रीवा में बड़ा फर्जीवाड़ा : सड़कों के रिन्युअल और निर्माण के नाम पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री और एसडीओ हजम कर गए करोड़ों : जानिए पूरा मामला

 
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रीवा। सड़कों के रिन्युअल और निर्माण के नाम पर रीवा में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ। यह सारा काम दो साल पहले तक हुए। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री ने रीवा में पदस्थ एसडीओ के साथ मिलकर यह सारा खेल खेला। एक ही सड़क को कई बार बनाई और राशि आहरित करा दी। ठेकेदार से मिलकर राशि का बंदरबांट किया। रीवा में ऐसी चार सड़कों पर सवाल खड़े हुए हैं। अधिवक्ता और समाजसेवी बीके माला ने इसकी जानकारी जुटाई और जांच के लिए पत्र पीडब्लूडी मंत्री को लिख दिया। पीएस, मुख्य अभियंता और प्रमुख अभियंता से भी शिकायत की। पीडब्लूडी मंत्री ने मामला संज्ञान में आने के बाद पीएस को पत्र में जांच के लिए कहा। पीएस ने प्रमुख अभियंता और प्रमुख अभियंता ने मुख्य अभियंता को पत्र लिखा। मुख्य अभियंता ने मामले में जांच टीम भी बना दी। पिछले कई दिनों से यह जांच चल रही है। अब तक पूरी नहीं हो पाई। इस जांच में कई अधिकारियेां के के फंसने के चांस है। यही वजह है कि मामले को ही दबा कर रख दिया गया है।

रघुनाथगंज की शहरी सड़क पर 80 लाख का फर्जीवाड़ा
रघुनाथगंज शहरी क्षेत्र नेशनल हाइवे का छूटा भाग अनुबंध क्रमांक 69 डीएल/15/7/21 के तहत कार्य आदेश किया था। इसके अंतर्गत अनुरोध कुमार पाण्डेय अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उप संभाग मनगवां के द्वारा 2200 स्क्वेयर मीटर के पैच का कार्य कराया गया। 15 लाख रुपए का फाइनल देयक तैयार कर भुगतान करने के लिए डिवीजन आफिस में जमा कर दिए थे। इसका भुगतान भी हुआ। उक्त मार्ग लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग के संभागीय कार्यालय द्वारा निविदा प्रक्रिया प्रचलन में होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी पीडब्लूडी मनगवां ने अनुबंध को समाप्त करने कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 1 को भेजा गया था। किंतु कार्यपालन यंत्री ने अनुबंध को समाप्त किए बिना ही ओकांरनाथ मिश्रा एसडीओ पीडब्लूडी उप संभाग क्रमांक 1 रीवा से शेष राशि का फर्जी मांप और देयक तेयार कर भुगतान के लिए संभागीय कार्यालय में जमा कराकर 80 लाख भुगतान कर आपस में राशि का बंदरबांट कर लिया गया। जबकि ओंकारनाथ मिश्रा प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी का कार्यक्षेत्र मनगवां उप संभाग अंतर्गत नहीं आता।

रामपुर नेशनल हाइवे का छूटा भाग
शहरी क्षेत्र का कार्य आदेश क्रमांक 60/डीएल/15/7/21 के तहत कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 1 रीवा द्वारा कार्य आदेश जारी किया गया था। उसी समय इस मार्ग का निर्माण कार्य नेशनल हाइवे से भी कराया जाना प्रस्तावित हो गया था। एसडीओ उप संभाग क्रमांक 1 मनगवां द्वारा 18 लाख  का फाइनल देयक तैयार करअनुबंध को समाप्त करने की अनुसंशा की गई। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के पास भेजा गया। उक्त मार्ग लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग के संभागीय कार्यालय द्वारा निविदा प्रक्रिया प्रचलन में होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उप संभाग मनगवां द्वारा अनुबंध को समाप्त करने के लिए कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक एक को भेजा। किंतु उनके द्वारा अनुबंध को समाप्त किए बिना ओकांरनाथ मिश्रा एसडीओ रीवा के द्वारा शेष राशि का फर्जी माप और देयक तैयार कर भुगताान के लिए संभागीय कार्यालय में जमा कराकर 70 लाख रुपए का भुगतान करा दिया गया। जबकि ओंकारनाथ प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी का कार्यक्षेत्र मऊगंज अंतर्गत नहीं आता।

रायपुर भलुहा महसांव मार्ग में भी फर्जीवाड़ा
रायपुर भलुहा महसांव मार्ग का आदेश क्रमांक 56/डीएल/15/7/21 के तहत कार्यपालन यंत्री पीडब्लूडी विभाग संभाग क्रमांक 1 रीवा द्वारा किया गया था। इसमें एसडीओ उपसंभाग मनगवां के द्वारा सीआरएस तक का कार्य कराया गया था। इसका फाइनल देयक व अनुबंध को बंद करने के लिए अनुंसशा कर कार्यपालन यंत्री को भेज दिया गया था। उक्त मार्ग मप्र सड़क विकास निगम के अंतर्गत निविदा प्रक्रिया जारी की गई थी। इसके बाद भी तत्कालीन कार्यपालन यंत्री ने एसडीओ ओंकारनाथ मिश्रा के द्वारा फर्जी देयक तैयार कराकर राशि का भुगतान कराकर राशि बंदरबांट कर लिया गया। जबकि एमपीआरडीसी ने कार्य शुरू कर दिया था।

सीतापुर ढेरा मार्ग में 70 लाख आहरित किए
सीतापुर ढेरा बाया फरहदा मार्ग अनुबंध क्रमांक 42/डीएल/ 22-23 के तहत उक्त मार्ग में स्टीमेट में मिट्टी का कार्य 22 लाख रुपए का था। उक्त कार्य में मिट्टी का कार्य 22 लाख से बढ़ाकर फर्जी माप द्वारा 70 लाख करके भुगतान करने के बाद आपस में बंदरबांट कर लिया गया।

अधीक्षक अभियंता को पत्र लिख मांगा था अभिमत
प्रमुख अभियंता ने अधिवक्ता बीके माला की शिकायत पर बिंदुवार जांच के लिए पत्र मुख्य अभियंता पीडब्लूडी विभाग रीवा को लिखा था। मुख्य अभियंता ने अधीक्ष्ज्ञक अभियंता को पत्र लिखकर बिंदुवार जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। अब तक यह जांच पूरी नहीं हो पाई है। शिकायतकर्ता से बयान तक नहीं लिए गए हैं।

लोक निर्माण विभाग की जो शिकायत की गई थी। उसकी जांच समय पर नहीं की जा रही है। संबंधित व्यक्ति को अधिकारी बचाने का प्रयास कर रहे हैं। शिकायतकर्ता को बयान के लिए नहीं बुलाया गया। पक्ष भी नहीं सुना गया।
बीके माला समाजसेवी, रीवा

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