रीवा में कांग्रेस का 'न्याय सत्याग्रह' : भाजपा सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा, पटवारी, सिंघार समेत कई नेता होंगे शामिल

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) आज रीवा शहर के पद्मकर पार्क में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस 'न्याय सत्याग्रह' में प्रदेश भर से जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता ने सरकार के कथित कुशासन, भ्रष्टाचार, महंगाई और अव्यवस्था के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। दोपहर 2 बजे से शुरू हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनता के बीच भाजपा सरकार की विफलताओं को उजागर करना और जनहित की लड़ाई को मजबूती देना था।
कांग्रेस का ‘न्याय सत्याग्रह’ क्यों? क्या हैं इसके प्रमुख मुद्दे?
इस सत्याग्रह के पीछे कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य जनता से जुड़े उन मुद्दों को उठाना था, जो पिछले कुछ समय से आमजन की परेशानी का कारण बन रहे हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष लखनलाल खण्डेलवाल ने कहा कि यह आंदोलन किसी एक वर्ग का नहीं, बल्कि किसानों, मजदूरों, युवाओं, व्यापारियों और आम जनता के हक की लड़ाई है। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में हर वर्ग परेशान है। इस प्रदर्शन में कई प्रमुख मुद्दों पर जोर दिया गया, जिन्हें हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
1. किसानों की दुर्दशा और खाद की किल्लत
पूरे प्रदेश में किसान खाद की कमी से जूझ रहे हैं। किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं। न्याय सत्याग्रह में कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। किसानों को खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है और कई जगहों पर तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। भाजपा सरकार किसानों के हक में क्या कर रही है, इस सवाल के साथ कांग्रेस ने सरकार को घेरा।
2. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध: सुरक्षा पर सवाल
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। बढ़ते अपराधों के कारण जनता में गुस्सा है, और सरकार इन पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। इस प्रदर्शन में महिला सुरक्षा को लेकर सरकार से जवाबदेही की मांग की गई। मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था कैसी है, यह सवाल कांग्रेस लगातार उठा रही है।
3. भ्रष्टाचार का बोलबाला: सरकारी महकमों में कुशासन
कांग्रेस का आरोप है कि सरकारी महकमों में नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। छोटे से छोटे काम के लिए भी आम जनता को रिश्वत देनी पड़ रही है। इस भ्रष्टाचार ने आमजन का जीना दूभर कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार के कुशासन में भ्रष्टाचार एक व्यवस्था बन चुका है। क्या भाजपा सरकार इस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कोई कदम उठा रही है, यह प्रश्न कांग्रेस ने सरकार से पूछा।
4. युवाओं में बढ़ती नशे की लत: भविष्य पर खतरा
युवाओं में नशे की बढ़ती लत एक गंभीर सामाजिक समस्या बनती जा रही है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को भी सत्याग्रह का हिस्सा बनाया और कहा कि सरकार इस समस्या को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठा रही है। नशे के कारोबार को रोकने में सरकार की विफलता युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रही है। युवा क्यों परेशान हैं और क्या सरकार उनके भविष्य को लेकर चिंतित है, इन मुद्दों पर नेताओं ने जोर दिया।
5. महंगाई और बेरोजगारी: आम आदमी की कमर टूटी
महंगाई और बेरोजगारी ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। बढ़ती कीमतें और घटते रोजगार के अवसर जनता की परेशानी को बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी पर काबू पाने में विफल रही है। इस प्रदर्शन में सरकार से पूछा गया कि महंगाई कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कैसे पैदा किए जा रहे हैं।
6. कांग्रेस नेताओं पर दर्ज एफआईआर और 'वोट चोरी' का राष्ट्रीय मुद्दा
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बदले की राजनीति कर रही है और कांग्रेस नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। इसके अलावा, हाल ही में उठे 'वोट चोरी' के राष्ट्रीय मुद्दे को भी इस सत्याग्रह में उठाया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह मुद्दा लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस प्रदर्शन में यह मुद्दा भी उठाया गया कि क्या भाजपा सरकार लोकतंत्र को कमजोर कर रही है?
कौन-कौन से बड़े नेता हुए शामिल?
इस न्याय सत्याग्रह कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जिससे इस आंदोलन को और अधिक मजबूती मिली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह 'राहुल', और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल जैसे कद्दावर नेता मंच पर मौजूद रहे। इन नेताओं ने जनता को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की और जनता से एकजुट होकर इस लड़ाई में साथ देने की अपील की। कार्यक्रम के लिए कांग्रेस की ब्लॉक इकाइयों में पहले ही बैठकें हो चुकी थीं, और कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया गया था, जो सफल रहा।