धमाका! रीवा के त्योंथर से निकला बांग्लादेशी घुसपैठियों का फर्जीवाड़ा कनेक्शन! SP ने किया पुष्टि, अब रायपुर पुलिस MP में भी जांच करेगी!

 
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रीवा, मध्य प्रदेश / रायपुर, छत्तीसगढ़ - छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पकड़े गए एक बांग्लादेशी घुसपैठिए दंपती का कनेक्शन अब मध्य प्रदेश के रीवा जिले से जुड़ गया है। रायपुर पुलिस की गहन पड़ताल में यह खुलासा हुआ है कि इस बांग्लादेशी दंपती की फर्जी मार्कशीट रीवा के त्योंथर से बनवाई गई थी। इस नए खुलासे के बाद, रायपुर पुलिस बहुत जल्द इस मामले की पड़ताल के लिए रीवा में भी दस्तक दे सकती है।

रीवा के पुलिस अधीक्षक (SP) विवेक सिंह ने इस संबंध में पुष्टि करते हुए कहा, "अभी इस मामले को लेकर कुछ सूत्रों से यही जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने कुछ बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा है। जिनकी जाली मार्कशीट रीवा के त्योंथर से संबंधित किसी स्कूल की बताई गई है।" उन्होंने आगे कहा कि "हमें अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। इस संबंध में रायपुर पुलिस को हमारी जो भी मदद आवश्यक होगी, हम वो पूरी मदद करेंगे। खुद भी हम इस दिशा में पड़ताल करेंगे।"

क्या है पूरा मामला? 16 साल पहले हुई थी घुसपैठ

रायपुर के टिकरापारा इलाके में सरकारी कार्यालय के पास अंडा ठेला लगाने वाला व्यक्ति, दिलावर खान, बांग्लादेशी नागरिक निकला। 13 जून को टिकरापारा पुलिस को मुखबिर से इसकी सूचना मिली। सूचना के आधार पर पुलिस ने दिलावर खान की जानकारी जुटाई और टिकरापारा के धर्मनगर इलाके में स्थित उसके किराए के मकान में दबिश दी।

दबिश के दौरान, दिलावर खान के घर से पुलिस ने उसकी पत्नी परवीन बेगम और उसकी नाबालिग बेटी को हिरासत में ले लिया। दिलावर खान का एक बेटा मलेशिया में है, जिसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है। पुलिस पूछताछ में दिलावर खान ने कबूल किया कि वह 16 साल पहले बांग्लादेश के मुंशीगंज से अवैध रूप से बॉर्डर पार कर रायपुर आया था। एक साल के भीतर ही उसने अपनी पत्नी परवीन और उस समय एक साल के बेटे को भी अवैध तरीके से सीमा पार करवाकर रायपुर बुला लिया था। हालांकि, उनकी बेटी का जन्म छत्तीसगढ़ में ही हुआ है।

फर्जी मार्कशीट और अन्य दस्तावेज: रीवा का 'त्योंथर' कनेक्शन

पुलिस की जांच में सामने आया है कि दिलावर खान ने भारत में रहते हुए एक फेक मार्कशीट भी बनवाई थी। इसी फर्जी मार्कशीट के आधार पर उसने बाद में पैन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट जैसे अहम दस्तावेज भी बनवा लिए। अपने दस्तावेज बनाने के बाद उसने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के भी फर्जी दस्तावेज बनवाए।

रायपुर पुलिस के मुताबिक, दिलावर खान को यह फर्जी मार्कशीट बनाने में उसके अंडे के ठेले पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने मदद की थी। कर्मचारी ने मार्कशीट बनाने के बदले 1000 रुपये लिए और रीवा जाने के लिए किराया मांगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह फर्जी मार्कशीट मध्य प्रदेश के रीवा जिले की त्योंथर तहसील के एक माध्यमिक विद्यालय की थी। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस कर्मचारी का नाम उजागर नहीं किया है।

बड़े नेटवर्क का खुलासा: कई बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

रायपुर पुलिस ने दिलावर खान और उसके परिवार के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। दिलावर खान और उसके परिवार के अलावा, छत्तीसगढ़ में अब तक एक दर्जन से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिक पकड़े जा चुके हैं। ये गिरफ्तारियां रायपुर के अलावा दुर्ग और रायगढ़ जिले में भी हुई हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इनमें से कुछ बांग्लादेशी नागरिक छत्तीसगढ़ में रहने के दौरान 4-5 बार बांग्लादेश होकर आए हैं और फोन व ऐप के माध्यम से लगातार अपने देश के लोगों के संपर्क में रहे हैं।

पुलिस अब दिलावर खान और उसके परिवार को फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद करने वाले मददगारों की कुंडली खंगाल रही है। दिलावर के ठेले पर काम करने वाले कर्मचारी के अलावा, उसके मकान मालिक और दस्तावेज बनाने के लिए अनुशंसा पत्र देने वालों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने दिलावर खान के घर से कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच करवाई जा रही है। जांच अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में दिलावर खान के सभी मकान मालिकों और उसके मददगारों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिलावर छत्तीसगढ़ में अब तक 4 किराए के मकानों में रह चुका है।

यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध घुसपैठ के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा कर रहा है, जिसमें स्थानीय स्तर पर फर्जी दस्तावेज बनाने में मिलीभगत भी उजागर हो रही है। रीवा पुलिस और रायपुर पुलिस के संयुक्त अभियान से इस पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है।

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