रीवा में बाढ़ का भयावह रूप: प्रमुख मार्ग बंद, महाना नदी उफान पर; ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति बदतर

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) पिछले 12 घंटों से जारी मूसलाधार बारिश ने रीवा जिले में बाढ़ का विकराल रूप ले लिया है। मंनगवा (मझगवां) से लेकर त्यौंथर तहसील तक, हर जगह पानी का प्रहार दिख रहा है। प्रमुख सड़कों पर आवागमन ठप हो गया है और ग्रामीण इलाकों की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है।

पुरवा गांव और त्यौंथर तहसील में जल प्रलय

मझगवां ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाला पुरवा गांव इस समय पूरी तरह से जलमग्न है। वीडियो फुटेज और स्थानीय निवासियों के बयानों से स्पष्ट है कि पानी घरों के अंदर तक प्रवेश कर चुका है। नारायण मिश्रा के घर के पास का मंजर तो पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है, जो दर्शाता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। त्यौंथर तहसील के गांवों में भी बाढ़ जैसे हालात हैं, जहां लगातार बारिश ने निचले इलाकों को पूरी तरह से डुबो दिया है।

प्रमुख मार्गों पर आवागमन ठप

रीवा जिले में बाढ़ के कारण कई महत्वपूर्ण मार्ग बंद हो गए हैं:

  • मंनगवा से बैकुंठपुर मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है।

  • रामपुर, शुकुल गंवा, तिवनी मार्ग पर हर जगह पानी भरा हुआ है, जिससे आवागमन असंभव हो गया है।

  • मंनगवा से बुडबा, करौंदा, सिरखिनी जाने वाले मार्ग पर सेंगरी नदी पूरी तरह से डूबी हुई है, जिससे इन गांवों का संपर्क टूट गया है।

यह स्थिति न केवल रोजमर्रा की गतिविधियों को बाधित कर रही है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं और राहत कार्यों के पहुंचने में भी बड़ी बाधा बन रही है।

नदियां उफान पर, महाना नदी खतरे के निशान से ऊपर

जिले की नदियां, विशेषकर महाना नदी, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। सेंगरी नदी के उफान पर होने से भी कई ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।

कृषि और आजीविका पर गहरा संकट

पुरवा गांव और त्यौंथर तहसील दोनों जगह खेतों में पानी भर जाने से किसानों की फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं। कृषि इन क्षेत्रों की मुख्य आय का स्रोत है, इसलिए फसलों का यह नुकसान दीर्घकालिक आर्थिक संकट का कारण बन सकता है। स्थानीय खाद्य सुरक्षा भी प्रभावित होने की आशंका है।

मऊगंज में भी बाढ़ का असर

हाल ही में गठित मऊगंज जिले के खटखरी बाजार में मुख्य हाइवे पर भी बरसात का पानी भर गया है। जब मुख्य सड़कों का यह हाल है, तो दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।

तत्काल राहत और बचाव की आवश्यकता

पानी का स्तर लगातार बढ़ने से यह स्पष्ट है कि मौजूदा उपाय पर्याप्त नहीं हैं। इस भयावह स्थिति में जीवन और संपत्ति की हानि को कम करने के लिए तत्काल प्रभावी राहत और बचाव कार्यों की आवश्यकता है। स्थानीय लोग प्रशासन से तुरंत मदद की गुहार लगा रहे हैं, जो दर्शाता है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर संवाद और त्वरित सहायता कितनी आवश्यक है। प्रशासन को इस आपदा से निपटने और प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर काम करने की जरूरत है।

मुख्य बिंदु:

  • मझगवां के पुरवा गांव में घरों तक घुसा पानी।

  • त्यौंथर तहसील के गांवों में बाढ़ जैसे हालात।

  • मंनगवा-बैकुंठपुर, रामपुर-शुकुल गंवा-तिवनी, मंनगवा-बुडबा-करौंदा-सिरखिनी मार्ग बंद।

  • महाना और सेंगरी नदियां खतरे के निशान से ऊपर।

  • खटखरी बाजार (मऊगंज) के मुख्य हाइवे पर पानी भरा।

  • कृषि को भारी नुकसान, आर्थिक संकट की आशंका।

  • तत्काल राहत और बचाव कार्यों की मांग।

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