Rewa में जिंदा गाड़े जाने से बचीं देवरानी- जेठानी : राष्टीय महिला आयोग ने हत्या की कोशिश के मामले पर लिया संज्ञान, DGP से तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
Rewa News : मध्य प्रदेश में दो महिलाओं को जिंदा गाड़ने का दुस्साहस करने की घटना पर अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। National Commission for Women (NCW) ने "Truck Dumps Gravel On 2 Women, Tries To Bury Them Alive In Madhya Pradesh" टाइटल से संबंधित एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया।
इस मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घटना रीवा जिले के हिनौता गांव की है। जहां जमीन विवाद में ट्रक से मुरुम डाल महिलाओं को जिंदा दफनाने की कोशिश की गई। NCW ने इस मामले में DGP को खत लिखा है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मध्य प्रदेश के DGP को खत लिख इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और यह भी कहा है कि इसमें क्या ऐक्शन लिया गया है? इसकी भी जानकारी तीन दिन के अंदर दी जाए।
अंदरूनी चोटें भी आई हैं। डॉक्टर के मुताबिक, हालत स्थिर है, पूरी तरह ठीक होने में एक - दो दिन लग सकते हैं। मनगवां थानाक्षेत्र के गंगेव चौकी गांव में सरकारी जमीन पर सड़क बनाने का विरोध करने पर आशा पांडेय और उनकी देवरानी ममता को जिंदा दफनाने की कोशिश की गई थी। आशा और ममता का रिश्ते में ससुर लगने वाले गौकरण पांडेय से जमीन पर रास्ते को लेकर विवाद है।
मामला कोर्ट में है। गौकरण इसी जमीन पर रास्ता बनाने के लिए मुरम गिरवा रहा था। डंपर से मुरम ममता और आशा पर पलट दी गई थी। शनिवार की घटना में मुरम के ढेर में ममता गर्दन तक दबकर बेहोश हो गई थी। दोपहर करीब 3 बजे परिजन अस्पताल ले गए, शनिवार रात 9 बजे डिस्चार्ज होकर घर पहुंची। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 3 बजे फिर हालत बिगड़ गई। उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
ममता से ही जानते हैं...
अभी भी सांस लेने में तकलीफ, शरीर में तेज दर्द है
मीडिया से बातचीत में ममता ने बताया, 'मैं 2 घंटे तक बेहोश रही। शनिवार रात 9 बजे अस्पताल से छुट्टी होने के बाद परिवार वाले घर ले जा रहे थे। रास्ते में उल्टी होने लगी थी। घर तक आई तो चक्कर आ गया और सीने के साथ पूरे शरीर में दर्द होने लगा। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। मेरी हालत देखकर परिवार वाले डर गए। रात 3 बजे वापस अस्पताल ले आए और भर्ती करा दिया। नाक में धूल-मिट्टी जाने से सांस लेने में अभी भी दिक्कत हो रही है। अभी भी पूरे शरीर में दर्द है। चलते नहीं बन रहा। खड़ी होती हूं तो ऐसा लगता है कि चक्कर आ जाएगा।'
आरोपी धमका रहे- अगली बार नहीं बचोगी
ममता का कहना है, आरोपी दबंग हैं। वे धमकी दे रहे हैं कि इस बार तो जिंदा बच गई, अगली बार नहीं बचोगी। मौका मिलते ही मार देंगे। मुझे अभी भी डर लग रहा है। वे लोग कुछ भी कर सकते हैं। प्रशासन को सुरक्षा देनी चाहिए और आरोपियों पर कठोर कार्रवाई करना चाहिए।
आशा पांडेय ने बताया, घटना वाले दिन मैं और ममता ही घर में थे। आरोपियों ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि आज ही मुरम गिराकर रास्ता बनाएंगे। उसी में तुम दोनों को भी दबा देंगे। धमकी को हमने गंभीरता से नहीं लिया।
जमीन हमारी, कोर्ट से पक्ष में फैसले आ चुके
ममता के पति जीवेश पांडेय का कहना है, हमारे घर की महिलाएं मरने से बच गईं। मैं ग्राम हिनौता कोठार का रहने वाला हूं। पट्टे की जमीन में रिश्तेदार जबरदस्ती मुरम डाल रहे थे, जिस पर घर की महिलाओं ने मना किया था। जमीन का विवाद 2002 से चल रहा है। जमीन हमारे पिताजी के नाम पर है। न्यायालय की ओर से दो बार मेरे पक्ष में फैसला भी हो चुका है। अब उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की है। जहां से अभी फैसला आना बाकी है। जमीन का पट्टा अभी भी हमारे नाम पर है।'
राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। सोमवार को आयोग ने डीजीपी को पत्र लिखकर 3 दिन में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। इधर, पुलिस ने हाइवा मालिक राजेश सिंह व आकाश पांडेय को भी आरोपी बनाया है। अब आरोपियों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। पुलिस अब तक राजेश सिंह, हाइवा चालक प्रमोद कोल और महिला के देवर विपिन को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, ससुर गोकरण पांडेय व एक अन्य फरार हैं।