रीवा में अवैध कॉलोनाइजरों पर शिकंजा: 14 नामजद, बड़े चेहरों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार!

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा, मध्य प्रदेश। रीवा में अवैध कॉलोनियों का मायाजाल बिछाकर लोगों को ठगने वाले 14 बड़े कॉलोनाइजरों पर अब पुलिस का डंडा चला है। नगर निगम की रिपोर्ट के आधार पर सिविल लाइंस थाने में इन सभी के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक, इस सूची में कई रसूखदार और बड़े नाम शामिल हैं, जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।

सुनहरे सपनों का सौदागर: कैसे फंसाते थे लोगों को?
शहर के बाहरी इलाकों में इन अवैध कॉलोनाइजरों ने बिना किसी वैध अनुमति के धड़ल्ले से जमीनें बेचीं। ये भोले-भाले ग्राहकों को सड़क, बिजली, पानी, ड्रेनेज, पार्क जैसी मूलभूत सुविधाओं का सब्जबाग दिखाते थे। एक बार जब लोग प्लाट खरीद लेते थे, तब उन्हें पता चलता था कि कॉलोनी अवैध है और वहाँ किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है। इस तरह हजारों लोग ठगी का शिकार हुए और उनकी गाढ़ी कमाई डूब गई।

नगर निगम की सख्ती, पुलिस की कार्रवाई
लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद, नगर निगम ने आखिरकार इस मामले में सख्ती दिखाई। उन्होंने इन अवैध कॉलोनियों और उन्हें बसाने वाले कॉलोनाइजरों की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक कार्यालय को सौंपी गई, जिसके बाद एसपी के निर्देश पर सिविल लाइंस पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की धाराएं, अब गिरफ्तारी की तैयारी
पुलिस ने इन कॉलोनाइजरों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और अवैध रूप से कॉलोनी विकसित करने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। एफआईआर में 14 लोगों को नामजद किया गया है, हालांकि उनके नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जाएगी।

इस कार्रवाई से अवैध कॉलोनाइजरों में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले में निष्पक्ष जांच करेंगे और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। रीवा में अवैध प्लाटिंग और कॉलोनी कटिंग के खिलाफ इसे एक बड़ी और महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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