मार्तंड हॉस्टल में 'भ्रष्टाचार का भोज': छात्रों को कीड़े वाला भोजन परोसने वाले प्रिंसिपल-शिक्षक तत्काल 'बर्खास्त' हों! CM एक्शन लें!

'कीड़े खाओ या धमकी सहो': रीवा छात्रावासों में मासूमों पर जुल्म! शिक्षकों की मिलीभगत पर विभाग में भूचाल, तत्काल FIR की मांग!
ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) शहर के मार्तंड क्रमांक एक स्कूल के बालक और कन्या छात्रावासों से हाल ही में सामने आई समस्याओं ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। एक वायरल ऑडियो ने छात्रावास की खराब साफ-सफाई, दूषित पानी की आपूर्ति, और सबसे महत्वपूर्ण, भोजन की घटिया गुणवत्ता (Wormy Food) की पोल खोल दी है।
इन गंभीर आरोपों के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल दो जाँच टीमों का गठन किया, जिसने मौके पर जाकर छात्रों और कर्मचारियों के बयानों को दस्तावेजित किया।
यह मामला केवल बुनियादी सुविधाओं की कमी का नहीं है, बल्कि छात्रों और कर्मचारियों को शिकायत करने से रोकने के लिए शिक्षकों द्वारा धमकी और प्रताड़ना दिए जाने के गंभीर आरोपों को भी उजागर करता है।
बालक छात्रावास की बदतर स्थिति: शिकायतें और जाँच
गवर्नमेंट स्कूल क्रमांक एक के प्राचार्य बीएल मिश्रा के नेतृत्व में जब जाँच टीम बालक छात्रावास पहुँची, तो छात्रों ने खुलकर अपनी शिकायतें सामने रखीं।
खराब साफ-सफाई और टूटे बाथरूम
निरीक्षण में स्पष्ट हुआ कि छात्रावास के बुनियादी ढांचे की स्थिति अत्यंत खराब है:
- बाथरूम टूटे-फूटे और अत्यधिक गंदे पाए गए।
- पूरे छात्रावास परिसर में साफ-सफाई की स्थिति असंतोषजनक थी।
भोजन में कीड़े और पोषण की कमी
छात्रों ने भोजन की गुणवत्ता को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए:
- शिकायतें मिलीं कि परोसे जा रहे भोजन में कीड़े पाए गए।
- सब्जी की कमी थी और भोजन की गुणवत्ता इतनी कम रखी जाती थी कि छात्र ज्यादा न खाएं और मोटे न हों, जिससे भोजन की बचत हो सके।
- पानी की गुणवत्ता भी अत्यंत खराब थी, जो छात्रों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान छात्रों को धमकाना
सबसे गंभीर मुद्दा यह सामने आया कि जब भी कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए आता है, तो छात्रों को धमकाया जाता है कि वे 'सब ठीक-ठाक' दिखाएं और किसी भी कमी की शिकायत न करें। यह स्पष्ट रूप से एक भय का माहौल दर्शाता है जहाँ छात्र अपनी मूलभूत समस्याओं को व्यक्त करने से भी डरते हैं।
जाँच टीम और मिलीभगत का आरोप
मामले की जाँच के दौरान छात्रावास के कर्मचारियों के बयानों ने प्रशासनिक और विभागीय मिलीभगत की ओर इशारा किया।
जाँच टीमों का गठन और निरीक्षण
जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दो टीमों का गठन किया। इन टीमों ने छात्रों द्वारा लगाए गए आरोपों के दस्तावेज एकत्र किए और जल्द ही अपनी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपने वाली हैं। जाँच टीम ने छात्रों से सीधा संवाद करके सभी शिकायतों को दर्ज किया।
चौकीदार संजीव रावत का खुलासा: शिक्षक द्वारा धमकी
छात्रावास के सुरक्षा कर्मी संजीव रावत ने जाँच टीम को बताया कि:
- शिक्षक शिव श्रीवास्तव छात्रों और कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार करते हैं।
- शिव श्रीवास्तव कर्मचारियों को धमकाते हैं और खराब गुणवत्ता का भोजन परोसने के लिए दबाव बनाते हैं।
- उन्हें नकारात्मक परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है यदि वे किसी भी तरह की शिकायत करते हैं।
प्रचार्य और शिक्षक की मिलीभगत
संजीव रावत ने एक अत्यंत गंभीर आरोप लगाया कि शिक्षक शिव श्रीवास्तव और प्राचार्य जेपी जैसवाल के बीच मिलीभगत है, जिसके कारण शिक्षक अपने अनुचित कृत्यों को जारी रखने में सुरक्षित महसूस करते हैं। यह आरोप सीधे तौर पर छात्रावास के सर्वोच्च प्रशासनिक नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है।
कन्या छात्रावास का निरीक्षण: छात्राओं की मुख्य शिकायतें
प्राचार्या चित्रण जायसवाल के नेतृत्व में कन्या छात्रावास का भी निरीक्षण किया गया। हालाँकि यहाँ धमकियों के आरोप नहीं थे, लेकिन बुनियादी सुविधाओं में कई सुधार योग्य बिंदु सामने आए।
- भोजन और समय की समस्याएँ: छात्राओं ने शिकायत की कि भोजन एक साथ बनाया जाता है, और नाश्ते तथा भोजन का समय असंगत है। उन्हें सुबह 9:30 बजे ही भोजन मिल जाता है, जबकि वे पहले नाश्ता चाहती हैं।
- पानी और सफाई: बाथरूम की स्थिति खराब थी, और पानी की आपूर्ति में समस्या थी। सबसे महत्वपूर्ण, पीने के पानी के लिए RO (Reverse Osmosis) प्रणाली की अनुपलब्धता बताई गई।
- जाँच और दस्तावेजीकरण: प्राचार्या ने किचन, स्टोर, बर्तन और बाथरूम का गहन निरीक्षण किया। छात्राओं ने एक प्राथमिक शिक्षक का नाम भी जाँच रिपोर्ट में शामिल करने की बात कही, जिसे निरीक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया।
निष्कर्ष और आवश्यक सुधारात्मक कदम
मार्तंड स्कूल के दोनों छात्रावासों में सामने आई समस्याएँ सरकारी शिक्षा संस्थानों के प्रबंधन की बड़ी विफलता को दर्शाती हैं। बालक छात्रावास में भोजन की गुणवत्ता और शिक्षकों द्वारा धमकी का मामला छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए एक तत्काल खतरा है, जबकि कन्या छात्रावास में बुनियादी ढाँचे में सुधार आवश्यक है।
जिला शिक्षा अधिकारी को चाहिए कि वे:
- कड़ी कार्रवाई: शिक्षक शिव श्रीवास्तव और प्राचार्य जेपी जैसवाल पर मिलीभगत के आरोपों की गहन जाँच करें और आरोप सही पाए जाने पर तत्काल कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।
- भोजन और स्वच्छता: तुरंत भोजन आपूर्तिकर्ता (Caterer) की जाँच करें, भोजन की गुणवत्ता और पानी की आपूर्ति (RO) सुनिश्चित करें, और बाथरूम की तत्काल मरम्मत करवाएं।
- सुरक्षित चैनल: छात्रों और कर्मचारियों के लिए शिकायत का एक स्वतंत्र और सुरक्षित चैनल स्थापित करें, जहाँ वे बिना किसी डर के अपनी समस्याएँ बता सकें।
इन मामलों में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई न केवल छात्रावास के बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि शिक्षा विभाग में जवाबदेही (Accountability) भी सुनिश्चित करेगी।