भूकंप! रीवा शिक्षा विभाग में महा-घोटाला: अनुकंपा नियुक्ति के बाद अब 'ट्रांसफर स्कैम' की परतें खुलीं, 30 से ज्यादा शिक्षकों की फर्जी पोस्टिंग! जेडी ऑफिस से सीधे 'खेल' का पर्दाफाश

 
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नियमों को ताक पर! रीवा शिक्षा विभाग में 'JD राज': 2022 में प्रतिबंध के बावजूद धड़ाधड़ फर्जी पदस्थापनाएं, बिना पद खाली जाने ही भर दिए स्कूल! 'स्थानांतरण नीति' की सरेआम धज्जियां

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा। स्कूल शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा और नियम विरुद्ध कार्यों की कोई सीमा नहीं रह गई है। हाल ही में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई अनुकंपा नियुक्तियों का मामला सामने आया था, जिसमें 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्तिधारी एक साल की जांच में मिले और 7 के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। अभी इस मामले में कमिश्नर की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। इसी बीच, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय, रीवा से एक और चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहाँ पदांकन आदेश जारी करने में गंभीर अनियमितताएं बरती गई हैं।

तत्कालीन जेडी के कार्यकाल में 30 नियमों के विरुद्ध आदेश:
यह सारा अनियमितता तत्कालीन संयुक्त संचालक (जेडी) संतोष कुमार त्रिपाठी के कार्यकाल में हुई है। दरअसल, जो शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर थे, उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद जेडी ने सीधे तौर पर खुद ही रीवा से उनका पदांकन (पदस्थापन) कर दिया। यह कार्य वर्ष 2022 की नई स्थानांतरण नीति का सीधा उल्लंघन है, जिसमें इस तरह के पदांकन पर रोक लगा दी गई थी। बताया जा रहा है कि इस तरह के करीब 30 आदेश जारी किए गए।

नए जेडी ने खोला राज, भोपाल भेजी लिस्ट:
जब नीरव दीक्षित नए जेडी के रूप में रीवा में पदस्थ हुए, तो उनके सामने ऐसे प्रकरण आने लगे। एक मामले में उन पर काफी दबाव भी बनाया गया और पुराने आदेशों का हवाला दिया गया। इसके बाद जब फाइलों की गहनता से जांच की गई, तो ऐसे नियमों के विरुद्ध जारी किए गए आदेशों की लंबी कतार लग गई। वर्ष 2022 से 2024 के बीच ऐसे करीब 30 प्रकरण सामने आए। नीरव दीक्षित ने इन सभी की सूची बनाकर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल भेज दी है। इसके अतिरिक्त, तीन नए प्रकरण भी शासन को भेजे गए हैं, जो नियमानुसार पदांकन के लिए थे। भोपाल पत्र भेजे जाने के बाद अब शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

2022 में बदला था पदांकन का नियम:
पहले सहायक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त होने पर पदांकन का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के पास और वर्ग दो के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त होने पर पदांकन का अधिकार जेडी के पास होता था। लेकिन, वर्ष 2022 में शासन ने नई स्थानांतरण नीति जारी की, जिसमें बड़ा बदलाव किया गया। इस नीति के तहत, प्रतिनियुक्ति की समाप्ति को स्थानांतरण की तरह माना गया और नियम बनाया गया कि जितनी भी प्रतिनियुक्ति समाप्त होती हैं, उनका प्रस्ताव शासन के पास भेजना अनिवार्य होगा। इसके बावजूद, रीवा जेडी कार्यालय में पुरानी प्रक्रिया से ही पदांकन आदेश जारी होते रहे। हालांकि, जेडी केपी तिवारी ने दो प्रकरण और वर्तमान जेडी नीरव दीक्षित ने एक प्रकरण शासन की गाइडलाइन के अनुसार आयुक्त लोक शिक्षण के पास पदांकन के लिए भेजा है। जिन तीन प्रकरणों को शासन को भेजा गया है, उनमें सुनील कुमार पाठक (माध्यमिक शिक्षक, शाउमावि पैपखरा), राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी (मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 3) और प्रज्ञा पटेल (हाई स्कूल समान) शामिल हैं।

बिना पद के ही कर दी गई पदस्थापना:
इस फर्जीवाड़े की हद तो यह है कि प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के बाद स्कूलों में रिक्त पदों का भी ध्यान नहीं रखा गया। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पदों की जानकारी लिए बिना ही सीधे पदांकन आदेश जारी कर दिए गए। इसके परिणामस्वरूप, अधिकांश शिक्षक अतिशेष हो गए हैं। कई स्कूलों में विज्ञान के पद नहीं थे, फिर भी विज्ञान शिक्षकों का पदांकन आदेश जारी कर दिया गया, जिससे शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हुई है।

इन शिक्षकों की हुई गलत पदस्थापना (कुछ प्रमुख नाम):
प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के बाद जेडी कार्यालय से गलत तरीके से पदस्थापित किए गए 30 शिक्षकों में कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

श्रीमती गुंजन पाण्डेय (माध्यमिक शिक्षक) - मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 3
आरसी मिश्रा (प्रधानाध्यापक) - शाउमावि बालक रायपुर कर्चुलियान
महेन्द्र मौर्या (प्रधानाध्यापक) - हाई स्कूल शासन सिंगरौली
दिलीप कुमार मिश्रा (मा. शिक्षक) - माध्यमिक शाला हनुमानगंज रीवा
विष्णु प्रताप सत्यम (मा. शिक्षक) - शापूमावि कुशहा 95 रीवा
वेदांत कुमार तिवारी (मा. शिक्षक) - शापूमावि पन्नी रीवा
अमर सिंह (मा. शिक्षक) - शापूमावि बसरेही रीवा
आदित्य कुशवाहा (मा. शिक्षक) - शामावि चंदई रीवा
वीरेन्द्र सोनी - शापूमावि पहरखा
बालमुकुंद पाण्डेय - शापूमावि लोही रीवा
शिवानंद द्विवेदी (मा. शिक्षक) - शापूमावि बधई की पाटी रीवा
सिंकदार सिंह (मा. शिक्षक) - शापूमावि देवरा रीवा
उमाशंकर मिश्रा - शाउमावि मझिगवां
लक्ष्मीकांत पाण्डेय - शाउमावि पहाड़ी
बंसलाल सिंह - शापूमा सरदमन रीवा
संतोष द्विवेदी - शाउमावि पहाड़ी
राजनारायण पाण्डेय - शापूमावि जामू
विजय कुमार सिंह - शापूमा मरैला
सुनील कुमार श्रीवास्तव - शापूमावि मरैला
मो इमरीस (मा. शिक्षक) - शापूमावि नेबूहा
संदीप कुमार अग्निहोत्री (मा. शिक्षक) - शापूमावि सहजना नंबर 1
नत्थू प्रसाद उर्मलिया (मा. शिक्षक) - शापूमावि नरौरा
महेन्द्र कुमार पटेल - शामावि भाठी रीवा
सुदामा प्रसाद कोल (उच्च श्रेणी शिक्षक) - शाउमावि रौरा
कुमारी दिव्या सिंह - शाउमावि रौरा
मनोज कुमार पटैल (मा. शिक्षक) - शाउमावि गुढ़ रीवा
उमाकांत तिवारी - शापूमावि शुकुलगवां
राजेन्द्र कुमार मिश्रा - धोपखरा
रविधर द्विवेदी (माध्यमिक शिक्षक) - शामावि बांसी बरगाहिन, रीवा
अमित कुमार तिवारी (मा. शिक्षक) - शासकीय हाई स्कूल चौरा

 

इस नए खुलासे ने रीवा के शिक्षा विभाग में चल रहे कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की परतें और गहरी कर दी हैं, जिससे विभाग की छवि पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। कमिश्नर की अनुकंपा नियुक्ति मामले की जांच रिपोर्ट और इस नए पदांकन फर्जीवाड़े की जांच के बाद बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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