REWA में बेमौसम बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद;  ओले वाले क्षेत्र में अधिकारी कर रहे हैं सर्वे, बारिश वाले क्षेत्र में नहीं पहुंचा कोई जिम्मेदार

 
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MP/ REWA NEWS : बेमौसम बारिश से किसानों के खेत में खड़ी गेहूं की फसले तबाह हो गई है। खेतों में लगी लागत न वापस होने के कारण गरीब किसानों का रो रोकर बुरा हाल है। आरोप है कि जिन जिलों में ओले गिरे है। वहां राजस्व विभाग के तहसीलदार व पटवारी सर्वे कर रहे है। जबकि जिन इलाकों में मुसलाधार बारिश व हवा से गेहूं पसर गया है। वहां कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा है।

दैनिक भास्कर से बातचीत में रीवा जिले के सिरमौर जनपद अंतर्गत शाहपुर गांव के युवा किसान आशुतोष शुक्ला पुत्र आशीष शुक्ला 36 वर्ष ने पीड़ा बया की। कहा कि हमने दो एकड़ में गेहूं की फसल बोई। गांव में सबसे अच्छा हमारा गेहूं था। क्योंकि हाइब्रिड का काश्तकार अच्छा उत्पादन देता है। हमने मात्रा अनुसार डीएपी और यूरिया खाद का छिड़काव किया।

एक एकड़ खेत में आई 15 हजार की लागत
वर्षा से तबाह किसान ने अपना दुखड़ा सुनाया। कहा कि एक एकड़ में 20 हजार रुपए से ज्यादा की लागत लग चुकी है। जुताई और बुवाई में 3000 रुपए, गेहूं बीज नया काश्तकार 3000 रुपए, डीएपी और यूरिया खाद 4000 रुपए, खेत की सिंचाई 4000 रुपए, कल्चर और जिंक 1000 रुपए की लागत लग चुकी है। ओवरहाल दो एकड़ में 30 हजार खर्च हो चुके है।

जबकि उत्पादन 25 से 30 क्विंटल होगा। ऐसे में दो एकड़ के खेत में 50 से 60 हजार की उपज होती। अब 6000 रुपए कटाई और 4000 रुपए गहाई में लगेगा। क्योंकि मवेशी होने के चलते हार्वेस्टर की जगह लेबरों से कटाई कराते है। फिर थ्रेसर से गहाई होती है। बेमौसम बारिश से उत्पादन 5 से 10 क्विंटल सिमट गया है। कुल मिलाकार किसान का चौतरफा घाटा हुआ है।

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