Rewa News : विदेश यात्रा के बाद सीधे ससुराल पहुंचे मुख्यमंत्री, व्यक्त की शोक संवेदनाएँ

 
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विदेश दौरे से लौटकर सीधे रीवा पहुंचे, ससुर स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादव के निधन पर परिवार से मिले; प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी दी श्रद्धांजलि

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार, 20 जुलाई, 2025 को अपने एक दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुँचे। यह दौरा उनके स्वर्गीय ससुर ब्रह्मानंद यादव के निधन के बाद शोक संवेदना व्यक्त करने के उद्देश्य से किया गया था। मुख्यमंत्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली से वायुयान से रीवा आए और सीधे अपनी ससुराल पहुँचे।

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मुख्यमंत्री मोहन यादव रीवा कब पहुंचे और किससे मिले?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी पत्नी सीमा यादव के साथ हाल ही में एक विदेश दौरे पर थे, जिस कारण वे 16 जुलाई को हुए अपने ससुर ब्रह्मानंद यादव के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे। विदेश से लौटने के बाद, सीएम ने अपनी प्राथमिकता ससुर के परिवार से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त करने को दी।

रीवा पहुँचने पर, सीएम मोहन यादव अपनी ससुराल में लगभग 45 मिनट तक रुके। इस दौरान उन्होंने अपने सालों, रामानंद और सदानंद, से मुलाकात की और परिवार को ढाँढस बँधाया। शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद, वे रीवा एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। इस दौरे पर जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल भी रीवा पहुँचे थे। उन्होंने भी स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादव के घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त की और पुष्पांजलि अर्पित की।

सीएम विदेश दौरे पर क्यों थे और अंतिम संस्कार में क्यों नहीं जा पाए?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी पत्नी सीमा यादव के साथ सात दिवसीय दुबई और स्पेन यात्रा पर थे। यह एक महत्वपूर्ण विदेश दौरा था जिसमें वे विभिन्न बैठकों और आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल थे। जब उनके ससुर के निधन की खबर आई, उस समय सीएम दुबई से स्पेन के लिए रवाना हो चुके थे। भौगोलिक दूरी और निर्धारित बैठकों के कारण, वे तुरंत रीवा पहुँचकर अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे।

मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में, उनके दोनों बेटे रीवा पहुँचे थे और उन्होंने अपने नाना के अंतिम संस्कार में शामिल होकर परिवार का सहयोग किया था।

ब्रह्मानंद यादव: एक परिचय और उनकी रीवा से जुड़ी यादें

मोहन यादव के ससुर का नाम क्या था और वे कहाँ से थे?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के स्वर्गीय ससुर, ब्रह्मानंद यादव, जिनका असली नाम ब्रह्मानंद था, का निधन 98 वर्ष की आयु में मंगलवार रात को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर स्थित उनके आवास पर हुआ था। उनका स्वास्थ्य 27 जून की रात को बिगड़ गया था, और उन्हें साँस व पेट संबंधी बीमारियों के कारण राजकीय मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। 28 जून को उनकी बेटी और सीएम मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव अपनी बेटी के साथ उन्हें देखने पहुँची थीं, जिसके बाद वे मध्यप्रदेश लौट आई थीं। 30 जून को हालत में सुधार के बाद उन्हें अस्पताल से घर ले जाया गया था, लेकिन मंगलवार शाम को अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया और अस्पताल पहुँचने से पहले ही उन्होंने अंतिम साँस ली।

ब्रह्मानंद यादव का रीवा से गहरा जुड़ाव था। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले की भीटी तहसील के कोडड़ा डड़वा गाँव से थे, लेकिन उन्होंने अपने जीवन का सर्वाधिक समय, 50 साल से अधिक, रीवा में शासकीय शिक्षक के रूप में बिताया। रीवा से उनके इस गहरे लगाव के कारण ही उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव सुल्तानपुर के बजाय रीवा में ही हो।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव और जीवन यात्रा

ब्रह्मादीन यादव का आरएसएस से क्या संबंध था और उनकी क्या कहानी है?

ब्रह्मानंद यादव, जिन्होंने बाद में अपना नाम ब्रह्मादीन रख लिया था, शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए थे। अपने विद्यार्थी जीवन में उन्होंने कई आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इन गतिविधियों के कारण पुलिस गिरफ्तारी से बचने के लिए वे घर से भागकर मुंबई चले गए थे, जहाँ उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।

पढ़ाई पूरी करने के बाद वे वापस उत्तर प्रदेश आए और फिर नौकरी की तलाश में मध्यप्रदेश के रीवा पहुँचे। यहाँ उन्हें एक राजकीय स्कूल में शिक्षक की नौकरी मिल गई। उन्होंने 1987 में प्रिंसिपल के पद से अवकाश ग्रहण किया। सेवानिवृत्ति के बाद, ब्रह्मादीन यादव उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में अपने बेटे विवेकानंद यादव के साथ रहते थे, जो स्वयं सरस्वती विद्या मंदिर में शारीरिक शिक्षक (पीजीटी) हैं।

परिवार और मुख्यमंत्री से संबंध

मोहन यादव की शादी कब और किससे हुई थी?

ब्रह्मादीन यादव के तीन बेटे और एक बेटी हैं। उनकी इकलौती बेटी सीमा यादव हैं, जिनकी शादी 1994 में मोहन यादव से उज्जैन में हुई थी। यह मुलाकात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी, जहाँ मोहन यादव उस समय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री थे और सीमा यादव भी संघ से जुड़ी हुई थीं। सीमा यादव ने 1989 में रीवा से भूगोल में एमए किया है।

ब्रह्मादीन यादव के बड़े बेटे रामानंद यादव इंडियन एयरफोर्स से रिटायर होकर जबलपुर में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके दूसरे बेटे सदानंद यादव रीवा में विद्या भारती में कार्यरत हैं। वर्ष 2023 में ब्रह्मादीन यादव की पत्नी का भी निधन हुआ था।

यह दौरा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लिए न केवल व्यक्तिगत दुख का क्षण था, बल्कि यह उनके पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं के प्रति सम्मान को भी दर्शाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने ससुर के अंतिम संस्कार में क्यों नहीं पहुँच पाए थे? A1: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी पत्नी के साथ सात दिवसीय दुबई और स्पेन के विदेश दौरे पर थे, जिसके कारण वे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए।

Q2: मुख्यमंत्री के ससुर का नाम क्या था और उनका निधन कहाँ हुआ? A2: मुख्यमंत्री के ससुर का नाम ब्रह्मानंद यादव था (जिन्हें ब्रह्मादीन भी कहा जाता था), और उनका निधन उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर स्थित उनके आवास पर हुआ था।

Q3: ब्रह्मानंद यादव ने अपने जीवन का अधिकांश समय कहाँ बिताया? A3: ब्रह्मानंद यादव ने अपने जीवन का सर्वाधिक समय (50 साल से अधिक) मध्यप्रदेश के रीवा में शासकीय शिक्षक के रूप में बिताया था।

Q4: मुख्यमंत्री मोहन यादव की पत्नी का नाम क्या है और उनकी शादी कब हुई थी? A4: मुख्यमंत्री मोहन यादव की पत्नी का नाम सीमा यादव है, और उनकी शादी 1994 में उज्जैन में हुई थी।

Q5: अंतिम संस्कार में सीएम की जगह कौन शामिल हुआ था? A5: सीएम के दोनों बेटे अपने नाना ब्रह्मानंद यादव के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।

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