कलेक्टर का बड़ा कदम: हज़ूर से मऊगंज तक नए सिरे से तय हुए राजस्व अधिकारियों के कार्य, रीवा में भू-राजस्व मामलों में आएगी तेजी?

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले में राजस्व संबंधी कार्यों में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। दिनांक 24 जुलाई 2025 को जारी इस आदेश (क्रमांक /सीमा/2025) में विभिन्न तहसीलों और अनुभागों में पदस्थ राजस्व अधिकारियों - तहसीलदार, नायब तहसीलदार, प्रभारी तहसीलदार, प्रभारी नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख और सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के कार्यक्षेत्र और पदनामों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है। यह कदम प्रदेश शासन के निर्देशों के अनुपालन में उठाया गया है, जिसका लक्ष्य राजस्व और गैर-राजस्व न्यायालयीन दोनों प्रकार के कार्यों को सुव्यवस्थित करना है।
राजस्व न्यायालयीन कार्यों का पुनर्गठन: क्या है नया आदेश?
नए आदेश के तहत, राजस्व न्यायालयीन कार्यों के लिए विशिष्ट अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य मामलों के त्वरित और प्रभावी निपटारे को सुनिश्चित करना है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि राजस्व संबंधी न्यायालयीन कार्य के लिए नियुक्त अधिकारी केवल राजस्व संबंधी न्यायालयीन कार्य ही संपादित करेंगे। उन्हें कलेक्टर की लिखित अनुमति के बिना कोई अन्य कार्य नहीं सौंपा जाएगा। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि अधिकारी अपने मुख्य कार्य पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकें, जिससे भू-राजस्व और संपत्ति संबंधी विवादों के समाधान में तेजी आएगी।
जिले के प्रमुख क्षेत्रों में किए गए प्रमुख कार्यभार वितरण इस प्रकार हैं:
- हज़ूर नगर: श्री शिवशंकर शुक्ला (प्रभारी तहसीलदार) और श्री यतीशा शुक्ला (नायब तहसीलदार)
- हज़ूर ग्रामीण: श्रीमती विद्या मिश्रा (नायब तहसीलदार) और श्री राजीव शुक्ला (नायब तहसीलदार)
- गुढ़: श्री अरुण यादव (प्रभारी तहसीलदार) और सुश्री महिमा पाठक (प्रशिक्षु नायब तहसीलदार)
- सिरमौर: श्री अनुपम पाण्डेय (प्रभारी तहसीलदार) और श्री रतन सिंह (प्रशिक्षु नायब तहसीलदार)
- रायपुर कर्चुलियां: श्री विजय ध्रुवे (प्रभारी तहसीलदार) और श्रीमती शारदा प्रसाद प्रजापति (नायब तहसीलदार)
- सेमरिया: श्री अरुण कुमार चतुर्वेदी (प्रभारी तहसीलदार) और श्री राजेश तिवारी (ई.ए.एल.आर.)
- मऊगंज: श्रीमती अंचल गंभीर (प्रभारी तहसीलदार)
- जवा: श्री जीतेन्द्र तिवारी (तहसीलदार)
- त्यौंथर: श्री राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला (प्रभारी तहसीलदार)
यह विभाजन अधिकारियों की विशेषज्ञता को बढ़ावा देगा और लंबित मामलों की संख्या को कम करने में मदद करेगा।
गैर-राजस्व न्यायालयीन कार्य और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के अधिकार
राजस्व कार्यों के साथ-साथ, गैर-राजस्व न्यायालयीन कार्यों (जो कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा संपादित किए जाते हैं) के लिए भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। आदेश के खंड 3 के अनुसार, प्रत्येक तहसील के थाना क्षेत्र में संबंधित नायब तहसीलदार या प्रभारी नायब तहसीलदार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अध्याय 02 की धारा 16 के तहत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में अधिकृत किया गया है। यह उन्हें कानून व्यवस्था बनाए रखने, शांति भंग के मामलों को रोकने और अन्य कार्यकारी मजिस्ट्रियल शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार देता है। उन्हें अपने थानावार कार्य विभाजन की जानकारी अनुविभागीय दंडाधिकारी को देना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था पुलिस प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करेगी और आपराधिक मामलों में त्वरित कार्यवाही को बढ़ावा देगी।
प्रशासनिक सुधार और जनता को त्वरित न्याय की उम्मीदें
इस नए आदेश को रीवा में प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अधिकारियों के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट करने और उनकी जिम्मेदारियों को निर्धारित करने से कार्यकुशलता में वृद्धि होने की उम्मीद है। जब अधिकारियों को उनके विशिष्ट कार्य सौंप दिए जाएंगे, तो वे उन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे, जिससे मामलों के निपटारे में लगने वाला समय कम होगा। यह अंततः आम जनता को त्वरित और पारदर्शी न्याय प्रदान करने में सहायक होगा। विशेषकर भू-राजस्व संबंधी विवादों और अन्य प्रशासनिक मामलों में नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अब उन्हें पता होगा कि किस कार्य के लिए किस अधिकारी से संपर्क करना है।
आदेश का पालन और भविष्य की चुनौतियाँ
इस आदेश की सफलता पूरी तरह से इसके कड़ाई से पालन पर निर्भर करेगी। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशों का पालन करना होगा और किसी भी प्रकार के परिवर्तन से पहले लिखित अनुमति लेनी होगी। इस आदेश की प्रतिलिपि प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग, प्रमुख राजस्व आयुक्त भोपाल, कमिश्नर रीवा संभाग, और सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सहित अन्य संबंधितों को भेजी गई है ताकि वे इसकी जानकारी से अवगत रहें और उचित कार्यवाही सुनिश्चित कर सकें। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नया ढांचा रीवा के राजस्व प्रशासन में कितना सुधार ला पाता है और नागरिकों को कितनी राहत मिलती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: रीवा कलेक्टर का यह नया आदेश किस दिनांक को जारी किया गया?
A1: यह आदेश दिनांक 24 जुलाई 2025 को जारी किया गया है।
Q2: इस आदेश का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A2: इसका मुख्य उद्देश्य राजस्व न्यायालयों के कामकाज में गति लाना, अधिकारियों के कार्यक्षेत्र निर्धारित करना और प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करना है।
Q3: किन-किन अधिकारियों के कार्यभार निर्धारित किए गए हैं?
A3: तहसीलदार, नायब तहसीलदार, प्रभारी तहसीलदार, प्रभारी नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख और सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के कार्यभार निर्धारित किए गए हैं।
Q4: क्या राजस्व न्यायालयीन कार्य वाले अधिकारी कोई अन्य कार्य कर सकते हैं?
A4: नहीं, वे केवल राजस्व संबंधी न्यायालयीन कार्य ही संपादित करेंगे, जब तक कि कलेक्टर से लिखित अनुमति न मिल जाए।
Q5: गैर-राजस्व न्यायालयीन कार्यों के लिए किसे अधिकृत किया गया है?
A5: प्रत्येक तहसील के थाना क्षेत्र में संबंधित नायब तहसीलदार या प्रभारी नायब तहसीलदार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 16 के तहत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में अधिकृत किया गया है।