रीवा-हनुमना हाईवे पर मौत का तांडव: बिना फिटनेस के दौड़ रहे वाहन, बस ने बच्चों की बोलेरो को रौंदा : आखिर कब जागेगा प्रशासन?

 
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रीवा-हनुमना हाईवे पर हुआ दर्दनाक हादसा, एशियन पब्लिक स्कूल के बच्चे घायल, प्रशासन की लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/ मऊगंज। रीवा जिले से अलग होकर बने नए जिले मऊगंज में आज एक बड़ा और दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। रीवा से हनुमना की ओर जा रही द्विवेदी बस (MP17P0960) ने होटल रॉयल गैलेक्सी के पास स्कूली बच्चों से भरी एक बोलेरो (MP42D0282) को जोरदार टक्कर मार दी। इस भीषण टक्कर में बोलेरो में सवार कई स्कूली बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुँचाया गया। सभी घायल बच्चे एशियन पब्लिक स्कूल, मऊगंज के बताए जा रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर स्कूल वाहनों की सुरक्षा और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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प्रशासन की बड़ी लापरवाही: बिना फिटनेस-बीमा के दौड़ रहे वाहन
यह हादसा महज एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि मऊगंज जिला प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा है। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि मऊगंज और आसपास के क्षेत्रों में कई प्राइवेट स्कूल के वाहन बिना फिटनेस, परमिट और बीमा के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन वाहनों की कभी भी कोई प्रभावी चेकिंग नहीं की जाती, जिससे उनकी सुरक्षा मानकों की अनदेखी होती रहती है।

हाल ही में, रीवा न्यूज़ मीडिया ने इस गंभीर मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और प्रशासन को इन खामियों के प्रति आगाह किया था। खबर के माध्यम से साफ तौर पर यह बताया था कि कैसे कई स्कूली वाहन बिना जरूरी दस्तावेजों के चल रहे हैं। इसके बावजूद, प्रशासन ने इस चेतावनी को नजरअंदाज किया और स्कूलों से यह सत्यापन तक नहीं कराया कि उनके यहाँ लगे वाहनों का फिटनेस, परमिट और बीमा है या नहीं। इस अनदेखी का परिणाम आज बच्चों को भुगतना पड़ा है।

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आखिर कब जागेगा मऊगंज जिला प्रशासन?
यह सवाल पूरे क्षेत्र में गूंज रहा है: "आखिर कब जागेगा मऊगंज जिला प्रशासन?" क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा था? इस तरह की लापरवाही न केवल बच्चों के जीवन को खतरे में डालती है, बल्कि माता-पिता में भी असुरक्षा की भावना पैदा करती है। यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि सुरक्षा नियमों का पालन कराने में प्रशासन पूरी तरह से विफल रहा है। अगर समय रहते आवश्यक कदम उठाए गए होते, तो शायद आज यह हादसा न होता।

हादसे के बाद स्थानीय लोग और अभिभावक प्रशासन के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि ऐसे सभी वाहनों की तत्काल जांच हो, जो बिना फिटनेस और बीमा के चल रहे हैं। इसके साथ ही, उन स्कूल प्रबंधन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए जो इन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

घायलों की स्थिति और आगे की कार्रवाई
घटनास्थल पर मौजूद लोगों और पुलिस ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। घायल बच्चों को नजदीकी अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। कई बच्चों को गंभीर चोटें आई हैं, जिनकी स्थिति पर डॉक्टर नजर बनाए हुए हैं। पुलिस ने बस और बोलेरो दोनों को जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, केवल जांच ही काफी नहीं है। अब समय आ गया है कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक ठोस और दीर्घकालिक योजना बनाए।

निष्कर्ष: बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता क्यों नहीं?
यह घटना केवल मऊगंज की नहीं, बल्कि पूरे देश में व्याप्त एक बड़ी समस्या का प्रतीक है। जब तक प्रशासन सख्ती से नियमों का पालन नहीं कराएगा, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे। बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और इसके लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करना होगा। स्कूल संचालकों को भी यह समझना होगा कि मुनाफा कमाने से ज्यादा महत्वपूर्ण बच्चों की जान है। मऊगंज प्रशासन को अब जल्द से जल्द एक कठोर अभियान चलाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी दुर्घटना को रोका जा सके।

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