शिक्षा विभाग में बड़े भ्रष्टाचार का खेल उजागर : 10 ब्रेन ट्यूमर टीचर का होगा मेडिकल, फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षक-बाबू से लेकर अधिकारी तक नपेंगे
शिक्षकों की कमी से जूझ रहे मध्यप्रदेश के स्कूलों में खाली पद भरने की कवायद चल रही है। ऐसे स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों (सरप्लस टीचर) की पोस्टिंग की जाएगी। मतलब जिन स्कूलों में बच्चों पर तुलनात्मक रूप से ज्यादा टीचर हैं, वहां से उन्हें ऐसे स्कूलों में भेजे जाएगा, जहां टीचरों की कमी है।
ऐसे टीचर्स के ट्रांसफर की लिस्ट जारी हो पाती, इसके पहले ही एक अजब कारनामा सामने आ गया। एजुकेशन पोर्टल पर अतिशेष शिक्षकों की लिस्ट में रीवा के एक ही स्कूल के 34 में से 10 टीचर्स को ब्रेन ट्यूमर और एक टीचर को किडनी का मरीज बताया गया है। अधिकारी इसे ट्रांसफर से बचने की तरकीब बता रहे हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने कहा, '2022 में ट्रांसफर नीति आई थी। इसमें क्रिटिकल इलनेस (गंभीर बीमारी) से जूझ रहे कर्मचारियों को ट्रांसफर से छूट दी गई है। तबादले से बचने के लिए कुछ शिक्षकों ने जानबूझकर बदमाशी की और पोर्टल पर गलत फीडिंग करा ली।'
मामला रीवा के शासकीय माध्यमिक स्कूल, बदराव का है। मीडिया ने इस स्कूल के उन टीचर्स से बात की, जिन्हें पोर्टल पर गंभीर बीमारी से पीड़ित बताया गया है। इनका कहना है कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। पता नहीं कैसे, पोर्टल पर गलत जानकारी फीड हो गई।
पढ़िए, मामले पर अधिकारियों का क्या कहना है...
स्कूल में 557 स्टूडेंट्स पर 34 टीचर
शासकीय माध्यमिक स्कूल, बदराव के प्राचार्य आरके जैन ने कहा- स्कूल में 557 स्टूडेंट्स, 34 टीचर और 1 कर्मचारी हैं। दो टीचर 37, दो टीचर 26, एक शिक्षक 14 तो एक अन्य शिक्षक 10 साल से यहीं पर पोस्टेड हैं। उधर, रीवा जिले में ही 50 से ज्यादा स्कूलों में टीचर्स की कमी है। कई स्कूलों में तो 4-5 टीचर ही पूरी व्यवस्था संभाल रहे हैं।
जानिए, शिक्षकों ने अपनी सफाई में क्या कहा...
इन 6 टीचर्स के अलावा स्कूल में 2018 से पदस्थ विनय कृष्ण तिवारी को भी ब्रेन ट्यूमर बताया गया है। पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने पर वे छुट्टी पर हैं। 1987 से पदस्थ भागवत प्रसाद पांडेय भी ब्रेन ट्यूमर मरीज की लिस्ट में हैं। अदिति सिंह, एमडी सिंह के नाम के आगे भी ब्रेन ट्यूमर दर्ज है। सुधाकर तिवारी के नाम के आगे ब्रेन ट्यूमर के साथ दिव्यांग भी दर्ज है। वे न तो दिव्यांग हैं, न ही उन्हें ब्रेन ट्यूमर है।
जिले में 200 शिक्षकों के नाम के आगे गंभीर बीमारियां दर्ज
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक राजेश मिश्रा ने बताया कि जिले में 200 शिक्षक ऐसे हैं, जिनके नाम के आगे अतिशेष शिक्षकों की सूची में गंभीर बीमारियां दर्ज हैं। जिले के हर ब्लॉक से ऐसे मामले हैं। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त से अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रोसेस शुरू कर दी गई है।