रीवा में बड़ा एक्शन: कलेक्टर ने तहसीलदार को 'लोक सेवा गारंटी' में लापरवाही पर पकड़ा, खतरे में कुर्सी!

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने तहसील हुजूर कार्यालय के एक तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई तब हुई जब तहसीलदार द्वारा रिकॉर्ड रूम से संबंधित आवेदनों को तय समय-सीमा में पूरा नहीं किया गया और कई आवेदनों को बिना किसी वैध कारण के खारिज कर दिया गया।

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क्या है पूरा मामला?
कलेक्टर ने पाया कि तहसील स्तर पर रिकॉर्ड रूम दस्तावेजों की प्रतियों के लिए आए आवेदनों को तहसीलदार ने निर्धारित समय के भीतर निपटाया नहीं, जिससे नागरिकों को समय पर सार्वजनिक सेवाएं नहीं मिल पा रही थीं। इसके अलावा, कुछ आवेदनों को बिना किसी उचित वजह के ही निरस्त कर दिया गया, और प्रतियों को ऑनलाइन दर्ज भी नहीं किया गया। इन गंभीर लापरवाहियों के कारण नागरिकों की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं, जिसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी थी।

कलेक्टर का सख्त निर्देश:
इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए, रीवा कलेक्टर ने तहसीलदार को 3 दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि यदि निर्धारित 3 कार्य दिवसों के भीतर जवाब नहीं दिया जाता है, तो तहसीलदार को मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दोषी माना जाएगा। ऐसी स्थिति में, अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें निलंबन या वेतन रोकने जैसे कड़े कदम शामिल हो सकते हैं।

यह कार्रवाई दर्शाती है कि प्रशासन सार्वजनिक सेवाओं में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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