सीतापुर-हनुमना सिंचाई परियोजना से 653 गांवों के किसान होंगे लाभान्वित : मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जिले के किसानों की बदलेगी तकदीर : उप मुख्यमंत्री

 
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कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने विन्ध्य की महत्वकांक्षी सीतापुर-हनुमना माइक्रो सिंचाई परियोजना की समीक्षा की। इसके लिए शासन द्वारा 4167.93 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। परियोजना निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी से 3700.89 करोड़ का अनुबंध हो गया है। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि सीतापुर-हनुमना सिंचाई परियोजना से मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जिले के किसानों की तकदीर और खेती की तस्वीर बदल जाएगी। इस परियोजना से 653 गांवों में एक लाख 20 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। परियोजना का निर्माण कार्य समय पर शुरू कराने के लिए राजस्व, वन तथा जल संसाधन विभाग समन्वय से प्रयास करके आवश्यक स्वीकृति जारी कराएं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना का बांध सीधी जिले में अमिलिया के पास सोन नदी में प्रस्तावित किया गया है। यह क्षेत्र सोन घड़ियाल अभ्यारण्य में स्थित है। निर्माण कार्यों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति, वन्यजीव संरक्षण संबंधी स्वीकृति तथा अन्य स्वीकृति आवश्यक होंगी। इसके लिए जल संसाधन विभाग ऑनलाइन आवेदन कर दे। वन विभाग के अधिकारियों के सहयोग से जल संसाधन विभाग परियोजना की मंजूरी के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर लें। इसके लिए विशेषज्ञ की भी सलाह ले सकते हैं। इस सिंचाई परियोजना से लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। घड़ियाल के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बांध का निर्माण कराएं, जिससे विकास के कार्यों के साथ वन्य जीवों के संरक्षण में भी किसी तरह का प्रभाव न पड़े।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुती सिंचाई परियोजना के शेष निर्माण कार्य को पूरा करके किसानों को दिसम्बर माह तक सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करा दें। नहरों की साफ-सफाई और मरम्मत का कार्य एक माह में पूरा कराएं। अधूरे निर्माण कार्य 30 नवम्बर तक पूरा कराकर दिसम्बर माह में नईगढ़ी एक परियोजना में सात हजार हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराएं।

बैठक में मुख्य अभियंता जल संसाधन ने बताया कि सीतापुर-हनुमना सिंचाई परियोजना में सोन नदी पर 268.90 एमसीएम क्षमता का बांध बनाया जाएगा। इससे सोन घड़ियाल के बेसिन में 2000 हेक्टेयर जमीन, 1290 हेक्टेयर निजी भूमि तथा 15 हेक्टेयर वन भूमि डूब क्षेत्र में आएगी। बांध से रीवा जिले के 11 गांवों में 3000 हेक्टेयर, मऊगंज में 399 गांवों में 62500 हेक्टेयर, सीधी जिले में 140 गांवों में 26500 हेक्टेयर तथा सिंगरौली जिले के 103 गांवों में 28000 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। बैठक में क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व अमित दुबे ने कहा कि प्रस्तावित बांध सोन नदी पर बनाया जा रहा है। सोन नदी पर पूर्व से ही बाणसागर बांध निर्मित है, जिसके पानी के उपयोग के लिए मध्यप्रदेश सहित तीन राज्यों के बीच में समझौता है। प्रस्तावित बांध सोन घड़ियाल अभ्यारण्य में स्थित है। इसके निर्माण के लिए राज्य और केन्द्र शासन तक प्रस्ताव भेजने होंगे। घड़ियालों के संरक्षण को ध्यान में रखकर ही कार्ययोजना बनानी होगी। बैठक में कमिश्नर रीवा संभाग बीएस जामोद, आईजी एमएस सिकरवार, कलेक्टर रीवा श्रीमती प्रतिभा पाल, कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव, एडीएम मैहर शैलेन्द्र सिंह, मुख्य अभियंता जल संसाधन एके डेहरिया, कार्यपालन यंत्री विनोद ओझा, कार्यपालन यंत्री बीपी मिश्रा, कार्यपालन यंत्री अमरदीप त्रिपाठी तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं निर्माण एजेंसी के कंसल्टेन्ट सेवानिवृत्त सीएफ एसपीएस तिवारी उपस्थित रहे।

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