रीवा में अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: सिरमौर पुलिस ने 15 लाख की शराब जब्त की, 2 तस्कर गिरफ्तार

रीवा जिले में अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए सिरमौर थाना पुलिस ने बुधवार को एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध देशी शराब बरामद की है, जिसकी बाजार कीमत लाखों रुपये में आंकी गई है। यह कार्रवाई लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय शराब तस्करों के खिलाफ की गई है, जिससे अवैध शराब के कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। पुलिस की इस मुस्तैदी से जहां एक ओर कानून का राज स्थापित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर रीवा में अवैध शराब कहां से आती है? जैसे सवालों पर भी जांच की दिशा स्पष्ट हो रही है।
बरदहा घाटी में दबिश और तस्करों की गिरफ्तारी: कैसे पकड़े गए आरोपी?
सिरमौर एसडीओपी उमेश प्रजापति ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि एक पिकअप वाहन में अवैध शराब लोड होकर बरदहा घाटी की तरफ जा रही है। यह सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बताए गए स्थान पर दबिश दी। पुलिस को देखते ही पिकअप में सवार दो आरोपी भागने लगे, लेकिन पुलिस ने सूझबूझ और तेजी का परिचय देते हुए उनका पीछा किया और उन्हें मौके से धर दबोचा।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अजय सोंधिया उर्फ चन्नू और मनोज वर्मा उर्फ गोलू के रूप में हुई है। अजय सोंधिया और मनोज वर्मा कौन हैं? पुलिस इनसे गहन पूछताछ कर रही है ताकि इनके पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
बरामदगी का विवरण: 15 लाख की शराब और वाहन जब्त
पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई में कुल 300 पेटी देशी शराब बरामद हुई है, जो लगभग 2700 लीटर के आसपास है। इस भारी मात्रा की शराब की मार्केट वैल्यू 15 लाख रुपए बताई गई है। इसके अलावा, शराब तस्करी में इस्तेमाल की जा रही 6 लाख रुपए की पिकअप गाड़ी भी पुलिस ने जब्त की है। यह बरामदगी न केवल अवैध शराब के कारोबार पर एक बड़ा प्रहार है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि इतनी बड़ी मात्रा में शराब कैसे ले जाई जा रही थी? और इसके पीछे कौन-कौन शामिल हो सकते हैं।
बरदहा घाटी: तस्करों का 'सुरक्षित' रास्ता क्यों?
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी बरदहा घाटी के रास्ते अवैध शराब की पैकारी करते थे। उनका मानना था कि बरदहा घाटी से शराब तस्करी क्यों होती है? दरअसल, अमूमन उस रास्ते पर नियमित चेकिंग नहीं होती, जिससे उन्हें यह रास्ता अवैध शराब के परिवहन के लिए 'सुरक्षित' लगता था। यह जानकारी पुलिस के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे भविष्य में इस तरह के रास्तों पर निगरानी बढ़ाई जा सकेगी और क्या बरदहा घाटी में पहले भी तस्करी हुई है? इसकी भी जांच की जा सकेगी।
बड़े नेटवर्क का अंदेशा: पुलिस की आगे की रणनीति
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपी एक बड़े शराब तस्कर गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं। इस गिरोह में कई अन्य लोगों के शामिल होने की आशंका जताई गई है, लेकिन अभी तक केवल दो लोगों की ही गिरफ्तारी हो पाई है। सिरमौर एसडीओपी उमेश प्रजापति ने स्पष्ट किया है कि पुलिस अब आगे क्या करेगी इस मामले में? पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है ताकि इस पूरे अवैध नेटवर्क का पता लगाया जा सके और इसमें शामिल अन्य आरोपियों को भी जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। उन्होंने आश्वस्त किया है कि आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी और बाकी के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। रीवा में शराब तस्करी का नेटवर्क कितना बड़ा है? यह जांच का विषय है, और पुलिस का लक्ष्य इस पूरे सिंडिकेट का भंडाफोड़ करना है।
अवैध शराब पर लगाम: एक सतत चुनौती
यह कार्रवाई रीवा में अवैध शराब के खिलाफ पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हालांकि, शराब तस्करी एक जटिल और संगठित अपराध है, जिसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए निरंतर प्रयासों और जनभागीदारी की आवश्यकता है। शराब तस्करी रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? इस पर लगातार विचार-विमर्श और नई रणनीतियों का क्रियान्वयन आवश्यक है। पुलिस के साथ-साथ आबकारी विभाग और स्थानीय प्रशासन की भी जिम्मेदारी है कि वे मिलकर इस अवैध कारोबार पर पूर्ण विराम लगाएं, ताकि समाज पर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
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रीवा में कितनी अवैध शराब बरामद की गई है?
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रीवा की सिरमौर पुलिस ने 2700 लीटर अवैध देशी शराब बरामद की है।
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जब्त शराब की बाजार कीमत कितनी है?
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बरामद शराब की मार्केट वैल्यू लगभग 15 लाख रुपए है।
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कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके नाम क्या हैं?
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दो आरोपियों, अजय सोंधिया उर्फ चन्नू और मनोज वर्मा उर्फ गोलू को गिरफ्तार किया गया है।
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शराब तस्करी के लिए किस रास्ते का उपयोग किया जा रहा था?
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आरोपी बरदहा घाटी के रास्ते अवैध शराब की पैकारी करते थे, क्योंकि वहां आमतौर पर चेकिंग नहीं होती।
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क्या पुलिस को बड़े नेटवर्क के शामिल होने का अंदेशा है?
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हां, पुलिस का मानना है कि यह एक बड़े शराब तस्कर गिरोह का हिस्सा हो सकता है और बाकी के नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हुई है।
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