Maihar Minor Gang Rape Case : चॉकलेट देने के बहाने दो आरोपी ने 12 साल की मासूम से जंगल में ले जाकर किया गैंगरेप, फिर मरा समझकर जंगल में फेंककर भागे
Maihar Minor Gang Rape Case : मध्यप्रदेश के मैहर में 12 साल की मासूम के साथ दिल दहला देने वाली वारदात हुई। मासूम को दो आरोपी चॉकलेट देने के बहाने जंगल में ले गए। यहां गैंगरेप किया। विरोध करने पर उसे पीटा। शरीर पर जगह-जगह काटा। जंगल में घसीटा। उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डाल दी। बच्ची बेसुध हुई तो मरा समझकर जंगल में फेंककर भाग गए। मासूम अभी रीवा अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत क्रिटिकल है। डॉक्टरों की टीम ने उसकी सर्जरी की है। एक महिला उसे गोद में उठाकर जंगल से पुलिस थाने लाई थी। मीडिया ने इस महिला से बात की। उसने जो कहानी बताई, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है..
अंजना वर्मा, जिसने बच्ची को सबसे पहले जंगल में खोजा। वह उसे लेकर सीधे थाने पहुंची।
बच्ची को सबसे पहले खोज निकालने वाली अंजना वर्मा ने बताया कि बच्ची के लापता होने की जानकारी गुरुवार शाम को मुझे लगी। परिवार के साथ ही मोहल्ले वाले बच्ची को खोजने में जुट गए। हम रात 12 बजे तक उसे तलाशते रहे, लेकिन वह नहीं मिली। सुबह फिर से हमने तलाश शुरू की। बच्ची की मां, दादी एक ओर उसे तलाश रही थीं। मैंने सोचा दूसरी ओर जाकर देखूं। इसलिए मैं लिफ्ट के किनारे वाली गली से निकलकर जंगल की ओर खोजने लगी।
थोड़ा ऊपर गई तो बच्ची टंकी की ओर से मुझे आते हुए दिखाई दी। वह गिरती-उठती और आगे बढ़ती। यह देखकर मैं दौड़कर बच्ची के पास पहुंची और उसे गोद में उठा लिया। उसके ऊपरी कपड़े नहीं थे। लोअर पहन रखा था, जो कटा-फटा खून से लथपथ था। मैंने उससे पूछा- बेटी क्या हुआ तो उसने कुछ नहीं कहा। बस दर्द से कराहती रही।
शरीर पर चोट देखकर मैं सहम गई। गाल, होंठ, हाथ और शरीर में कई जगह काटने के निशान थे। पीटने के साथ ही पीठ वाले हिस्से में घसीटने के निशान थे। पूरा शरीर जख्मी था। मैं उसे तत्काल नीचे लेकर आई और लोअर खून से लथपथ होने पर उसे उतारा तो प्राइवेट पार्ट में करीब एक फीट लंबी लकड़ी फंसी थी। मैंने बच्ची की मां और एक महिला को लकड़ी दिखाई। इसके बाद हम सभी बच्ची को लेकर थाने पहुंचे। थाने वालों ने बच्ची की हालत देखकर तत्काल उसे मैहर सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां इलाज शुरू हुआ। उसकी हालत बहुत गंभीर थी। उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। मेरे सामने ही डॉक्टर मैडम ने उसके प्राइवेट पार्ट ने लकड़ी निकाली।
इस पानी की टंकी के पास बच्ची अंजना वर्मा को आते हुए नजर आई थी। यहीं से उसे उठाकर उसे वे थाने तक ले गई थीं।
पुलिस चौकी में पूछने पर लड़की ने बताया कि उसे अतुल और रवि लेकर गए थे। इसके बाद दर्द से कहराते हुए वह बेसुध हो गई। दोनों आरोपी कभी बस्ती में तो नहीं आते थे, लेकिन बच्चे यदि ऊपर की ओर जाते थे तो वे वहां से उन्हें भगा दिया करते थे। उसने तीसरे किसी व्यक्ति का नाम थाने में नहीं लिया था।
अंजना का कहना है कि बच्ची जिस पानी की टंकी की ओर से आते हुए नजर आई थी। वहां तक तो पानी लेने हम भी जाते हैं। कई बार माता जी के यहां कोई बड़ा व्यक्ति दर्शन करने आता है तो हम भी खड़े होकर देखने लगते हैं। बच्चे भी कई बार टंकी की ओर खेलते हुए चले जाया करते थे। हो सकता है, बच्ची खेलते हुए उस ओर चली गई हो। बच्ची को जब मैंने गोद में उठाया तो बस यही सोच रही थी कि यह किसी तरह से ठीक हो जाए। इस कारण उससे मैं कुछ और पूछ नहीं पाई।
यह दूल्हा देव का मंदिर है। इसके आगे घना जंगल है, जहां आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया।
पीड़िता के दादा ने बयां की आरोपियों की दरिंदगी
पीड़िता के दादा बोले- मैं 62 साल का हूं और पिछड़ी जाति से आता हूं। मैहर माता मंदिर के पास में ही एक मोहल्ले में रहता हूं। हम मिट्टी की खुदाई कर जीवन-यापन करते हैं। यह हमारा पुश्तैनी काम है। परिवार में 82 साल की बूढ़ी मां समेत मेरे चार बच्चे रहते हैं। बड़े बेटे की पांच संतानें, दूसरे की दो तीन संतानें हैं, जिस बच्ची के साथ यह सब हुआ, वह मेरे तीसरे नंबर के बेटे की बड़ी बेटी है। बेटा टीवी की बीमारी से पीड़ित था। दो साल पहले उसकी मौत हो गई थी। तब से बहू और दोनों पोतियां हमारे पास ही रहती हैं। चौथे नंबर के बेटे का परिवार नहीं है। हमारा पूरा परिवार मजदूरी पर आश्रित है।
आरोपी रवि (टोपी पहने) और अतुल (पिंक टी-शर्ट में) को 10 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
27 जुलाई को दोपहर के समय बहू नगर परिषद काम से गई थी। वहीं, घर के अन्य सदस्य काम पर चले गए। घर पर बूढ़ी मां और दोनों पोतियां थीं। धार्मिक नगरी होने के कारण कई बार बच्चियां मंदिर के पास भीख मांगने चली जाती थीं। उन्हें यहां दर्शन करने आने वाले 10-20 रुपया दे दिया करते थे।
आरोपी अतुल बढोलिया मैहर प्रबंध समित का कर्मचारी है, इसलिए बच्ची उसे पहचानती थी। उस दिन वह गोशाला से घर की तरफ आया और बच्ची को देखकर पास बुलाया। उसने उसे 10 रुपए दिखाते हुए कहा- चलो चॉकलेट खिलाता हूं। लालच में बच्ची उसके साथ चली गई। शाम करीब 4 बजे वह उसे जंगल की ओर लेकर चला गया। यहां उसका दोस्त अरकंडी निवासी रवि चौधरी भी पहुंच गया। यहां दोनों ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। वे बच्ची को मरा समझकर जंगल में फेंक आए।
मैहर कोतवाली थाने में जमा भीड़ आरोपियों को फांसी देने की मांग करती रही।
रात 8 बजे मैं घर पहुंचा। बड़ी पोती को घर पर नहीं देखकर पूछा। पता चला वह दोपहर से नजर नहीं आई है। हमने खोज-बीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। एक-दो लोगों ने बताया कि शाम करीब 4 बजे बच्ची रोड की ओर जाते नजर आई थी। इसके बाद रात 12 बजे तक जंगल-पहाड़ खोजते रहे। रात 1 बजे वापस घर लौट आए। शुक्रवार सुबह एक बार फिर से तलाश शुरू की। सुबह करीब 9 बजे अंजना वर्मा को बच्ची जंगल में मिली।
वह बच्ची को गोद में लेकर थाने तक आई। हम भी उसके पीछे-पीछे थाने पहुंचे। यहां बच्ची को कुछ देर के लिए होश आया। पुलिस ने गलत करने वालों का नाम पूछा तो उसने तीन उंगलियां दिखाईं। साथ ही अतुल और रवि का नाम लिया। इसके बाद वह बेहोश हो गई। पुलिस वाले उसे लेकर तत्काल अस्पताल पहुंचे। बच्ची के साथ गलत होने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में मोहल्ले वाले भी थाने पहुंचे गए।
बच्ची का इलाज रीवा मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। उसकी सर्जरी हो चुकी है।
सुबह 10 बजे रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। हमें इसके बारे में नहीं बताया गया। एक एंबुलेंस बच्ची को लेकर रीवा के लिए रवाना हुई। हमने एंबुलेंस को रोक लिया और पूछा आखिर बच्ची को हुआ क्या है। उन्होंने समझाइश दी, लेकिन हम बच्ची की सेहत को लेकर चिंतित थे। अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू हुआ। इस दौरान पता चला कि बच्ची ने जिन दोनों आरोपियों के नाम लिए हैं, वे पास में ही हैं। पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और हमें एंबुलेंस से लेकर रीवा के लिए रवाना हो गई।
दोपहर करीब 12 बजे हम रीवा मेडिकल कॉलेज पहुंचे और इलाज शुरू किया। रात में बच्ची की सर्जरी हुई। मैहर तहसीलदार ने हमें 50 हजार रुपए दिए। हमने पूछा-ये रुपए किस लिए दिए जा रहे हैं, पोती हमारी अब नहीं रही क्या। हमें रुपए नहीं न्याय चाहिए। आरोपी को अगर फांसी नहीं मिली तो हम उनकी गर्दन काट देंगे।
तहसीलदार ने कहा- नहीं, यह बच्ची के इलाज के लिए दिए जा रहे हैं। हालांकि इलाज के नाम पर आपको अस्पताल वालों को एक रुपए भी नहीं देने हैं। पूरा प्रशासन बेटी के इलाज में लगा हुआ है। मैं तो यह कहूंगा कि बच्ची ने तीन अंगुली दिखाई थी, हो सकता है दो नहीं तीन आरोपी हों। डॉक्टर कह रहे हैं कि 48 घंटे बाद बच्ची थोड़ी अच्छी हो जाएगी, तब उससे बात करेंगे।
शनिवार सुबह प्रशासन की टीम अतुल का मकान तोड़ने पहुंची। परिवार के लोग हाथ जोड़कर घर नहीं ढहाने की मिन्नतें करने लगे।
आरोपी का परिवार बोला- वो निर्दोष, डीएनए टेस्ट करवा लें
मीडिया की टीम आरोपी अतुल के घर भी पहुंची। यहां पर उसकी पत्नी करिश्मा, छोटा भाई राहुल, मां शशि और बड़ी मां सुमन मिलीं। प्रशासन की टीम ने शनिवार सुबह ही अतुल और रवि के मकान को ढहाया है। बड़ी मां सुमन का कहना है कि बेटा रात में घर पर ही था। वह ड्यूटी पर नहीं था। सुबह भी घर पर ही था। सुबह 10 बजे उसे बुलाने पर वह गया था। हम डीएनए टेस्ट, मोबाइल लोकेशन, ड्यूटी रजिस्टर में एंट्री, साथी कर्मचारियों से पूछताछ हो।
छोटे भाई राहुल ने बताया कि सुबह फूल लेकर आया था। इसके बाद समोसा लेने भी गया था। मैं सुबह 9 बजे उठा और बिस्किट लेने दुकान तक गया। मां ने भाई को समोसा खाने को दिया। इसी समय गोशाला से कॉल आया कि कुछ हुआ है, तुम आ जाओ। उसने मां से कहा- मैं आता हूं, इसके बाद वह दो साथी कर्मचारियों के साथ चला गया। बाद में पता चला कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार को वह 3 साथियों के साथ गौशाला से ही निकला था।
रात साढ़े 8 बजे घर आया और पत्नी से चाय बनाने को कहा। चाय पीने के बाद कूलर बनवाने वाले को लेकर आया। रात साढ़े 10 बजे मैं घर आया तो इलेक्ट्रीशियन के साथ मिलकर वह कूलर बना रहा था। रात साढ़े 11 बजे तक दोनों इसी काम में लगे रहे। उसका छह महीने का बच्चा है। छह महीने पहले उसकी ड्यूटी गोशाला में लगी थी। 27 तारीख को भी उसकी रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज है। घर गिर गया है अब रहने के लिए कोई छत नहीं है। सारा सामान मलबे में दब गया। खाने-बनाने तक को कुछ नहीं बचा है। अभी तो चाचा-बुआ के घर आसरा लिया है।
टीम ने जेसीबी की मदद से अतुल का मकान ढहा दिया। परिवार का कहना है कि सबकुछ मलबे में दब गया।
पत्नी बोली- वो तो रातभर मेरे साथ थे
पत्नी करिश्मा का कहना है कि पति रात में घर मेरे साथ ही थे। उन्हें झूठा फंसाया गया है। उन्हें कुछ पता नहीं था क्यों बुलाया गया है। उन्हें उस दिन भी लगा कि किसी काम से बुलाया गया है। मेरे पति निर्दोष हैं। मां ने कहा- बेटा घर ही था। बेटा कुछ करता तो डरा हुआ होता। 27 को सुबह यह कहकर निकला था कि आज जल्दी आ जाऊंगा, कूलर बनवाना है। सुबह 7 बजे देवी जी से फूल लेकर आया। पिता से कहा- भूख लगी है, समोसा लेकर आता हूं। नाश्ता करके निकला तो मैंने पूछा कहां जा रहे हो। बोला-साहब बुला रहे हैं। बाद में पता चला कि पुलिस ने पकड़ लिया है। घर गिराने वालों ने हमारी कोई सुनवाई नहीं की। आए और घर गिराने लगे। यह घर पुश्तैनी है।
गोशाला के हाजिरी रजिस्टर से पता चलता है कि अतुल वारदात के दिन 28 जुलाई को ड्यूटी पर नहीं पहुंचा था।
आरोपी रवि के चाचा कृषि उपज मंडी में उपाध्यक्ष रहे हैं
आरोपी रवि भी शादीशुदा है। अभी उसके बच्चे नहीं हैं। रवि के अलावा उसके चार और भाई भी है। चाचा कृषि उपज मंडी में उपाध्यक्ष रह चुके हैं। रवि मंदिर प्रबंध समिति में लेबर था। इनकी ड्यूटी कभी सीढ़ियों पर तो कभी किसी और काम में लगा दी जाती थी। घटना वाले दिन गुरुवार को उसे कुछ दुकानदारों ने घटना स्थल की तरफ जाते देखा था। पड़ोसियों का कहना है कि उसे देखकर ऐसा नहीं लगता था कि इस प्रकार का काम कर सकता है। अब तक उसके बारे में ऐसी कोई जानकारी तो सामने नहीं आई थी।
आंतरिक अंगों में चोट थी, ऑपरेशन करना पड़ा
संजय गांधी अस्पताल के सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को सतना से रेफर होकर पीड़िता हमारे यहां लाई गई थी। उसे भर्ती करने के बाद शाम तक जांचें की गई। आंतरिक अंगों में चोटें थीं, इसलिए शाम को डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। सर्जरी के बाद रात करीब 11 बजे उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। यहां एनेस्थीसिया एक्सपर्ट और सर्जन की टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल स्थिति स्थिर है। बच्ची अभी होश में है और उसकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है।
टीआई बोले- मैहर अस्पताल में लकड़ी निकाली गई
मैहर टीआई अनिमेष द्विवेदी ने बताया कि बच्ची की हालत ठीक नहीं थी। उसके शरीर पर काफी चोटें थीं। उसे सिविल अस्पताल मैहर ले जाया गया, जहां लेडी डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू किया। उसके प्राइवेट पार्ट से लकड़ी भी निकाली गई। हालत को देखते हुए उसे रीवा रेफर कर दिया गया। मैहर की देवी जी चौकी में ही पीड़िता ने आरोपियों के नाम बताए थे, लिहाजा बिना देर किए आरोपियों को घर के पास से ही पकड़ लिया गया। पीड़िता को उनकी तस्वीरें दिखाकर आरोपियों की पहचान भी कराई गई। शनिवार को प्रशासन की संयुक्त टीम ने दोनों आरोपियों के घर ढहा दिए।
अतुल गोशाला का कर्मचारी, रवि मंदिर में लेबर था
निर्भया जैसे कांड की पुनरावृत्ति करने वाले दोनों आरोपियों रवि (30) और अतुल (29) को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 10 अगस्त तक न्यायिक अभिरक्षा में मैहर उप जेल भेज दिया गया है। इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी मैहर मंदिर प्रबंध समिति के कर्मचारी थे। दोनों आरोपियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
अतुल बढोलिया पिता सुरेश बढोलिया उसी गोशाला के काम करता था, जिसके पास जंगल में उसने रवि कुमार रवि पिता बिहारीलाल के साथ मिलकर नाबालिग के साथ दरिंदगी दिखाई, जबकि रवि समिति में लेबर था। अतुल के पिता नगर रक्षा समिति के अध्यक्ष रहे हैं। उसका घर घटनास्थल से लगभग 3 किमी दूर किला रोड पर है, जबकि आरोपी रवि अरकंडी का रहने वाला है। दोनों के पक्के मकानों को शनिवार सुबह ध्वस्त कर दिया गया।
मैहर गैंगरेप में शिकार पीड़िता के पल-पल की जानकारी राज्य सरकार ले रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चीफ सेक्रेटरी को पीड़िता के इलाज में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में रीवा कमिश्नर अनिल सुचारी के निर्देश में श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर, संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा और एचओडी एवं गायनोलॉजिस्ट डॉ. कल्पना यादव हर घंटे में मरीज से मिलकर अपडेट ले रही हैं। ऐसी जानकारी भी समाने आई है कि कंडीशन बिगड़ने पर बच्ची को एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया जाएगा। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि एयरलिफ्ट जैसी स्थिति नहीं है। बच्ची तेजी से रिकवर कर रही है।