हाहाकार! रीवा के 'रानी कॉलेज' में 4.50 करोड़ का महा-गबन: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के शिक्षण संस्थान में करोड़ों का घोटाला, कर्मचारी गिरफ्तार - क्या और भी बड़े नाम होंगे बेनकाब?

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा में शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाला एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के स्वामित्व वाले प्रतिष्ठित रानी कॉलेज ऑफ एजुकेशन बीएड कॉलेज, रौसर में साढ़े चार करोड़ रुपये (4.50 करोड़) के महा-गबन का खुलासा हुआ है। कॉलेज प्रबंधन की शिकायत के बाद, पुलिस ने एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस बड़ी धोखाधड़ी के पीछे और कितने चेहरे छिपे हैं, यह सवाल अब पूरे शहर में गूंज रहा है।
करोड़ों का खेल: कैसे हुआ 'रानी कॉलेज' में गबन?
यह सनसनीखेज मामला रौसर स्थित रानी कॉलेज ऑफ एजुकेशन बीएड कॉलेज से जुड़ा है। कॉलेज प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके खातों से 4 करोड़ 50 लाख रुपये की बड़ी रकम का हेरफेर किया गया है। यह सुनते ही सबके होश उड़ गए। इतनी बड़ी रकम का गबन कैसे और किसकी मिलीभगत से हुआ, यह एक बड़ा प्रश्नचिह्न है।
चौरहटा पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध कर्मचारी को हिरासत में लिया। गहन पूछताछ के बाद, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार किए गए कर्मचारी का नाम और उसकी भूमिका का विस्तृत खुलासा नहीं किया है, जिससे इस मामले में और भी बड़े नामों के शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं।
सिस्टम पर सीधा सवाल: क्या यह सिर्फ एक कर्मचारी का काम है?
साढ़े चार करोड़ रुपये का गबन किसी एक कर्मचारी के बस की बात नहीं हो सकती। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि:
- क्या कॉलेज प्रबंधन की वित्तीय निगरानी में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?
- क्या इस घोटाले में कॉलेज के अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल हैं?
- पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के नाम से जुड़े संस्थान में इतना बड़ा वित्तीय अनियमितता का खेल कैसे चलता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी?
यह घटना शिक्षा संस्थानों में वित्तीय पारदर्शिता की कमी और आंतरिक ऑडिट सिस्टम की कमजोरी को उजागर करती है।
क्या बड़े नामों पर भी कसेगा शिकंजा?
फिलहाल, चौरहटा पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस गबन के पीछे कौन-कौन से दिमाग काम कर रहे थे और यह करोड़ों रुपये का घोटाला किस तरह से अंजाम दिया गया। रीवा की जनता और शिक्षा जगत से जुड़े लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि पुलिस जांच कब तक इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करती है और क्या इस मामले में कोई बड़ा राजनीतिक या प्रभावशाली चेहरा भी बेनकाब होता है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ता, और जब शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में ऐसा घोटाला होता है, तो यह समाज को अंदर तक हिला देता है। अब सबकी निगाहें पुलिस की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।