Rewa में ऑटो चालक की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर, बिना कोचिंग हासिल की सफलता

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2022 के फाइनल रिजल्ट शनिवार रात को घोषित कर दिए। इसमें रीवा में ऑटो चालक की बेटी आयशा अंसारी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं। आयशा ने प्रदेश में 12वीं रैंक हासिल की है।
रीवा से हुई प्रारंभिक और कॉलेज की शिक्षा
आयशा ने बताया कि मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के एक निजी स्कूल से की। इसके बाद 12वीं तक की शिक्षा शासकीय प्रवीण कन्या स्कूल से की। इसके बाद कॉलेज की शिक्षा शासकीय आदर्श महाविद्यालय रीवा से की। मेरे पिता पेशे से एक ऑटो ड्राइवर हैं। पिछले कुछ समय से उनका स्वास्थ्य सही नहीं रहता। वे एक पिता होने के साथ-साथ मेरे लिए अच्छे गुरु और मार्गदर्शक भी हैं।
माता-पिता और दोस्तों को दिया सफलता का श्रेय
उन्होंने आगे बताया कि छोटे शहरों में आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि लड़कियां चूल्हे-चौके तक ही सीमित होती हैं। लेकिन मेरे माता-पिता का मानना था कि लड़कियों के लिए शिक्षा सबसे आवश्यक है। घर के काम तो कोई भी कर सकता है। उसी का परिणाम है कि आज मेरा चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है।
अगर मेरे माता-पिता रुकसाना अंसारी और मुस्लिम अंसारी सहयोग नहीं करते तो यह कभी भी संभव नहीं हो पाता। इसलिए मेरी सफलता का श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है। इसके साथ ही मेरे दोस्तों ने मुझे हर कठिन परिस्थिति में सपोर्ट किया। इसलिए मैं अपने दोस्तों की भी बहुत शुक्रगुजार हूं। परीक्षा परिणाम के आने के बाद आयशा की इस सफलता पर उन्हें बधाई देने के लिए उनके घर पर उनके रिश्तेदारों और दोस्तों की भीड़ लग रही है।
बिना कोचिंग हासिल की सफलता
आयशा ने बताया कि मैं एक मध्यम वर्ग की परिवार से ताल्लुक रखती हूं। जिस वजह से मैंने सेल्फ स्टडी के माध्यम से ही पढ़ाई की। मैंने किसी कोचिंग में एडमिशन नहीं लिया। रीवा शहर में रहकर ही मेरी स्कूल,कॉलेज से लेकर बाकी शिक्षा हुई। मैंने अपने घर में ही अपना स्टडी रूम बनाया, उसी में पढ़ाई करती थी।
पिता ने देखा था सपना
आयशा बताती हैं कि मेरे पिता सुबह-सुबह टहलने के लिए पुलिस लाइन कॉलोनी होकर जाते थे। उस एरिया में सभी अधिकारियों के बंगले हैं। जिनकी नेम प्लेट पर कलेक्टर डिप्टी कलेक्टर और उनके पद लिखे रहते थे। पिता जब घर लौट कर आए तो उन्होंने बताया कि काश हमारे घर में भी कोई ऐसा हो। उसी वक्त मैंने अपने पिता के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया।
वीओ: रीवा की रहने वाली आयशा अंसारी ने गरीबी और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार किया। उनके पिता, जो पेशे से एक ऑटो चालक हैं, ने उन्हें पढ़ाने-लिखाने के लिए हर संभव प्रयास किया। आयशा बताती हैं कि उनके पिता सुबह पुलिस कॉलोनी से गुजरते हुए अधिकारियों के बंगलों पर लगी नेमप्लेट्स देखते थे।
वहां लिखे "कलेक्टर" और "डिप्टी कलेक्टर" जैसे पदनामों को देखकर उन्होंने आयशा से कहा था, "काश हमारे घर में भी कोई ऐसा अधिकारी हो।" इन शब्दों ने आयशा के भीतर जुनून जगा दिया। आयशा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के एक निजी स्कूल से की। इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय प्रवीण कुमारी कन्या स्कूल से की। अपनी कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने शासकीय आदर्श महाविद्यालय से पूरी की। पढ़ाई के दौरान आयशा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थीं ताकि अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सकें।
आयशा की इस उपलब्धि के बाद उनके घर और मोहल्ले में बधाई देने वालों की भीड़ लगी हुई है। हर कोई इस सफलता से खुश है और आयशा को बधाइयां दे रहा है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने फोन पर आयशा से विस्तार से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है।
बाइट: आयशा अंसारी
"मेरे पिता हमेशा कहते थे कि मेहनत से हर सपना पूरा हो सकता है। मैंने उनकी इस बात को अपनी ताकत बनाया और आज उनके सपने को सच कर पाई। यह मेरी नहीं, मेरे माता-पिता की मेहनत और भगवान की कृपा का नतीजा है।