रीवा में 'तारे ज़मीन पर' गैंग का आतंक खत्म! CS की दहाड़ पर SP का ऑपरेशन: 17 चोर, 60+ वारदातों का खुलासा : ₹50 लाख का माल जब्त!
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले में पिछले काफी समय से बिजली के तार चोरी होने की घटनाएं एक आम बात हो गई थीं। इन लगातार हो रही चोरियों से न सिर्फ विद्युत वितरण कंपनी के ठेकेदार बल्कि पूरा विभाग परेशान था। कंपनी को लाखों का नुकसान हो रहा था। ठेकेदार कंपनियों ने कई बार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन आरोप है कि पुलिस इन शिकायतों को दर्ज नहीं कर रही थी और न ही चोरियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठा रही थी।

पुलिस की इस लापरवाही के कारण चोरों के हौसले बुलंद होते चले गए। एमडी तक पहुंचा मामला: जब स्थानीय पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिला, तो ठेका कंपनी ने सीधे मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) से शिकायत की। एमडी ने भी तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (SP) से बात की, लेकिन परिणाम शून्य रहा।
मुख्य सचिव (CS) की फटकार के बाद कार्रवाई
पुलिस की लगातार निष्क्रियता का मामला आखिरकार राज्य के शीर्ष प्रशासनिक स्तर, मुख्य सचिव (CS) तक पहुंचा।
एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के दौरान, मुख्य सचिव ने सीधे रीवा एसपी की क्लास लगाई और मामले में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यह उच्च दबाव ही था जिसके बाद रीवा पुलिस अचानक हरकत में आई।
- तत्काल प्रभाव: सीएस की फटकार के तुरंत बाद धड़ाधड़ प्रकरण दर्ज किए गए।
- तेज गति से जांच: एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने कुछ ही दिनों में मामले का खुलासा कर दिया।
चोरी की दो प्रमुख गैंग का पर्दाफाश
पुलिस ने इस पूरे ऑपरेशन में कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया और चोरों की दो बड़ी मंडली (गैंग) को पकड़ा।
- कबूलनामा: आरोपियों ने पूछताछ में 60 से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम देना कबूल किया है।
- बरामदी: चोरों के पास से 50 लाख रुपये से अधिक की कीमत का चोरी का माल (बिजली के तार और कंडक्टर) बरामद किया गया है।
चोरी का 'प्रोफेशनल' तरीका: कैसे करते थे वारदात?
पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि पकड़े गए अधिकांश आरोपी पहले ठेकेदारों के साथ काम करते थे।
चोरी का हुनर:
चूंकि उन्हें बिजली की लाइन बिछाने की पूरी तकनीकी जानकारी थी, इसलिए वे जानते थे कि खंभे पर लगे कंडक्टर (तार) को कैसे और कहाँ से काटना सुरक्षित और आसान होगा।
अपने इसी 'हुनर' का फायदा उठाकर उन्होंने रीवा, मऊगंज, सीधी, सतना, पन्ना सहित कई जिलों में चोरी की वारदातें कीं।
चोरी के तार और वाहनों का कनेक्शन
- चोरों ने चोरी किए गए तार बेचकर खुद को और भी प्रोफेशनल बना लिया था।
- चोरी के तार बेचने से मिले पैसे से उन्होंने दो लोडर वाहन खरीदे।
- बाद में इन्हीं लोडर वाहनों का उपयोग चोरी किए गए माल को एक जगह से दूसरी जगह ढोने (Transportation) के लिए किया जाने लगा, जिससे उनकी चोरी का काम और भी आसान हो गया। चोरी के तार बेचकर गाड़ी कैसे खरीदी, यह एक हैरान कर देने वाला तथ्य था।
कबाड़ से दिल्ली तक सप्लाई चेन का खुलासा
चोरी के तार को ठिकाने लगाने के लिए आरोपियों ने एक मजबूत सप्लाई चेन बना रखी थी।
- मुख्य खरीदार: ये चोरी के तार मुख्य रूप से कटनी के कबाड़ियों को बेचे जाते थे।
- अंतर्राज्यीय कनेक्शन: कटनी के कबाड़ियों का सीधा कनेक्शन दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों के बड़े सरगनाओं से था।
- आगे की सप्लाई: कबाड़ी इन्हीं बड़े सरगनाओं के माध्यम से चोरी के तार दिल्ली भेजते थे, जहाँ से उनकी सप्लाई अन्य राज्यों में की जाती थी।
तकनीकी मदद और 150+ सीसीटीवी फुटेज की भूमिका
पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को सुलझाने के लिए डीएसपी उदित मिश्रा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की। इस टीम में गुढ़ और गोविंदगढ़ थाना प्रभारी, साइबर सेल और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।
- कड़ी मेहनत: टीम ने चोरों तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की और 150 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
- सुराग: इतनी बड़ी संख्या में फुटेज खंगालने के बाद ही पुलिस को पहला सुराग मिला और आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े। चोरों को पकड़ने के लिए पुलिस ने क्या किया, यह दिखाता है कि तकनीक का इस्तेमाल कितना अहम था।
सोलर प्लांट में चोरी करने वाली 'पिता-पुत्र' गैंग
बिजली के तार चोरी करने वाली गैंग के अलावा, पुलिस ने सोलर प्लांट में चोरी करने वाली एक अलग गैंग का भी पर्दाफाश किया है। इस गैंग में कुल तीन आरोपी गिरफ्तार हुए, जिनमें पिता और पुत्र भी शामिल हैं।
कार्यशैली:
- पिता-पुत्र की जोड़ी चारा काटने के बहाने सोलर प्लांट परिसर के अंदर घुसती थी।
- इसके बाद वे प्लांट में लगी केबिल (Cable) को काटकर फरार हो जाते थे।
- चोरी की गई कॉपर केबिल को ये गलाकर बेचते थे।
गिरफ्तार आरोपी: कृष्णा लोनिया पिता त्रिवेणी लोनिया, त्रिवेणी लोनिया (पिता) (दोनों निवासी शारदा पटना थाना रामपुर नैकिन), और विपिन पटेल पिता नंद किशोर पटेल निवासी झांझ थाना रामपुर नैकिन।
आगे की कार्रवाई और कबाड़ियों पर शिकंजा
पुलिस अब चोरी के तार खरीदने वाले कबाड़ियों और बड़े सरगनाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। अब पुलिस आगे क्या करेगी, यह महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे चोरी के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने में मदद मिलेगी।
- जांच का दायरा: पुलिस कटनी के कबाड़ियों के माध्यम से दिल्ली कनेक्शन और अन्य राज्यों में सप्लाई करने वाले आरोपियों तक पहुंचने की तैयारी में है।
- उद्देश्य: इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना और यह सुनिश्चित करना कि भविष्य में ऐसी संगठित चोरियां न हों।