REWA : नाबालिग छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म करवाने वाले आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 21 साल की सजा

 
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REWA NEWS : रीवा जिला अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को 21 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। विशेष अभियोजन अधिकारी रवीन्द्र सिंह ने बताया कि एक साल पूर्व नाबालिग छात्रा घर से स्कूल जा रही थी। रास्ते में आरोपी ने अपहरण कर लिया। इसके बाद जिले से बाहर ले गया। वहां कई​ दिनों तक दुष्कर्म किया। आरोपी के चंगुल से छूटी छात्रा घर पहुंची। जिसने पुलिस के सामने बयान दिए। तब आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की।

3 मार्च 2022 को लड़की लापता
नाबालिग लड़की के पिता 3 मार्च 2022 को विश्वविद्यालय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। कहा कि हमारी बेटी स्कूल पढ़ने गई थी। पर छुट्टी के बाद घर लौट कर नहीं आई है। फरियादी की शिकायत पर विश्वविद्यालय में अपराध क्रमांक 63/22 आईपीसी की धारा 363 का अपराध कायम कर जांच शुरू की। पहले विवेचना उपनिरीक्षक रामनरेश, फिर एएसआई पार्वती देवी ने की।

एक माह बाद नाबालिग बरामद
विवेचना के दौरान 6 अप्रैल 2022 को नाबालिग लड़की को बरामद कर लिया गया। इसके बाद न्यायालय के समक्ष 164 के कथन कराए गए। कोर्ट में हुए बयान के बाद आईपीसी की धारा 366,376 (2) एन, 376 (3), 323 एवं 3,4,5,6 पाक्सो एक्ट की धारा बढ़ाई गई। इधर एक दिन बाद 7 अप्रैल को आरोपी राकेश अहिरवार पुत्र नंदराम अहिरवार 32 वर्ष निवासी पुखयाउ टोरी थाना सिटी कोतवाली जिला सागर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।

विशेष पाक्सो कोर्ट में चालान पेश
विश्वविद्यालय पुलिस ने विवेचना पूर्ण कर दो माह के भीतर अभियोग पत्र तैयार कर कोर्ट में पेश किया गया। मामले को गंभीर व सनसनीखेज होने से चिन्हित श्रेणी में लिया गया। ऐसे में उक्त प्रकरण विशेष पाक्सो एक्ट न्यायालय रीवा में विचारण किया गया। केस की पैरवी विशेष अभियोजन अधिकारी रवीन्द्र सिंह ने की। जिन्होंने वर्तमान थाना प्रभारी द्वारा समन्वय स्थापित कर सतत मानीटरिंग की।

किन धाराओं पर क्या सजा मिली
विशेष पॉक्सो एक्ट न्यायाधीश कंचन गुप्ता ने सजा सुनाई है। आरोपी राकेश अहिरवार को धारा 363 में 5 वर्ष की कठोर कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, धारा 366 में 7 वर्ष की सजा व 500 रुपए अर्थदंड, धारा 376 (2) एन में 11 वर्ष का कठोर कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, धारा 376 (3) में 21 वर्ष का कठोर कारावास व 500 रुपए का अर्थदंड, धारा 323 में 1 वर्ष की कठोर कारावास व 500 रुपए का अर्थदंड और धारा 5एल/6 में 21 वर्ष का कठोर कारावास व 500 का अर्थदंड से दण्डित किया है।

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