रीवा में 'तेजाबी हैवानियत' का इंसाफ! 2 साल पुराने मलियान टोला कांड में कृष्णा सोनी को 10 साल का 'कठोर कारावास', 4 निगमकर्मियों पर फेंका था तेजाब!

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर को दहला देने वाले मलियान टोला तेजाब कांड के मुख्य आरोपी कृष्णा मुरारी सोनी को जिला न्यायालय ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास (rigorous imprisonment) की सजा सुनाई है। दो साल पहले दीपावली के त्यौहार के दौरान हुई इस नृशंस घटना में कृष्णा ने नगर निगम के चार कर्मचारियों पर तेजाब फेंक दिया था, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
पटाखों के मामूली विवाद ने लिया भयावह रूप:
यह जघन्य घटना दो साल पहले दीपावली के त्यौहार के दौरान सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के मलियान टोला में घटी थी। बताया जाता है कि पड़ोस के बच्चे द्वारा देर रात पटाखे फोड़ने को लेकर एक मामूली विवाद शुरू हुआ था। यह छोटा सा विवाद गुस्से और हिंसा में तब बदल गया, जब आरोपी कृष्णा मुरारी सोनी ने आवेश में आकर नगर निगम के कर्मचारियों - शाहिद वाल्मीकि, निशांत वाल्मीकि, अजय वाल्मीकि और समीर वाल्मीकि पर तेजाब फेंक दिया। आरोपी ने तेजाब डालने के बाद यह धमकी भी दी थी कि यदि कोई बीच में आया तो उसे जान से मार देगा।
गंभीर रूप से घायल हुए थे कर्मचारी:
तेजाबी हमले के कारण चारों कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए थे। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ कुछ को 30 से 85 दिनों तक इलाज के लिए रुकना पड़ा। पीड़ितों को शरीर के 10% हिस्से तक जलने जैसी गंभीर चोटें आई थीं, जिसके निशान आज भी उनके शरीर पर मौजूद हैं। यह हमला शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर पीड़ितों के जीवन को प्रभावित कर गया।
पुलिस की मुस्तैदी और जाँच:
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। एएसआई महेंद्र त्रिपाठी ने इस मामले की गहनता से जांच की और सबूत जुटाए। पुलिस ने आरोपी कृष्णा मुरारी सोनी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 (गाली-गलौज), 326 A (तेजाब या किसी खतरनाक पदार्थ से जानलेवा हमला) और 506 B (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस की सक्रियता और सावधानी से की गई जांच ने इस मामले को न्यायालय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
9 गवाहों की गवाही और न्यायालय का फैसला:
इस मामले की सुनवाई के दौरान कुल नौ गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिन्होंने आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए। गवाहों के बयानों और पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर, जिला न्यायालय ने आरोपी कृष्णा मुरारी सोनी को धारा 326 A के तहत दोषी पाया। न्यायालय ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
पीड़ितों के लिए मुआवजे का आदेश:
न्यायालय ने केवल सजा ही नहीं सुनाई, बल्कि आरोपी पर जुर्माना भी लगाया है। यह जुर्माने की राशि पीड़ितों को मुआवजे के रूप में दी जाएगी, जो उनके इलाज और पुनर्वास में मदद करेगी। यह न्यायालय की संवेदनशीलता को दर्शाता है कि वह पीड़ितों के आर्थिक और चिकित्सा खर्चों का भी ध्यान रखता है।
यह मामला न केवल एक जघन्य अपराध की कहानी है, बल्कि यह न्यायपालिका की सख्ती और पुलिस की सक्रियता का भी एक उदाहरण है, जो ऐसे गंभीर अपराधों को अंजाम देने वालों के लिए एक कड़ा संदेश है। यह घटना समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि छोटे विवादों को हिंसा में बदलने से बचना चाहिए।