रीवा में 'जंगलराज' का Live Video: दिनदहाड़े मारपीट, अपहरण का प्रयास; कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल, CCTV कैमरे किसलिए?

 
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रीवा, मध्य प्रदेश: रीवा शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बिछिया थाना क्षेत्र के एसएफ चौराहे पर दिनदहाड़े हुई एक सड़क दुर्घटना के बाद सरेआम मारपीट और अपहरण के प्रयास का एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। यह घटना दर्शाती है कि शहर में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं और पुलिस की मौजूदगी के दावों के बावजूद सार्वजनिक स्थानों पर नागरिक कितने असुरक्षित हैं।

सीसीटीवी कैमरे किसलिए? पुलिस की मुस्तैदी पर प्रश्नचिह्न
शहर में अपराधों पर नियंत्रण और निगरानी के लिए लाखों रुपये खर्च कर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन दिनदहाड़े सड़क पर इतनी बड़ी घटना (मारपीट और अपहरण का प्रयास) होना इन कैमरों की उपयोगिता और पुलिस की मुस्तैदी पर सीधा प्रश्नचिह्न लगाता है। क्या ये कैमरे केवल दिखावे के लिए हैं? जब अपराधी बेख़ौफ़ होकर इस तरह की वारदात को अंजाम दे सकते हैं, तो आम नागरिक की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?

मामूली टक्कर, फिर 'गुंडागर्दी' का नंगा नाच
जानकारी के अनुसार, यह पूरा विवाद एक कार और बाइक के बीच हुई मामूली टक्कर से शुरू हुआ। सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में लोग समझौता या पुलिस को सूचित करते हैं, लेकिन यहाँ स्थिति पूरी तरह से बदल गई। टक्कर के बाद दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौज शुरू हुई और देखते ही देखते यह मारपीट में बदल गई।

वीडियो में साफ दिख रहा है कि कार सवार के कुछ अन्य साथी भी मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद उन्होंने बाइक सवार के साथ बुरी तरह मारपीट की। हद तो तब हो गई जब उन्होंने बाइक सवार को जबरन अपनी कार में बिठाकर ले जाने का प्रयास किया। यह दृश्य किसी फिल्मी 'गुंडागर्दी' से कम नहीं था, जो शहर के एक व्यस्त चौराहे पर खुलेआम चल रहा था।

कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल: क्या रीवा में 'जंगलराज' है?
यह घटना केवल एक सड़क विवाद नहीं, बल्कि रीवा की कानून व्यवस्था की पोल खोलती है। जहां पुलिस थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित एसएफ चौराहे जैसे प्रमुख स्थान पर ऐसी वारदात होती है, वहां आम जनता अपने आप को कितना सुरक्षित महसूस कर सकती है? पुलिस का खौफ अपराधियों में क्यों नहीं दिख रहा?

स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप से ही पीड़ित को बचाया जा सका, लेकिन यह सवाल उठना लाजिमी है कि पुलिस समय रहते क्यों नहीं पहुंची? क्या शहर में निगरानी तंत्र इतना कमजोर है कि ऐसी घटनाएं दिनदहाड़े होती रहें और पुलिस को वायरल वीडियो के सहारे ही जानकारी मिले?

यह घटना एक कड़ा संदेश देती है कि पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने और शहर में कानून का राज स्थापित करने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे। अपराधियों के हौसलों को कुचलना होगा और जनता में सुरक्षा का विश्वास बहाल करना होगा।

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