कलेक्टर मैडम! रीवा की BEO आकांक्षा सोनी पर कार्रवाई कब? शिक्षक ने वेतन मांगा तो BEO ने कर दी झूठी शिकायत, शिक्षक संघ ने सौंपे भ्रष्टाचार के सबूत, की तत्काल हटाने की मांग

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) आकांक्षा सोनी एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं. इस बार उन पर एक शिक्षक को सिर्फ इसलिए परेशान करने का आरोप लगा है, क्योंकि उसने अपने बकाए वेतन के भुगतान में हो रही देरी का कारण पूछा था. शिक्षक का दावा है कि वेतन मांगने पर BEO ने न सिर्फ उसे धमकी दी, बल्कि बाद में झूठी शिकायत दर्ज कराकर उसे और भी मुश्किल में डाल दिया.

शिक्षक का आरोप: वेतन मांगा तो मिली धमकी और फिर झूठी शिकायत
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब बैंक से लोन लिए एक शिक्षक 3 जुलाई को BEO आकांक्षा सोनी के पास वेतन में हो रही देरी के बारे में जानने गए. शिक्षक का कहना है कि जैसे ही उसने यह बात पूछी, BEO उस पर भड़क उठीं और उसे निलंबन और बर्खास्तगी तक करवाने की धमकी दे डाली. डर के मारे शिक्षक चुपचाप वहां से लौट आया.

लेकिन, बात यहीं खत्म नहीं हुई. शिक्षक का आरोप है कि BEO आकांक्षा सोनी ने अपने चापलूस शिक्षकों के बहकावे में आकर रीवा कलेक्टर के सामने उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करा दी. शिकायत में कहा गया कि शिक्षक ने BEO के साथ अभद्र व्यवहार किया था.

शिक्षक का खंडन और सीसीटीवी फुटेज की मांग
शिक्षक ने BEO के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि जिस दिन BEO ने शिकायत की, वह उनके कक्ष के भीतर गया ही नहीं था. उसका कहना है कि उस दिन वह केवल बाहर मैदान में मौजूद था, जहां शिक्षकों के विभिन्न संगठन मीडिया के सामने बयान दे रहे थे. शिक्षक का दावा है कि उसकी BEO से न तो कोई बात हुई और न ही मुलाकात. उसने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए मार्तंड क्रमांक एक में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की भी मांग की है. शिक्षक का कहना है कि इस झूठी शिकायत के कारण उसे बेवजह परेशान किया जा रहा है और उसके पठन-पाठन में भी बाधा आ रही है.

मध्य प्रदेश शिक्षक संघ का हस्तक्षेप: BEO की कार्यशैली पर सवाल
इस मामले की जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र चतुर्वेदी ने तुरंत रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को एक लिखित शिकायत दी है. शिकायत में कहा गया है कि जब से आकांक्षा सोनी रीवा विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनी हैं, वह लगातार विवादों का केंद्र बनी हुई हैं. उन पर शिक्षकों के साथ अमर्यादित और अशिष्ट शब्दों का प्रयोग करने, अनावश्यक दबाव बनाने और अपने कार्यालय में दर्जनों से ज्यादा शिक्षकों को अटैच करके रखने का आरोप है, जो कि नियमों के खिलाफ है.

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संघ ने अपनी शिकायत में BEO आकांक्षा सोनी की कार्यशैली पर अंकुश लगाने और उन्हें इस पद से हटाने की मांग की है. इसके साथ ही, जितेंद्र चतुर्वेदी ने आकांक्षा सोनी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की भी जांच कराने की अपील कलेक्टर से की है. 

इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा विभाग में अधिकारियों की मनमानी और शिक्षकों के शोषण जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर किया है. अब देखना यह है कि रीवा कलेक्टर इस मामले में क्या कार्रवाई करती हैं और क्या पीड़ित शिक्षक को न्याय मिल पाता है.

माननीय कलेक्टर महोदय को शिकायत: रीवा वीईओ आकांक्षा सोनी पर लगे गंभीर आरोप, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच की मांग

रीवा विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) और डीडीओ (आहरण संवितरण अधिकारी) श्रीमती आकांक्षा सोनी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए मध्य प्रदेश शिक्षक संघ, जिला इकाई रीवा ने रीवा कलेक्टर को एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा है. 10 जनवरी, 2025 को लिखे गए इस पत्र में आकांक्षा सोनी पर भ्रष्टाचार और कई तरह की अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई और जांच की मांग की गई है.

शिकायत के मुख्य बिंदु:
शिक्षक संघ ने अपनी शिकायत में आकांक्षा सोनी के प्रभार संभालने के बाद से विकासखंड में उत्पन्न हुई समस्याओं और अनियमितताओं का विस्तृत विवरण दिया है. प्रमुख आरोप निम्नलिखित हैं:

वेतन और स्वत्वों के भुगतान में अत्यधिक विलंब: शिकायत में कहा गया है कि कर्मचारियों के वेतन और अन्य स्वत्वों (जैसे भत्ते, बकाया आदि) का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

यात्रा भत्ता (TA) में धोखाधड़ी: आरोप है कि कर्मचारियों के यात्रा भत्ते (टीए) का भुगतान वास्तविक दूरी के बजाय ज्यादा दूरी दिखाकर किया जा रहा है, जो सीधे तौर पर वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी का मामला है.

मृत कर्मचारियों के अनुग्रह राशि के प्रकरणों में देरी: दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि (compassionate amount) के प्रकरणों को कोषालय में प्रस्तुत करने में जानबूझकर विलंब किया जा रहा है, जिससे पीड़ित परिवारों को और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीपीएफ/सीपीएफ भुगतान में लापरवाही: सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि (GPF) और अंशदायी भविष्य निधि (CPF) के भुगतान से संबंधित प्रकरणों को महालेखाकार कार्यालय (Accountant General's Office) को समय पर नहीं भेजा जा रहा है, जिससे उन्हें अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी अपनी जमा पूंजी के लिए भटकना पड़ रहा है.

जीपीएफ/सीपीएफ पार्ट फाइनल प्रकरणों का निराकरण नहीं: जीपीएफ और सीपीएफ से आंशिक निकासी (part final) से संबंधित प्रकरणों का भी समय पर निराकरण नहीं किया जा रहा है.

शिक्षकों का अवैध अटैचमेंट: शिकायत में यह भी कहा गया है कि शासन द्वारा गैर-शिक्षकीय कार्यों में शिक्षकों के संलग्निकरण (attachment) पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद, वीईओ कार्यालय में बड़ी संख्या में शिक्षकों को अटैच करके रखा गया है. यह नियमों का सीधा उल्लंघन है और इससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है.

शिक्षकों से अमर्यादित व्यवहार: सबसे गंभीर आरोप यह है कि यदि कोई शिक्षक अपने वेतन या स्वत्वों के भुगतान में हो रही देरी के संबंध में वीईओ से मिलने जाता है, तो उसे अपमानित किया जाता है और अभद्र व्यवहार किया जाता है. यह कर्मचारियों के सम्मान के विरुद्ध है.

शिक्षक संघ की मांग:
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ने कलेक्टर महोदय से निवेदन किया है कि वे उपर्युक्त बिंदुओं का गंभीरता से अवलोकन करें, निष्पक्ष जांच कराएं और श्रीमती आकांक्षा सोनी के विरुद्ध समुचित एवं कठोर कानूनी कार्रवाई करें. संघ का मानना है कि इन अनियमितताओं से विकासखंड की शिक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों का मनोबल बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.

इस शिकायत के बाद अब सबकी निगाहें कलेक्टर के अगले कदम पर टिकी हैं कि क्या वे इन गंभीर आरोपों की जांच का आदेश देती हैं और दोषी पाए जाने पर वीईओ आकांक्षा सोनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.

BEO का अर्थ है "Block Education Officer" (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी)।

यह शिक्षा विभाग में एक महत्वपूर्ण पद होता है, जो एक विशिष्ट ब्लॉक (विकासखंड) में शिक्षा संबंधी गतिविधियों और प्रशासन की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है।

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) के मुख्य कार्य और जिम्मेदारियाँ:

  1. शैक्षणिक संस्थानों का पर्यवेक्षण: अपने ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी स्कूलों (प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक) का नियमित निरीक्षण करना और यह सुनिश्चित करना कि शिक्षण कार्य सुचारु रूप से चल रहा है।

  2. कर्मचारी प्रबंधन: शिक्षकों और अन्य शिक्षण स्टाफ की उपस्थिति, कार्य आवंटन, अवकाश और अन्य सेवा संबंधी मामलों का प्रबंधन करना। इसमें शिक्षकों के वेतन, भत्ते और अन्य वित्तीय मामलों को देखना भी शामिल है।

  3. योजनाओं का क्रियान्वयन: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न शिक्षा योजनाओं (जैसे सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील योजना, आरटीई आदि) को अपने ब्लॉक में प्रभावी ढंग से लागू करना।

  4. वित्तीय प्रबंधन (DDO प्रभार): कई मामलों में, BEO को DDO (Drawing and Disbursing Officer - आहरण संवितरण अधिकारी) का प्रभार भी दिया जाता है. इसका मतलब है कि वे अपने ब्लॉक के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और अन्य वित्तीय भुगतानों को अधिकृत करने और वितरित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। आपके द्वारा प्रदान की गई शिकायत में आकांक्षा सोनी को DDO प्रभार मिलने की बात भी कही गई है, जिससे शिक्षकों के वेतन भुगतान में अनियमितताएं आई हैं।

  5. शिकायतों का निवारण: शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों से संबंधित शिक्षा संबंधी शिकायतों का समाधान करना।

  6. रिपोर्टिंग: जिले और राज्य स्तर के शिक्षा अधिकारियों को अपने ब्लॉक की शैक्षणिक प्रगति और समस्याओं के बारे में नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करना।

  7. बुनियादी ढांचे का विकास: स्कूलों में बुनियादी ढांचे (जैसे भवन, फर्नीचर, शौचालय, पेयजल आदि) की उपलब्धता और रखरखाव सुनिश्चित करना।

संक्षेप में, BEO अपने ब्लॉक में शिक्षा प्रशासन का एक प्रमुख स्तंभ होता है, जो जमीनी स्तर पर शिक्षा प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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