाद होश आया था। पूरा परिवार डरा-सहमा हुआ है। दफन करने की कोशिश करने वाले अब धमकी दी गई है कि जिंदा नहीं छोड़ेंगे।'

ये कहना है ममता पांडेय का, जिस पर रविवार को रीवा के गंगेव चौकी गांव में रास्ता बनाने के विवाद में डंपर वाले ने मुरम पलट दी। ममता के साथ ही आशा पांडेय भी मुरम में दब गई थी। ग्रामीणों ने फावड़े से मुरम हटाकर दोनों को बाहर निकाला। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।

आइए जानते हैं सिलेसिलेवार पूरा मामला..

हाइवा को मुरम खाली करने से रोकने के लिए आशा और ममता उसके पीछे बैठ गईं थीं।

हाइवा को मुरम खाली करने से रोकने के लिए आशा और ममता उसके पीछे बैठ गईं थीं।

दो महिलाओं पर पलट दी मुरम

रीवा में जमीन के झगड़े में एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष की दो महिलाओं को जिंदा दफन करने की कोशिश की। आरोपियों ने हाइवा से महिलाओं पर मुरम डाल दी। इससें एक महिला कमर तक और दूसरी गले तक मुरम के ढेर में दब गई। इसमें एक महिला बेहोश हो गई थी।

दोनों पक्षों का पारिवारिक जमीन का विवाद है। दोनों के घर आसपास हैं। गोकर्ण प्रसाद पांडेय और महेंद्र प्रसाद पांडेय जमीन पर रास्ता बनाना चाह रहे है। जीवेश कुमार पांडेय और शिवेश कुमार पांडेय इसके विरोध में है। विवाद इसी बात का है। रविवार को रास्ता बनाने की कोशिश के दौरान मारपीट हुई। ममता पांडेय (पत्नी जीवेश) और आशा पांडेय (पत्नी शिवेश) ने भी रास्ता बनाने का विरोध किया और मुरम लेकर आए हाइवा के पीछे बैठ गई। ड्राइवर ने मुरम उन दोनों पर खाली कर दी। जिससे वे दब गई।

गोकर्ण प्रसाद पांडेय और महेंद्र प्रसाद पांडेय के कहने पर मढ़ी गांव का ट्रक मालिक राजेश सिंह मुरम लेकर आया था।

विरोध कर रही आशा और ममता पर डंपर से मुरम डाल दी, जिससे वह उसमें दब गईं।

विरोध कर रही आशा और ममता पर डंपर से मुरम डाल दी, जिससे वह उसमें दब गईं।

महिला बोली- वे हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे

पीड़ित आशा पांडेय का कहना है कि आरोपी दबंग है और वह बार-बार धमकी दे रहे हैं कि इस बार तो जिंदा बच गई हो अगली बार नहीं बचोगी। मौका मिलते ही अपनी ताकत का एहसास करवाएंगे। तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे।

मुझे गहरा सदमा लगा है। मैं करीब 2 घंटे तक बेहोश रही। मुझे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बाटल और इंजेक्शन लगाए गए, तब जाकर होश आया। अभी भी पूरे शरीर में दर्द है। चलते नहीं बन रहा। खड़ी होती हूं तो ऐसा लगता है कि चक्कर आ जाएगा। मुझे अभी भी डर लग रहा है। वह लोग कुछ भी कर सकते हैं। मैं प्रशासन से आग्रह करती हूं कि हमें सुरक्षा दी जाए। आरोपियों पर कार्रवाई की जाए।

मुरम के नीचे दब जाने से ममता बेहोश हो गई थी, जिसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मुरम के नीचे दब जाने से ममता बेहोश हो गई थी, जिसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

महिलाएं बोलीं- हम घर में अकेले थे

आशा पांडेय और ममता पांडेय ने बताया कि हम घर में अकेले थे। इस बात की जानकारी आरोपियों को लग गई, जिसके बाद वे हमारी जमीन पर एक हाइवा मुरम लेकर पहुंच गए। हमने उनसे कहा कि अभी हम दोनों महिलाओं के अलावा घर में कोई नहीं है। जब सब आ जाएंगे तो मिल बैठ कर बात कर लेंगे। लेकिन उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा कि आज ही मुरम गिराकर रास्ता बनाएंगे। उसी में तुम दोनों को भी दबा देंगे।

इस धमकी को हमने गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब वे मारपीट करने लगे तो हमने अपनी सुरक्षा के लिए वीडियो बनाना शुरू कर दिया था। इसके बावजूद हमें जिंदा दफन करने की कोशिश की गई। भगवान के आशीर्वाद से ही हम जिंदा बच पाए। अगर हम पूरी घटना का वीडियो ना बनते तो हमारे साथ कुछ भी हो सकता था।

घटना को लेकर ग्रामीण भी बड़ी संख्या में जमा हो गए थे और जेसीबी को रोक लिया था।

घटना को लेकर ग्रामीण भी बड़ी संख्या में जमा हो गए थे और जेसीबी को रोक लिया था।

ममता का पति बोला- हाईकोर्ट में अपील की है

ममता पांडेय के पति जिवेश पांडेय का कहना है कि घटना में हमारे घर की महिलाएं मरने से बच गई। मैं ग्राम हिनौता कोठार का रहने वाला हूं। मेरे पट्टे की जमीन में मेरे परिवार के लोग जबरदस्ती मुरम डाल रहे थे, जिस पर घर की महिलाओं ने मना किया था।

जिवेश के मुताबिक मौके पर राजेश सिंह हाइवा और जेसीबी लेकर पहुंचा था। उसके साथ में गोकर्ण प्रसाद पांडेय, विपिन पांडेय और महेंद्र पांडेय मौजूद थे। इन्होंने ही दोनों को धक्का मार कर गिराया था। इसके बाद ही इन्होंने दोनों के ऊपर मुरम डलवा दी। ग्रामीणों ने तत्परता से दोनों की जान बचाई।

जिवेश ने कहा- इस जमीन का विवाद 2002 से चल रहा है। जमीन हमारे पिताजी के नाम पर है। न्यायालय की ओर से दो बार मेरे पक्ष में फैसला भी हो चुका है। अब उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की है। जहां से अभी फैसला आना बाकी है। जमीन का पट्टा अभी भी हमारे नाम पर है।

घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कठोर कार्रवाई करने को लेकर ट्वीट किया।

घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कठोर कार्रवाई करने को लेकर ट्वीट किया।

जीतू पटवारी ने कहा- महिलाओं पर अपराध रोकने में सरकार विफल

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने X पर लिखा, 'इस घटना ने एक बार फिर बीजेपी शासन की महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वैसे भी मध्यप्रदेश महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर है। मुख्यमंत्री जी, क्या आपकी सरकार से ये बहनें उम्मीद रख सकती हैं कि इस घटना की निष्पक्ष और त्वरित जांच होगी। आपकी सरकार महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में बार-बार असफल हो रही है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लिखा, 'महिलाओं ने अपनी जमीन पर सड़क बनाने का विरोध किया, तो दबंगों ने मुरम के नीचे दबा कर जिंदा दफनाने का प्रयास किया। भाजपा की सरकार में माफियाओं का बोलबाला है। दलित, आदिवासी, महिलाओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।'

कलेक्टर ने कहा- आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है

कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच रास्ता बनाने को लेकर विवाद था। एक पक्ष ने रास्ता बनाने का प्रयास किया। इसके लिए हाईवा में मुरूम भरकर लाई गई थी। दोनों महिलाओं ने जब रास्ता बनाने का विरोध किया तो उनके ऊपर चालक ने तेजी से मुरूम पलटी कर दी। जहां ग्रामीणों ने दोनों महिलाओं का बीच बचाव कर बाहर निकाला।

कलेक्टर ने बताया- मेडिकल कॉलेज में दोनों महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया है। उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही घटना में इस्तेमाल हाईवा को भी जब्त कर लिया गया है।

आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भेजी टीम

जनसंपर्क विभाग ने रीवा की इस घटना को लेकर सोशल मीडिया X पर लिखा है कि पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी और वाहन को जब्त करने के लिए टीम भेजी गई है।

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