"रीवा-सतना के बीच फैला जाल: श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर के ₹6 करोड़ हड़प कर अतुल पाठक ने खरीदी बेशुमार जमीनें, पत्नी के नाम पर खरीदे थे कई प्लॉट! गिरफ्तार

 
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श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर के डायरेक्टर के फर्जी साइन कर आरोपी ने हड़पे करोड़ों रुपए, पुलिस ने अतुल पाठक को रिमांड पर लिया।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिला मुख्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Shreeji Infrastructure India Pvt Ltd) कंपनी के साथ लगभग 6 करोड़ 9 लाख रुपये की बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया। इस वित्तीय अपराध के मुख्य सूत्रधार अतुल पाठक को पुलिस ने धर दबोचा है। यह मामला न केवल वित्तीय हेराफेरी का है, बल्कि इसमें विश्वासघात और दस्तावेजी जालसाजी की भी गंभीर परतें शामिल हैं।

श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर गबन मामला: कैसे हुई 6 करोड़ की धोखाधड़ी?
विंध्य क्षेत्र की नामी कंपनी श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) हिमांशु कलरैया ने जब कंपनी के ऑडिट खातों की जांच की, तो उनके होश उड़ गए। जांच में सामने आया कि अप्रैल 2018 से अगस्त 2025 के बीच कंपनी के बैंक खातों से बड़ी राशि अवैध रूप से ट्रांसफर की गई थी।

आरोपी अतुल पाठक ने बेहद शातिर तरीके से कंपनी के डायरेक्टर संजय सिंह के फर्जी हस्ताक्षर किए और बैंक से अतिरिक्त चेकबुक जारी करवा ली। इन चेकबुक्स का इस्तेमाल कर उसने करोड़ों रुपये अपने और अपने परिजनों के निजी खातों में भेज दिए।

अतुल पाठक की गिरफ्तारी और 3 दिन की पुलिस रिमांड
शिकायत मिलने के बाद रीवा के विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने सक्रियता दिखाई और मुख्य आरोपी अतुल पाठक को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने आरोपी को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहाँ से पुलिस को तीन दिन की रिमांड प्राप्त हुई है। इस रिमांड अवधि के दौरान पुलिस आरोपी से गबन की गई शेष राशि और इस साजिश में शामिल अन्य 4 आरोपियों के बारे में पूछताछ करेगी।

फर्जीवाड़े के पैसे से खरीदी गई आलीशान जमीनें और प्लॉट
पुलिसिया पूछताछ और शुरुआती जांच में यह बात निकलकर सामने आई है कि अतुल पाठक ने गबन की गई राशि का उपयोग रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए किया।

  • सतना (बेला क्षेत्र): गोविंदगढ़ रोड स्थित टोल प्लाजा के पास 1800 वर्गफुट का एक प्लॉट खरीदा।
  • बरा कोठार (रीवा): यहाँ करीब 3 हजार वर्गफुट की कीमती जमीन खरीदी गई।
  • पन्ना रोड (सतना): आरोपी ने अपनी पत्नी के नाम पर भी एक बड़ा प्लॉट खरीदा था।
  • अन्य निवेश: आरोपी ने अवैध धन के जरिए गोल्ड लोन भी चुकाया और अन्य चल-अचल संपत्तियां बनाईं।

संपत्तियों को सीज करने की तैयारी में पुलिस 
सीएसपी रीवा, राजीव पाठक के नेतृत्व में पुलिस की एक विशेष टीम अब इन बेनामी और अवैध संपत्तियों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। पुलिस का मुख्य उद्देश्य गबन की गई पाई-पाई को वापस रिकवर करना है। आरोपी ने अब तक करीब 1 करोड़ 2 लाख रुपये कंपनी के खाते में और 28 लाख रुपये नकद वापस करने की बात स्वीकार की है, लेकिन अभी भी 4.5 करोड़ से अधिक की राशि का हिसाब बाकी है।

कानूनी कार्रवाई: BNS और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज
इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी एक्ट की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। चूंकि इस फ्रॉड में डिजिटल बैंकिंग और फर्जी चेकबुक का इस्तेमाल हुआ, इसलिए आईटी एक्ट की धाराएं इस केस को और भी मजबूत बनाती हैं।

निष्कर्ष 
रीवा का यह मामला कॉरपोरेट जगत के लिए एक सबक है कि कैसे आंतरिक सुरक्षा में सेंध लगाकर करोड़ों का चूना लगाया जा सकता है। पुलिस की मुस्तैदी से मुख्य आरोपी तो सलाखों के पीछे है, लेकिन अन्य चार आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. रीवा धोखाधड़ी मामले का मुख्य आरोपी कौन है? उत्तर: इस मामले का मुख्य आरोपी अतुल पाठक है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
Q2. श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के साथ कितने की ठगी हुई है? उत्तर: कंपनी के साथ लगभग 6 करोड़ 9 लाख रुपये का गबन किया गया है।
Q3. आरोपी ने धोखाधड़ी के लिए कौन सा तरीका अपनाया? उत्तर: आरोपी ने कंपनी के डायरेक्टर के फर्जी साइन कर अवैध चेकबुक जारी करवाई और पैसे अपने खातों में ट्रांसफर किए।
Q4. पुलिस ने किन जगहों की संपत्तियां चिन्हित की हैं? उत्तर: सतना के बेला, पन्ना रोड और रीवा के बरा कोठार में खरीदी गई जमीनों को चिन्हित किया गया है।
Q5. इस मामले में कुल कितने आरोपी हैं? उत्तर: पुलिस ने इस पूरे मामले में कुल पांच लोगों को आरोपी बनाया है।

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