एक्सक्लूसिव! रीवा में पोषण आहार पर 'पैरों का पहरा': सड़े अनाज को कुचलकर बन रहा गर्भवती महिलाओं और बच्चों का निवाला! वायरल वीडियो से मचा कोहराम!

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले में स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा को शर्मसार करने वाला एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गर्भवती महिलाओं और मासूम बच्चों को दिए जाने वाले 'पौष्टिक' आहार पर अब 'गंदगी का ग्रहण' लग गया है। एक हैरान कर देने वाला वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें रीवा के पहाड़िया स्थित टेक होम राशन (THR) प्लांट में सड़े-गले अनाज को अमानवीय तरीके से पैरों से कुचलकर मशीनों में डालते हुए एक युवक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। इस घिनौनी करतूत ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है और पोषण आहार की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जिला पंचायत की निगरानी में 'ज़हर' परोसने की तैयारी? आंगनवाड़ियों में भेजी जा रही है 'गंदी' सप्लाई!
यह प्लांट सीधे जिला पंचायत के माध्यम से संचालित होता है, और यहीं से तैयार किया गया पूरक पोषण आहार रीवा जिले की सभी आंगनवाड़ियों में सप्लाई किया जाता है। कल्पना कीजिए, जिस आहार को नौनिहालों और गर्भवती माताओं को पोषण देने के लिए बनाया जा रहा है, उसे इस तरह की गंदगी और लापरवाही से तैयार किया जा रहा है। वीडियो में दिख रही यह तस्वीर खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ा रही है, जो सीधे तौर पर सैकड़ों जिंदगियों को खतरे में डाल रही है।

पोषण आहार के लिए जिस राशन का उपयोग किया जा रहा है, उसे पैरों से कुचलकर मशीन में डालने का यह तरीका न केवल घृणित है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ एक अक्षम्य खिलवाड़ है। यह घटना सरकार की महत्वपूर्ण पोषण योजनाओं की ईमानदारी और उद्देश्य पर भी एक काला धब्बा लगाती है।

कलेक्टर प्रतिभा पाल ने दिए तुरंत जांच के आदेश: क्या होगी कड़ी कार्रवाई या सिर्फ लीपापोती?
मामला सामने आते ही जिले में तीव्र आक्रोश फैल गया है। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस गंभीर शिकायत का तुरंत संज्ञान लिया है। कलेक्टर पाल ने मीडिया को बताया, "पहाड़िया THR प्लांट से जुड़ी शिकायत सामने आई है। मैंने जिला पंचायत सीईओ को तत्काल मौके पर जाकर निरीक्षण करने और यह जांचने के निर्देश दिए हैं कि किस प्रकार का पूरक पोषण आहार तैयार किया जा रहा है और किस तरह का अनाज उपयोग में लिया जा रहा है।"

THR प्लांट का संचालन स्थानीय महिला समूहों द्वारा किया जाता है, जिसका लक्ष्य महिलाओं को सशक्त करने के साथ-साथ पोषण भी सुनिश्चित करना था। लेकिन, इस घटना ने इस पूरे मॉडल की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर बड़े प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं।

अब सभी की निगाहें सीईओ जिला पंचायत की जांच रिपोर्ट और उसके बाद होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं। जनता की मांग है कि इस आपराधिक लापरवाही में शामिल सभी दोषियों – चाहे वे कर्मचारी हों, ठेकेदार हों या अधिकारी – उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी और मिसाल कायम करने वाली कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की अमानवीय हरकत दोबारा न हो और रीवा के बच्चों व माताओं को स्वच्छ और पौष्टिक आहार मिल सके।

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