रीवा के आराधना ट्रेडर्स, इंडस्ट्री और अजय ब्रदर्स पर GST AEB की दबिश से व्यपारियों में मचा हड़कंप

 
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रीवा। मिली जानकारी के अनुसार रीवा में संचालित आराधना ट्रेडर्स, आराधना इंडस्ट्री और अजय ब्रदर्श की तीन फर्मों में जीएसटी एईबी विंग ने छापामार दिया। जीएसटी एईबी विंग को बड़े पैमानें पर जीएसटी चोरी की जानकारी हुई थी। अजय ताम्रकार व उनकी पत्नी के नाम से तीन फर्में संचालित हो रही है। इंडस्ट्री भरी चला रहे हैं। यही वजह है कि जीएसटी विंग को करोड़ों रुपए के हेरफेर का अंदेश हआ। दो दिनों से दुकान और इंडस्ट्री में कार्रवाई चल रही है। गुरुवार को त्योंहार के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाएगी। जांच पूरी नहीं होने पर 29 सितंबर को फिर आगे की जांच चलेगी। करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी का अंदेशा है।

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फैक्ट्री पत्नी के नाम से चला रहे
अजय ताम्रकार के नाम से अजय ब्रदर्श बर्तन की दुकान संचालित है। वहीं अजय ताम्रकार ने आराधना ताम्रकार पत्नी के नाम से फैक्ट्री और एक दुकान खोल रखी है। तीनों का संचालन किया जा रहा है। फैक्ट्री में बर्तन बनाए जाते हैं और इन्हें खुद की दुकान और दूसरे शहरों में बेंचा जाता है।

टर्न ओव्हर में कर रहे थे खेल
रीवा के अजय ताम्रकार जीएसटी के निशाने पर टैक्स और टर्न ओव्हर के चक्कर में निशाने पर आए हैं। अधिकारियों की मानें तो इनकी तीनों फर्मों से जीएसटी रिटर्न में सिर्फ 6 से 7 करोड़ का ही सालभर का टर्नओव्हर दिखाया जाता है। जबकि इंडस्ट्री होने के कारण टर्न ओव्हर कहीं और अधिक है। इसके अलावा यह उद्योग से अपनी दुकान में भी बर्तन की सप्लाई करते हैं। ऐसे में खुद की दुकान में बर्तन बेंचकर भी दस्तावेजों में हेरफेर कर सकते हैं।

सिर्फ एक दुकान में ही मिली लाखों की गड़बड़ी
अजय ताम्रकार की दो दुकान और एक फैक्ट्री है। कार्रवाई मंगलवार से शुरू हुई। कार्रवाई के दौरान संचालक इंदौर में थे। ऐसे में दस्तावेज स्टॉक से मिलान के लिए नहीं मिल पाए। बुधवार को संचालक के रीवा पहुंचने के बाद ही दस्तावेज उपलब्ध हुए। सुबह से कार्रवाई जारी है। देर रात तक सिर्फ एक दुकान का ही स्टॉक क्लियर हो पाया है। अभी काफी गड़बड़ी मिली है। एक दुकान और फैक्ट्री की जांच होना बांकी है। वर्ष 2017 से अब तक के सारे रिकार्डों की जांच की जाएगी।

यह भी काम करते थे, पकड़े गए
जांच के दौरान टीम को इस बात की जानकारी नहीं थी कि अजय ताम्रकार बर्तन की दुकान और फैक्ट्री के अलावा कोई और भी बिजनेस करते हैं। जांच हुई तो पता चला कि वह धार्मिक पुस्तकों की खरीदी बिक्री भी करते हैं। टीम इस मामले की भी जांच कर रही है।

अजय ताम्रकार और उनकी पत्नी के नाम से तीन फर्में हैं। तीनों की जांच चल रही है। अभी जांच पूरी नहीं हुई है। संचालक इंदौर में थे। इसके कारण रिकार्ड उपलब्ध नहीं हो पाया था। बुधवार को सुबह आएं हैं। रिकार्ड मिलने के बाद जांच शुरू हो पाई। अभी आगे भी जांच चलेगी।

- उमेश त्रिपाठी डिप्टी कमिश्नर, जीएसटी एईबी विंग सतना

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