रीवा में बड़ा घोटाला! गायब बाबू की तिजोरी तोड़ेगी पुलिस, लाखों के अनुकंपा फर्जीवाड़े का खुलेगा राज?

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा के शिक्षा विभाग में मचे हड़कंप के बीच एक नया मोड़ आ गया है! अनुकंपा नियुक्ति घोटाले में फंसे और एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार चल रहे अन्वेषक रमाप्रसन्नधर द्विवेदी ने पूरे विभाग को सकते में डाल दिया है। उनके लापता होने के बाद से घोटाले से जुड़ी सभी अहम फाइलें उनकी तिजोरी में कैद हैं, और अब इन्हें निकालने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने तिजोरी तोड़ने का आदेश दे दिया है!
क्यों तोड़ी जाएगी तिजोरी?
इस सनसनीखेज फर्जीवाड़े का पर्दाफाश बृजेश कोल की अनुकंपा फाइल से हुआ था, जिसके बाद एक साल की जांच में ऐसे 5 और मामले सामने आए। जांच में पता चला कि इस पूरे खेल में रमाप्रसन्नधर द्विवेदी की अहम भूमिका थी। कर्मचारियों ने भी बयान दिया कि वही सारी फाइलें अपने पास रखते थे।
मामला इतना बढ़ा कि तत्कालीन डीईओ ने 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, और कलेक्टर ने डीईओ व लिंक अधिकारी पर कार्रवाई का प्रस्ताव कमिश्नर को भेज दिया। कमिश्नर ने न सिर्फ उन्हें निलंबित किया, बल्कि पिछले तीन साल (14 मार्च 2022 से 31 मार्च 2025) के रिकॉर्ड खंगालने के लिए एसडीएम हुजूर के नेतृत्व में एक जांच कमेटी भी बना दी।
अब यही जांच कमेटी इन फाइलों को ढूंढ रही है, जो रमाप्रसन्नधर द्विवेदी के फरार होने के बाद से उनकी अलमारियों में बंद हैं। बिना चाबी के, विभाग के पास इन फाइलों तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।
वीडियोग्राफी के साथ तोड़ा जाएगा ताला, 6 सदस्यीय कमेटी गठित
रिकॉर्ड हासिल करने की इस जद्दोजहद के बीच, जिला शिक्षा अधिकारी विनय मिश्रा ने तिजोरी तोड़ने का अहम फैसला लिया है। इसके लिए 6 अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है, जो सभी अलमारियों के ताले तोड़ेगी और रिकॉर्ड जब्त करेगी। सबसे खास बात ये है कि इस पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
कमेटी में ये अधिकारी शामिल हैं:
- राजेश मिश्रा (सहायक संचालक)
- आरके जैन (प्राचार्य, शाउमावि बदरांव)
- देवराज सिंह (प्राचार्य, शासकीय हाई स्कूल हर्दी शंकर)
- अखिलेश तिवारी (सहायक ग्रेड 3, अनुकंपा नियुक्ति कक्ष प्रभारी)
- राममणि मिश्रा (शिक्षक, शासकीय बालक मावि अनंतपुर)
- मनोज कुमार पटेल (शाउमावि गुढ़)
इनके अलावा, अशोक शर्मा, सुभाषचन्द्र शुक्ला, रामराज शुक्ला, शैलेन्द्र पाण्डेय और शिव नाथ पटेल जैसे 5 लोक सेवक सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे।
अब सबकी निगाहें उस दिन पर टिकी हैं जब ये तिजोरियां खुलेंगी। उम्मीद की जा रही है कि इनके अंदर कैद फाइलों से इस फर्जीवाड़े की परतें और खुलेंगी, और कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं। क्या ये तिजोरियां और भी रहस्यों का खुलासा करेंगी? समय ही बताएगा!