बड़ी खबर : संजय गांधी अस्पताल में सीनियर डॉक्टरों की मनमानी से मरीज परेशान,OPD में सुबह 11 बजे तक नही आते कोई डॉक्टर, निर्धारित समय पर बंगले में चलती है प्रैक्टिस

 
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रीवा। श्यामशाह मेडिकल कालेज से संबंद्ध संजय गांधी अस्पताल। मेडिकल कालेज के चिकित्सा शिक्षक संजय गांधी अस्पताल में मरीजों को देखते हैं साथ मेडिकल कालेज में अध्ययनरत छात्रों को पढाते भी हैं। लेकिन अधिकांस ये चिकित्सक ओपीडी से दूरी बनाकर रखते हैं। जो समय उनके लिये ओपीडी का निर्धारित है उसकी मुताबिक उनकी सेवा वहां पर नही रहती। जिसके कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है।

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सोमवार को संजय गांधी अस्पताल के आउटडोर में पर्ची कटवाने से लेकर दवा वितरण, जांच कक्ष,परामर्श कक्ष के अलावा उन सभी विभागों में मरीजों का रेला था जहां से उन्हे बीमार पड़ने के बाद वास्ता रहता है। सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को आज पर्ची कटवाने में हुई। यहां तो उनका पसीना ही छूट गया। दोपहर 12 बजे के बाद पर्ची काटना भी बंद कर दिया गया। अस्पताल की निर्धारित ओपीडी साढे आठ बजे से दो बजे के बीच सीनियर चिकित्सकों की सेवाएं नही दिखी। जबकि उनके कक्ष तक मरीजों की भीड़ इंतजार में थी।

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प्रैक्टिस के चलते आ रही दिक्कतें
जो समय ओपीडी अथवा वार्ड में राउंड का रहता है उसी समय चिकित्सक बंगले में प्रैक्टिस करते हुए पाए जाते हैं। आए दिन अस्पताल के हालात इस तरह हैं कि मरीजों को ओपीडी में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

तीन दिन में 4196 की ओपीडी
संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी में तीन दिन के भीतर 4196 मरीज आए हैं। सोमवार को सर्वाधिक भीड़ देखी गई. जहां पर पर्ची को लेकर जद्दोजहद मची हुई थी।

ऐसी रही चिकित्सकों की उपस्थिति

सोमवार को अस्पताल की ओपीडी में निर्धारित समय में सुबह कोई भी सीनियर चिकित्सक नही पहुंचा था। और न ही अंतिम समय तक रहा। अगर वहां के कर्मचारियों की मानें तो इसी तरह का सिस्टम प्रतिदिन रहता है।

ये रहे विभाग
मेडिसिन विभाग में सोमवार को डा मनोज इंदुरकर की ओपीडी थी, उनके जूनियर 9 बजे के बाद सुबह पहंुचे जबकि 11 बजे तक डां इंदुरकर नही पहुंचे थे। सर्जरी में डां अतुल सिंह की ओपीडी थी वे साढे नौ बजे मरीज देखते हुए मिले जबकि वहीं न्यूरो सर्जरी में न्यूरो सर्जन डां दिनेश पटेल का दिन था लेकिन वे दोपहर12 बजे तक आयेे ही नही थे चार मरीज उनके इंतजार में कई दिनों से आ रहे है उनके बारे में अगल बगल के कर्मचारियों ने बताया वे कभी कभार ही ओपीडी में बैठते हैं।

अस्थि रोग - अस्थि रोग विभाग में डां दिनेश कुमार का दिन था वो साढे नौ अस्पताल की ओपीडी में आये।
ने़त्र रोग विभाग - सोमवार को नेत्र रोग विभाग में डां पंकज चौधरी का दिन था वो 9 बजकर 51 मिनिट में अपने कक्ष पहुंचे जबकि इसक पहले डां अनामिका पहंुच चुकी थीं।
मनोरोग विभाग - मनोरोग विभाग में डां निमिषा मिश्रा का दिन था वो सवा दस बजे तक ओपीडी में नही पहंुची थीं।
दंत रोग विभाग - दंत रोग विभाग में डां गीता त्रिपाठी की ओपीडी थी वो साढे नौ बजे मरीजों को देख रही थीं।
प्रसूति रोग - डां किरणवाला की ओपीडी थी वो भी सुबह 9 बजे के बाद पहुंचीं।
चर्मरोग विभाग - चर्मरोग विभाग में डां सुनील सिंह सेंगर की ओपीडी थी वो साढे नौ बजे के बाद पहुंचे
शिशु रोग विभाग - शिशुरोग विभाग में डां गौरव त्रिपाठी का दिन था वो भी नौ बजे के बाद ही ओपीडी में पहुंचे

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