रीवा में 'ऑपरेशन रजक' सफल: ₹2500 का इनामी बदमाश ओमकार भागते हुए दबोचा गया! हत्या के प्रयास मामले में बड़ी सफलता, फरार साथियों की तलाश में पुलिस

 
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दीनदयाल धाम कॉलोनी के पास हुई घेराबंदी, लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी पर थे दो वारंट, पुलिस अब अन्य साथियों की तलाश में जुटी।    

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) विवाद देर रात, रीवा की सिविल लाइन पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए ₹2500 के इनामी बदमाश ओमकार रजक (Omkar Rajak) को गिरफ्तार कर लिया है। यह आरोपी लंबे समय से हत्या के प्रयास (Attempt to Murder) के एक गंभीर मामले में फरार चल रहा था। पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके इस 25 वर्षीय बदमाश पर पहले से ही न्यायालय द्वारा एक स्थायी वारंट और एक गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। इस गिरफ्तारी से न केवल 14 अगस्त 2025 के जानलेवा हमला (Deadly Attack) मामले में पुलिस की जांच को बल मिला है, बल्कि कानून के प्रति अपराधियों में भी भय पैदा हुआ है।

क्या आप जानते हैं कि इनामी बदमाश को कैसे पकड़ा गया? यह गिरफ्तारी मुखबिर की सटीक सूचना और सिविल लाइन पुलिस की त्वरित घेराबंदी (Police Siege) के कारण संभव हो पाई है।

14 अगस्त 2025 की घटना: सूरज यादव पर जानलेवा हमला कैसे हुआ? 
यह पूरा मामला 14 अगस्त 2025 का है, जब रीवा के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम अमिलकी निवासी रामप्रसाद यादव ने सिविल लाइन थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, उनके बेटे सूरज यादव पर आरोपियों के एक समूह ने जान से मारने की नीयत (Intention to Kill) से क्रूरतापूर्वक हमला किया था।

आरोपियों में लकी साकेत (Lucky Saket), लवी (Lavi), ओमकार रजक (Omkar Rajak) और उनके अन्य साथी शामिल थे। इस हमले में चाकू (Knife) और लात-घूंसों का इस्तेमाल किया गया था, जिसके चलते युवक सूरज यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह घटना समाज में असुरक्षा की भावना (Feeling of Insecurity) पैदा करने वाली थी।

आप सोच रहे होंगे कि पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की? इस शिकायत के आधार पर सिविल लाइन थाने में बीएनएस (BNS) (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 296 (हत्या का प्रयास), 115(2), 109(1), और 3(5) के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।

सिविल लाइन पुलिस की सफल घेराबंदी: आरोपी कैसे पकड़ा गया?
लंबे समय तक पुलिस को चकमा देने के बाद, ओमकार रजक का खेल आखिरकार खत्म हो गया। पुलिस को 7 दिसंबर 2025 को मुखबिर से एक ठोस सूचना मिली। सूचना के अनुसार, फरार आरोपी ओमकार रजक दीनदयाल धाम कॉलोनी (Deendayal Dham Colony) के पास देखा गया है।

सूचना मिलते ही, सिविल लाइन थाने की पुलिस टीम बिना देर किए मौके पर पहुँची। पुलिस को अपनी ओर आता देख आरोपी भागने लगा (Tried to Escape), लेकिन पुलिस टीम ने तेजी से घेराबंदी (Quick Siege) करते हुए उसे दबोच लिया। पकड़े जाने पर आरोपी ने अपना नाम ओमकार रजक (25) पिता सुरेंद्र रजक निवासी दीनदयाल धाम कॉलोनी, पड़रा बताया। पुलिस के इस साहसिक प्रयास (Courageous Effort) की सराहना की जा रही है।

क्या आपको पता है कि रीवा पुलिस फरार आरोपियों को कैसे पकड़ती है? पुलिस ऐसे मामलों में अक्सर मुखबिर नेटवर्क (Informer Network) और तकनीकी निगरानी का उपयोग करती है।

पुलिस रिकॉर्ड में ओमकार रजक का इतिहास: किन मामलों में वांछित था आरोपी?
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी ओमकार रजक ने न केवल सूरज यादव पर हुए जानलेवा हमले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है, बल्कि उसके आपराधिक इतिहास का भी खुलासा हुआ है।
जांच में यह सामने आया कि हत्या के प्रयास के अलावा, आरोपी के खिलाफ मारपीट के दो अन्य मामलों (Two Other Assault Cases) में भी पहले से ही एक स्थायी वारंट (Permanent Warrant) और एक गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant) लंबित था। इस तरह, आरोपी तीन अलग-अलग मामलों में पुलिस के लिए वांछित (Wanted) था।

इस मामले में मुख्य आरोपी लकी उर्फ शिवम साकेत (Laki alias Shivam Saket) और मोनू कुशवाहा (Monu Kushwaha) को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन ओमकार रजक और अन्य साथी घटना के बाद से ही फरार चल रहे थे। अब पुलिस पकड़े गए आरोपी को न्यायालय में पेश कर रही है और फरार अन्य आरोपियों की तलाश (Search for Other Absconding Accused) को तेज (Accelerated) कर दिया गया है।

आपको क्या लगता है कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक होगी? पुलिस ने साफ कर दिया है कि वे जल्द ही बाकी आरोपियों को भी कानून के दायरे में लाएँगे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न 1: इनामी बदमाश ओमकार रजक को कब और कहाँ से गिरफ्तार किया गया? उत्तर: आरोपी ओमकार रजक को 7 दिसंबर 2025 की देर रात रीवा की दीनदयाल धाम कॉलोनी के पास से सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार किया।

प्रश्न 2: ओमकार रजक पर कुल कितने रुपये का इनाम घोषित था? उत्तर: आरोपी ओमकार रजक पर ₹2500 का इनाम (Reward) घोषित था।

प्रश्न 3: हत्या के प्रयास का यह मामला किस वर्ष का है और पीड़ित का नाम क्या है? उत्तर: यह मामला 14 अगस्त 2025 का है। पीड़ित युवक का नाम सूरज यादव है, जो ग्राम अमिलकी (गोविंदगढ़) का निवासी है।

प्रश्न 4: बीएनएस (BNS) की धारा 296 किस अपराध से संबंधित है? उत्तर: बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 296 मुख्य रूप से हत्या के प्रयास (Attempt to Murder) के अपराध से संबंधित है, जिसमें दोषी पाए जाने पर कठोर दंड का प्रावधान है।

प्रश्न 5: क्या ओमकार रजक पर और भी मामले दर्ज थे? उत्तर: हाँ, हत्या के प्रयास के अलावा, ओमकार रजक के खिलाफ मारपीट के दो अन्य मामलों में भी न्यायालय से एक स्थायी वारंट और एक गिरफ्तारी वारंट जारी था।

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