रीवा के प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालय में बड़ी चूक, लापता हुआ छात्र, 5 घंटे बाद मनगवां में मिला; सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थित केन्द्रीय जवाहर नवोदय विद्यालय, सिरमौर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने इस प्रतिष्ठित आवासीय शिक्षण संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। अत्यधिक सुरक्षित माने जाने वाले इस विद्यालय से कक्षा 6 का एक छात्र अचानक गायब हो गया, जिससे न केवल स्कूल प्रबंधन बल्कि स्थानीय प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। हालांकि, कुछ घंटों की गहन तलाशी के बाद छात्र को सकुशल बरामद कर लिया गया, लेकिन इस घटना ने आवासीय विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ दी है।
घटना का विवरण: कैसे एक सुरक्षित परिसर से गायब हो गया छात्र?
यह घटना रविवार, 20 जुलाई, 2025 को सामने आई। मऊगंज का रहने वाला एक 6वीं कक्षा का छात्र, जो सिरमौर स्थित नवोदय विद्यालय का ही विद्यार्थी है, अचानक स्कूल परिसर से लापता हो गया। यह विद्यालय अपनी उच्च स्तरीय शिक्षा और आवासीय सुविधा के लिए जाना जाता है। छात्रों को यहाँ प्रवेश भी कड़ी प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद ही मिलता है। सुरक्षा के लिहाज़ से, इस विद्यालय में न केवल ऊँची-ऊँची दीवारें बनाई गई हैं, बल्कि चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्डों का कड़ा पहरा भी रहता है। स्कूल में इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद एक छात्र का हॉस्टल से गायब हो जाना एक बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करता है।
छात्र के लापता होने का पता चलने पर स्कूल प्रबंधन ने पहले अपने स्तर पर पूरे परिसर में गहन छानबीन की। हॉस्टल के हर कोने, कक्षाओं, खेल के मैदानों और मेस में भी छात्र को ढूंढा गया, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। जब सभी प्रयास विफल हो गए और छात्र का कोई सुराग नहीं मिला, तब स्कूल प्रबंधन ने बिना देर किए सिरमौर थाना पहुँचकर छात्र के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई।
सुरक्षा में चूक: ऊंची दीवारें और कड़े पहरे के बावजूद कैसे हुआ छात्र गायब?
नवोदय विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था को अक्सर एक आदर्श मॉडल के रूप में देखा जाता है। छात्रों को कैंपस के अंदर ही सभी सुविधाएं, जैसे पढ़ाई, खेलकूद, भोजन (मेस), और चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती हैं, ताकि उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता ही न पड़े। बावजूद इसके, छात्र का हॉस्टल से निकलकर बाहर चले जाना चौंकाने वाला है। यह घटना न केवल सुरक्षा गार्डों की तैनाती पर सवाल उठाती है, बल्कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन में भी बड़ी खामी उजागर करती है।
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सुरक्षा गार्डों की लापरवाही: क्या सुरक्षा गार्ड अपनी ड्यूटी पर पूरी तरह मुस्तैद नहीं थे?
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निकास बिंदुओं पर निगरानी की कमी: क्या स्कूल परिसर से बाहर निकलने वाले बिंदुओं पर पर्याप्त निगरानी नहीं रखी गई थी?
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सीसीटीवी कैमरों की प्रभावशीलता: यदि कैमरे लगे थे, तो क्या वे ठीक से काम कर रहे थे और उनकी फुटेज की नियमित निगरानी हो रही थी?
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छात्रों की आवाजाही का रिकॉर्ड: क्या छात्रों के हॉस्टल से बाहर जाने या भीतर आने का कोई उचित रिकॉर्ड रखा जाता था?
यह सवाल इसलिए भी गंभीर है क्योंकि यह नवोदय विद्यालय जैसे एक प्रतिष्ठित संस्थान में पहली बार ऐसी बड़ी लापरवाही सामने आई है। अतीत में इस तरह की घटनाएँ यहाँ नहीं देखी गई थीं।
बरामदगी और राहत: 5 घंटे बाद मनगवां में मिला छात्र
सिरमौर थाने में शिकायत दर्ज होते ही पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया और लापता छात्र की तलाश शुरू कर दी गई। पुलिस ने आस-पास के क्षेत्रों, सार्वजनिक परिवहन स्थलों और संभावित ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। लगभग 5 घंटे की लगातार तलाश और कोशिशों के बाद, पुलिस को बड़ी सफलता मिली – छात्र को मनगवां थाना क्षेत्र में सकुशल बरामद कर लिया गया।
छात्र का सकुशल मिलना परिवार और स्कूल प्रबंधन दोनों के लिए एक बड़ी राहत थी। पुलिस ने छात्र को अपनी निगरानी में लिया और आगे की पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छात्र स्कूल से कैसे बाहर निकला और मनगवां तक कैसे पहुँचा। यह जाँच का विषय है कि क्या वह किसी की मदद से निकला, या किसी अनजाने व्यक्ति ने उसे उठाया, या वह स्वयं ही भटक गया था। छात्र से विस्तृत पूछताछ के बाद ही इन सवालों के जवाब मिल पाएंगे।
नवोदय विद्यालय में बच्चों की पूरी सुरक्षा क्यों नहीं हो पाई?
यह घटना सिर्फ सिरमौर नवोदय विद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश भर के सभी आवासीय विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। जब एक इतनी सुरक्षित मानी जाने वाली संस्था में ऐसी चूक हो सकती है, तो अन्य विद्यालयों की सुरक्षा पर भी संदेह उत्पन्न होता है।
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अभिभावकों की चिंता: इस घटना से उन अभिभावकों की चिंताएँ बढ़ गई हैं जो अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुरक्षित वातावरण के लिए आवासीय विद्यालयों में भेजते हैं।
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भविष्य की सुरक्षा: अब यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। स्कूल प्रबंधन को अपनी सुरक्षा नीतियों और प्रोटोकॉल की तत्काल समीक्षा करनी होगी।
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सुरक्षाकर्मियों का प्रशिक्षण: क्या सुरक्षाकर्मियों को आपात स्थितियों से निपटने और संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया गया है?
यह घटना एक खतरे की घंटी है जो हमें बताती है कि बच्चों की सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, खासकर ऐसे संस्थानों में जहाँ बच्चे अपने परिवारों से दूर रहते हैं।
ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या उपाय करें?
इस घटना से सीखने और भविष्य में ऐसी चूकों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
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कड़े प्रवेश और निकास नियंत्रण: स्कूल के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर चौबीसों घंटे निगरानी और सीसीटीवी कैमरों की प्रभावी तैनाती होनी चाहिए। छात्रों की आवाजाही का एक व्यवस्थित लॉगबुक रखा जाना चाहिए।
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नियमित सुरक्षा ऑडिट: विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था का नियमित रूप से स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा ऑडिट कराया जाना चाहिए ताकि कमियों की पहचान की जा सके और उन्हें दूर किया जा सके।
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सुरक्षाकर्मियों का प्रशिक्षण और मूल्यांकन: सुरक्षा गार्डों को आपातकालीन प्रक्रियाओं, बाल मनोविज्ञान और संदिग्ध व्यवहार की पहचान करने का गहन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उनकी कार्यप्रणाली का नियमित मूल्यांकन भी किया जाना चाहिए।
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छात्रों और स्टाफ के लिए जागरूकता कार्यक्रम: छात्रों को अपनी सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें यह बताया जाना चाहिए कि यदि वे किसी परेशानी में हों तो किससे संपर्क करें। स्टाफ को भी आपात स्थिति में प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
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सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का आधुनिकीकरण: पूरे परिसर में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं जिनकी निगरानी एक समर्पित टीम द्वारा की जाए।
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अभिभावकों के साथ संचार: स्कूल प्रबंधन को अभिभावकों के साथ पारदर्शी और नियमित संचार बनाए रखना चाहिए, खासकर सुरक्षा से जुड़े मामलों पर।
यह घटना नवोदय विद्यालय जैसे संस्थानों के लिए एक वेक-अप कॉल है ताकि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करें और यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का भविष्य न केवल शिक्षा में बल्कि सुरक्षा में भी उज्ज्वल हो।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: छात्र किस नवोदय विद्यालय से गायब हुआ था? A1: छात्र रीवा के सिरमौर स्थित केंद्रीय जवाहर नवोदय विद्यालय से गायब हुआ था।
Q2: छात्र किस कक्षा में पढ़ता था? A2: छात्र कक्षा 6 का विद्यार्थी था।
Q3: छात्र कितने समय बाद और कहाँ मिला? A3: छात्र लगभग 5 घंटे बाद मनगवां थाना क्षेत्र में सकुशल बरामद हुआ।
Q4: नवोदय विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था में क्या खामी पाई गई? A4: ऊंची दीवारों और कड़े पहरे के बावजूद छात्र का परिसर से बाहर निकल जाना सुरक्षा प्रोटोकॉल और निगरानी में बड़ी चूक मानी जा रही है।
Q5: इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन के लिए क्या चुनौतियाँ हैं? A5: स्कूल प्रबंधन को सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त करना होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपाय करने होंगे ताकि अभिभावकों का विश्वास बना रहे।