एक्सक्लूसिव! रीवा में न्याय के मंदिर में 'चेंबर घोटाला'?: लाखों की वसूली का आरोप, वकीलों में महा-कलह! राज्य बार काउंसिल को लेना पड़ा संज्ञान

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिला अधिवक्ता संघ में इन दिनों नए जिला न्यायालय भवन में चेंबरों के आवंटन और बैठक व्यवस्था को लेकर भारी विवाद और आरोपों का बवंडर खड़ा हो गया है। मामला इतना गंभीर हो गया है कि मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद, जबलपुर की अपील समिति को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा है। आरोप है कि अधिवक्ता संघ द्वारा चेंबरों के बंटवारे के लिए लाखों रुपये की वसूली की जा रही है और प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है।
2.5 लाख की मांग से शुरू हुआ विवाद: सरकारी फंड से बने चेंबर पर वसूली का आरोप!
यह विवाद तब गहराया जब नए जिला न्यायालय भवन में चेंबर आवंटन की प्रक्रिया शुरू हुई। अधिवक्ता विजय विक्रम सिंह द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति (दिनांक 27.06.2025) के अनुसार, अधिवक्ता संघ रीवा ने कथित तौर पर चेंबर आवंटन और बैठक व्यवस्था के लिए प्रत्येक वकील से 2,50,000 रुपये की राशि लेने की मांग की थी।
विजय विक्रम सिंह का दावा है कि नए न्यायालय भवन में चेंबरों का निर्माण अधिवक्ता संघ के फंड से नहीं, बल्कि शासकीय राशि से हुआ है, ऐसे में उनसे किसी भी प्रकार की राशि वसूलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि 23.05.2025 को इस संबंध में जिला न्यायाधीश महोदय को एक आवेदन भी दिया गया था, जिस पर 24.05.2025 को स्थगन जारी किया गया था।
हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी, 6,500 रुपये की और मांग?
अधिवक्ता विजय विक्रम सिंह ने आरोप लगाया है कि जिला अधिवक्ता संघ माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा 07.12.2017 को जारी निर्देश (मेमो) का पालन नहीं कर रहा है। इस निर्देश के तहत 4% चेंबरों का आवंटन न्यायिक अधिकारियों के लिए और शेष 100% अधिवक्ताओं के लिए होना चाहिए, लेकिन कथित तौर पर पारदर्शिता का अभाव है।
इतना ही नहीं, प्रेस विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख किया गया है कि अब बैठक व्यवस्था के नाम पर 6,500 रुपये की अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही है, जो कि न्यायोचित नहीं है। विजय विक्रम सिंह ने इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पारदर्शिता और न्यायसंगत नीति बनाने के लिए अधिवक्ताओं की आम सभा बुलाई जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
राज्य अधिवक्ता परिषद की अपील समिति का हस्तक्षेप: वसूली बंद करने और पारदर्शिता का आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए, मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद, जबलपुर की अपील समिति ने संज्ञान लिया है। अपील समिति (आदेश दिनांक 25.06.2025) ने यह आदेश पारित किया है कि जिला अधिवक्ता संघ रीवा चेंबरों के बंटवारे के लिए कोई पैसा नहीं लेगा, और उसके बंटवारे के लिए एक पारदर्शी नीति बनाई जाएगी।
अपील समिति ने इस कार्य के लिए राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर के सदस्य श्री शिवेन्द्र उपाध्याय एवं श्री अखण्ड प्रताप सिंह के साथ-साथ अधिवक्ता संघ के सचिव एवं अध्यक्ष को अधिकृत किया है कि वे मिलकर बैठक व्यवस्था करें और पारदर्शिता सुनिश्चित करें। अपील समिति ने कार्यकारी सचिव को भी निर्देशित किया है कि वे अधिवक्ता संघ रीवा को इस आदेश की सूचना भेजें।
यह आदेश मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के कार्यकारी सचिव, सुश्री गीता शुक्ला द्वारा जिला अधिवक्ता संघ रीवा को भी प्रेषित किया गया है (पत्र दिनांक 25.06.2025)।
इस पूरे घटनाक्रम ने रीवा के कानूनी बिरादरी में गहरा विभाजन पैदा कर दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं से लेकर युवा वकीलों तक, सभी की निगाहें अब अपील समिति के आदेश के पालन और आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं, ताकि न्याय के इस पवित्र प्रांगण में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।