Hacking Exposed! DM के नाम पर लाखों का चूना, रीवा में दो संदिग्ध दबोचे, ATM फुटेज में कैद हुए जालसाज।
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) हाल ही में, खरगोन कलेक्टर भव्या मित्तल के मोबाइल नंबर को निशाना बनाकर एक बड़ा साइबर अपराध किया गया है। साइबर ठगों ने न केवल उनके वॉट्सऐप अकाउंट को हैक किया, बल्कि इस फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल कर अधिकारियों और कर्मचारियों को मैसेज भेजकर पैसे की मांग भी की। यह मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि यह दर्शाता है कि उच्च-पदस्थ व्यक्तियों के नाम का दुरुपयोग करके भी वित्तीय धोखाधड़ी की जा सकती है, जिससे सरकारी कामकाज और लोगों के भरोसे पर सवाल खड़े होते हैं।

वॉट्सऐप हैकिंग की प्रक्रिया कैसे हुई?
साइबर अपराधियों ने कलेक्टर भव्या मित्तल के वॉट्सऐप अकाउंट को हैक करने के लिए वियतनाम के एक अंतरराष्ट्रीय नंबर (+84339410118) का उपयोग किया। यह तरीका अक्सर 'सिम स्वैपिंग' या 'ओटीपी फिशिंग' जैसे तरीकों का संकेत देता है, जहाँ ठग किसी तरह से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) प्राप्त कर लेते हैं और पीड़ित के अकाउंट का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेते हैं।
सहायक आयुक्त को बनाया निशाना
वॉट्सऐप अकाउंट पर कब्जा करने के बाद, ठगों ने कलेक्टर बनकर खरगोन के जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त इकबाल हुसैन आदिल को मैसेज भेजे। इन मैसेजों पर भरोसा करके सहायक आयुक्त ने लगभग एक लाख रुपए की बड़ी रकम ठगों द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। शिकायत मिलने के बाद ही पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू की।
रीवा कनेक्शन: बैंक खाते और एटीएम फुटेज
पुलिस की प्रारंभिक जांच में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि सहायक आयुक्त से ठगी गई रकम जिन खातों में ट्रांसफर की गई थी, वे खाते रीवा शहर के थे। यह जानकारी मिलते ही खरगोन पुलिस की एक विशेष टीम तुरंत रीवा पहुँची ताकि मामले की तह तक जाया जा सके।
एटीएम फुटेज से मिली सफलता
रीवा पहुँचकर पुलिस ने उन बैंक खातों से जुड़े एटीएम बूथों की तलाश की। जॉन टावर और लैंडमार्क जैसे स्थानों पर स्थित एटीएम से पैसे निकालते हुए दो संदिग्ध व्यक्ति सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए। फुटेज के आधार पर ही पुलिस ने रीवा में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
किराए" के खाते और कमीशन का लालच
इस तरह के साइबर अपराधों में एक नया ट्रेंड सामने आया है, जिसे 'किराए' के खातों (Rented Accounts) का उपयोग कहा जाता है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि ठगी की रकम इन्हीं 'किराए' के खातों में भेजी गई थी।
ठग छोटे कमीशन का लालच देकर गरीब या जरूरतमंद लोगों को अपने बैंक खाते उन्हें इस्तेमाल करने के लिए देने के लिए फुसलाते हैं। खाताधारक कुछ प्रतिशत कमीशन के बदले अपने अकाउंट की जानकारी और एटीएम कार्ड ठगों को सौंप देते हैं। इस तरह, मुख्य अपराधी गुमनाम बने रहते हैं और पुलिस की जांच में ये 'किराए' के खाताधारक ही सबसे पहले पकड़ में आते हैं।
पुलिस की पूछताछ और मुख्य आरोपी की तलाश
पुलिस अब इन संदिग्ध खाताधारकों से न केवल पैसे निकालने के संबंध में जानकारी जुटा रही है, बल्कि यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि उनका मुख्य आरोपियों से क्या संबंध है। वर्तमान में, मामले का मुख्य सरगना और अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
पुलिस की कार्यवाही और वर्तमान स्थिति
खरगोन के एसपी रविन्द्र वर्मा ने इस मामले में रीवा से कनेक्शन मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और कुछ अन्य फरार अपराधियों की तलाश जारी है। पुलिस के अनुसार, मामले की गहनता से पड़ताल की जा रही है और विवेचना पूरी होने पर इस पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा। यह मामला अंतरराज्यीय साइबर अपराध का एक उदाहरण हो सकता है।
साइबर सुरक्षा युक्तियाँ: ठगी से कैसे बचें?
इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए नागरिकों और अधिकारियों को सतर्क रहना बहुत ज़रूरी है। साइबर ठगी से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
- ओटीपी (OTP) साझा न करें: किसी भी परिस्थिति में, फोन कॉल या मैसेज पर किसी को भी वन टाइम पासवर्ड (OTP) साझा न करें।
- अज्ञात नंबरों से सावधान: किसी भी संदिग्ध या अंतर्राष्ट्रीय नंबर (+84 जैसे वियतनाम कोड) से आए मैसेज या कॉल पर आँख बंद करके भरोसा न करें।
- पैसे ट्रांसफर से पहले पुष्टि: यदि कोई अधिकारी या परिचित व्यक्ति मैसेज करके तत्काल पैसे की मांग करता है, तो ट्रांसफर करने से पहले उन्हें सीधे कॉल करके पुष्टि करें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA): वॉट्सऐप समेत सभी महत्वपूर्ण अकाउंट पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को सक्रिय रखें, यह आपके खाते की सुरक्षा बढ़ाता है।
निष्कर्ष
खरगोन कलेक्टर के वॉट्सऐप अकाउंट हैक से शुरू हुआ यह साइबर फ्रॉड का मामला, रीवा में संदिग्धों की गिरफ्तारी के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आ गया है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर अपराधी अब उच्च-पदस्थ लोगों को निशाना बनाकर भी अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस की त्वरित कार्यवाही से ठगों के नेटवर्क का जल्द ही पर्दाफाश होने की उम्मीद है।