नगर परिषद मऊगंज में भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए रातोंरात करा दिया हैंडपंप खनन

 
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नगरीय प्रशासन की जांच में हैंडपंप खनन में भारी फर्जीवाड़ा हुआ उजागर

मऊगंज ब्यूरो। नगर परिषद मऊगंज के बहुचर्चित हैंडपंप खनन घोटाले में हाईकोर्ट द्वारा मामले को संज्ञान में लेने के बाद से इन दिनों भ्रष्टाचारियों की नींद हराम हो गई है। गौरतलब है कि हैंडपंप खनन घोटाले की जांच करने आई टीम को जांच के दौरान बताए गये स्थल पर हैंडपंप नहीं मिला था। जिसके बाद नगर परिषद मऊगंज के जिम्मेदारों ने आनन-फानन में अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए वार्ड क्रमांक 03 हरिजन बस्ती में रातोंरात हैंडपंप का खनन करवा दिया।

उल्लेखनीय है कि नगर परिषद मऊगंज में करीच डेढ़ दर्जन हैंडपंप खनन के नाम पर लाखों रुपए का फर्जी भुगतान किया गया है जिसकी शिकायत भाजपा पार्षदों ने जिला से लेकर प्रदेश स्तर पर संबंधित अधिकारियों से करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। वहीं पूरे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा हीला-हवाली करने के बाद भाजपा पार्षदों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों को कमेटी गठित कर तय समय सीमा के भीतर जांच करने के आदेश दिए थे जिसके बाद से नगर परिषद मऊगंज में भ्रष्टाचारियों का दल अपने बचाव में तरह-तरह के हाथ हथकंडे अपना रहा है।

हमारी लड़ाई जारी रहेगी : पार्षद
वार्ड क्रमांक 03 में रातोंरात हैंडपंप खनन को लेकर एक बार फिर से भाजपा पार्षद बृजेश सोनी और राजेश सर्राफ ने नगर परिषद मऊगंज के अध्यक्ष और सीएमओ को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी और यह उसी का परिणाम है कि अध्यक्ष और सीएमओ डरे हुए हैं जिसके चलते उन्होंने अपने बचाव में रातों रात हैंडपंप का खनन करवा दिया है। अब देखना यह होगा कि नगर परिषद मऊगंज में भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए की जा रही कोशिश में लीपापोती संलिप्त नगरीय प्रशासन सम्भाग रीवा इसमें किस प्रकार से भूमिका निभाता है।

 

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