रीवा की राजनीति में 'भूचाल': क्या रवीना साकेत की कुर्सी जाएगी? 19 सदस्यों का विरोध, अब कलेक्टर के पाले में गेंद!

 
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रीवा जिले की सिरमौर जनपद पंचायत में सियासी पारा गरमा गया है। बुधवार को जनपद पंचायत के 19 सदस्यों ने वर्तमान जनपद अध्यक्ष रवीना साकेत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर प्रतिभा पाल को सौंप दिया। जनपद में कुल 25 सदस्य हैं, जिसका अर्थ है कि प्रस्ताव को दो-तिहाई से भी अधिक सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जो इसे काफी मजबूत बनाता है।

सियासी दिग्गजों का हाथ और भाजपा की चुनौती
बताया जा रहा है कि इस अविश्वास प्रस्ताव की अगुवाई सेमरिया विधायक अभय मिश्रा के करीबी मिश्रीलाल तिवारी और राजेंद्र सिंह कर रहे हैं। वहीं, सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह के समर्थक विनोद सिंह (जिनकी पत्नी जनपद सदस्य हैं) भी इस पहल में शामिल हैं।

यह स्थिति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि जनपद अध्यक्ष रवीना साकेत और जिला उपाध्यक्ष दोनों ही भाजपा समर्थित हैं। ऐसे में यह अविश्वास प्रस्ताव सीधे तौर पर सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह की राजनीतिक प्रतिष्ठा को चुनौती दे रहा है।

रविराज विश्वकर्मा पर भी नाराजगी
जनपद सदस्यों ने सामूहिक रूप से यह भी व्यक्त किया है कि वे जनपद अध्यक्ष के करीबी और भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष रविराज विश्वकर्मा से भी नाराज हैं। रविराज विश्वकर्मा को विधायक दिव्यराज सिंह का नजदीकी माना जाता है, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है।

अध्यक्ष की चुप्पी और आगे की कार्यवाही पर नजर
अविश्वास प्रस्ताव सौंपे जाने के बाद से जनपद अध्यक्ष रवीना साकेत की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। अब सभी की निगाहें कलेक्टर प्रतिभा पाल पर टिकी हैं कि वे इस अविश्वास प्रस्ताव पर आगे की कार्यवाही कब तय करती हैं। साथ ही, यह देखना भी दिलचस्प होगा कि भाजपा इस आंतरिक कलह और सियासी चुनौती को कैसे संभालती है।

यह घटना रीवा के स्थानीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। क्या आप इस मामले पर कोई और जानकारी जानना चाहेंगे?

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