REWA लक्ष्मण बाग संस्थान के नए महंत होंगे जगदगुरु स्वामी राघवाचार्य : 4 और 5 जुलाई को होगा भव्य समारोह, लक्ष्मणबाग से जुड़े हैं देश के तीर्थ स्थलों के 5 दर्जन मंदिर

 
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देश के प्रसिद्ध कथावाचक और अयोध्या के प्रसिद्ध रामलला सदन के महंत जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य महाराज को उनकी विद्वता और धार्मिकता को देखते हुए एक ई जिम्मेदारी दी जा रही है। उन्हें मध्य प्रदेश के रीवां स्टेट से जुड़े लक्ष्मण बाग संस्थान के महंत का दायित्व इसी माह 4 और 5 जुलाई को हाेने वाले भव्य समारोह में दी जाएगी। समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

लक्ष्मणबाग संस्थान रीवा में स्वामी हरिवंश आचार्य महाराज के परम पद प्राप्त होने के बाद पूर्व मंत्री महाराजा पुष्प राज सिंह की अध्यक्षता में बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में पूर्वमंत्री तथा रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल एवं जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल सहित काफी संख्या में संत समाज एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

इस अवसर पर महाराजा पुष्पराज सिंह ने महंत के रूप में स्वामी राघवाचार्य महाराज के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्व सम्मत से स्वीकार किया गया है। महाराजा पुष्प राज सिंह ने प्रस्ताव में कहा कि वर्तमान समय में पूर्व महंत का परमपद हो जाने से महंत का पद रिक्त है जिसमें संस्थान की गरिमा व परंपरा अनुसार रामानुज संप्रदाय के विरक्त संत स्वामी जगतगुरु राघवाचार्य महाराज अयोध्या को लक्ष्मणबाग संस्थान रीवा में महंत पद पर नियुक्त किया जाना उचित रहेगा। जिससे संस्थान की गरिमा फिर से स्थापित हो सके। इसका सभी सदस्यों ने सर्व सम्मत से समर्थन किया।

लक्ष्मणबाग संस्थान से जुड़े हैं देश के तीर्थ स्थलों के 5 दर्जन मंदिर

बैठक में बताया गया कि लक्ष्मणबाग संस्थान रीवा रामानुज संप्रदाय की अत्यंत प्राचीन पीठ है। जिस पीठ पर अनेकानेक धर्माचार्य हुए जो रीवा एवं विंध्य के साथ-साथ उत्तर भारत में धर्म का प्रचार-प्रसार एवं संरक्षण किया। इस कारण से लक्ष्मण बाग संस्थान उत्तर भारत का एक मात्र रामानुज संप्रदाय का प्राचीन संस्थान है। लक्ष्मणबाग पीठ रीवा शाही राज परिवार की गुरु गद्दी पीठ रही है। रीवा राज परिवार के महाराजाओं द्वारा संस्थान के धर्म गुरुओं के आशिर्वाद प्राप्त कर रीवा राज का संचालन करते थे। बताया गया कि स्वामी राघवाचार्य महाराज पूरे भारत वर्ष में करीब एक हजार से अधिक कथा भागवत एवं प्रवचन कर चुके हैं तथा अत्यंत विद्वान और विरक्त संत हैं। इनके महंत बनने से लक्ष्मणबाग संस्थान का पुराना वैभव वापस होगा। इस संस्थान से देश के तीर्थों में 60 से ज्यादा मंदिर जुड़े हुए हैं।

बैठक के दौरान परमपद प्राप्त महंत स्वामी हरिवंशाचार्य के बैकुण्ठ उत्सव मनाने का सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया। आगामी 4 एवं 5 जुलाई को यह लक्ष्मण बाग संस्थान में होगा। जिसमें तमाम भारत वर्ष एवं विंध्य के संतों का समागम होगा।बैठक में पंडित बाला व्यंकटेश शास्त्री, डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी, राजेश पाण्डेय, पं. रामायण प्रसाद तिवारी, आचार्य बलराम पाण्डेय, चिरहुलानाथ के पुजारी गोकरणाचार्य, पं. दीनानाथ शास्त्री दामोदराचार्य, अरूणाचार्य, षटकोपाचार्य, पूर्व एसडीएम एवं कार्यपालन अधिकारी योगेन्द्र द्विवेदी, विनोदाचार्य महाराज, महामृत्युंजय के प्रधान पुजारी वंशपति प्रसाद त्रिपाठी के अलावा शहर के सभी मंदिरों के पुजारी, संत उपस्थित रहे।

जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य के शिष्य हैं

बताते चले कि जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी राघावाचार्य देश के प्रसिद्ध संत जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य के शिष्य हैं। स्वामी वासुदेवाचार्य राम मंदिर आंदोलन से जुड़े देश के प्रमुख विद्वान संत हैं। इनके शिष्य जगदगुरू रामानुजाचार्य डाक्टर राघवाचार्य की गिनती देश के प्रसिद्ध विद्वान कथावाचकों में हैं। रामलला के दर्शन मार्ग स्थित रामलला सदन के अलावा अयोध्या में एक और मंदिर के महंत हैं।

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