रीवा में मेडिकल कॉलेज रणभूमि! डॉ. अशरफ के खिलाफ ABVP का प्रचंड संग्राम, डीन मुर्दाबाद के नारों से गूंजा परिसर; पुलिस बल तैनात

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) श्याम शाह मेडिकल कॉलेज (SSMC) मंगलवार को भारी हंगामे का गवाह बना, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने ईएनटी विभाग के डॉ. अशरफ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर डीन कार्यालय का घेराव किया। डीन डॉ. सुनील अग्रवाल के कार्यकर्ताओं से मिलने बाहर न आने पर ABVP कार्यकर्ता भड़क उठे और जमकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी।
पूरा मामला: डॉ. अशरफ पर छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप
आपको बता दें कि यह पूरा विवाद ईएनटी विभाग में पदस्थ डॉ. अशरफ पर नर्सिंग द्वितीय और तृतीय वर्ष की 80 छात्राओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों से जुड़ा है। छात्राओं ने प्राचार्य से लिखित शिकायत करते हुए डॉ. अशरफ पर "अपमानजनक बातें करने और दुर्व्यवहार" सहित कई तरह के आरोप लगाए थे। छात्राओं ने खुद को असुरक्षित महसूस करने की बात कही थी।
छात्राओं की शिकायत पर प्राचार्य ने भी डीन को पत्र लिखकर डॉ. अशरफ की शिकायत की थी और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए छात्राओं की ईएनटी वार्ड और ओटी में लगने वाली ड्यूटी भी बंद कर दी थी। इसके बाद डीन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए थे।
ABVP का आक्रोश: डीन मुर्दाबाद के नारे, निलंबन की मांग
मंगलवार दोपहर, डॉ. अशरफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ABVP कार्यकर्ता ज्ञापन सौंपने डीन कार्यालय पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने डीन डॉ. सुनील अग्रवाल का बाहर इंतजार किया, लेकिन वे उनसे मिलने नहीं आए। इस पर ABVP कार्यकर्ता भड़क उठे और डीन चेंबर के बाहर ही जमकर नारेबाजी करने लगे। "डीन मुर्दाबाद" के नारे लगाए गए और डॉ. अशरफ को तुरंत निलंबित करने की मांग पर ABVP कार्यकर्ता अड़े रहे।
मामला बिगड़ता देख डीन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। कई थानों की पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को समझाइश देकर शांत कराया, लेकिन देर शाम तक कॉलेज के बाहर एबीवीपी का हंगामा जारी रहा। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि डॉ. अशरफ के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
डॉ. अशरफ का पुराना विवादित इतिहास और जांच पर सवाल
जानकारी के अनुसार, डॉ. अशरफ पहले भी विवादों में रह चुके हैं। उन पर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों पर दबाव बनाने और उनसे "गुड मॉर्निंग और गुड इवनिंग" की जगह धार्मिक रूप से अभिवादन करने की बात कहने के आरोप लग चुके हैं। इसके अलावा, वह इलाज के दौरान मरीजों को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) भेजने के मामले में भी उलझ गए थे।
वहीं, दूसरी ओर, इस पूरे मामले की जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो डीन द्वारा गठित जांच टीम डॉ. अशरफ के पक्ष में ही खड़ी होती दिख रही है। छात्राओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को हल्के में लिया जा रहा है और उन्हें केवल "एक टीचर की तरह ट्रीट करने" की बात कही जा रही है। इससे जांच की निष्पक्षता पर गंभीर संदेह पैदा हो गया है, खासकर तब जब इसी ईएनटी विभाग में कुछ दिनों पहले एक नाबालिग से छेड़छाड़ का मामला भी सामने आया था, जिसकी जांच अभी भी जारी है।
यह घटना मेडिकल कॉलेज के अंदर बढ़ते तनाव और छात्रों व स्टाफ की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती है।