रीवा की बेटी मंदाकिनी और बेटे अंकुर ने MP बोर्ड में गाड़ा झंडा, टॉप-5 में बनाई जगह, परिवार और जिले का नाम किया रोशन

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा। कहते हैं मेहनत करने वाले की हार नहीं होती, और इस बार ये साबित किया है रीवा के दो बच्चों ने। एमपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट में शासकीय मार्तंड स्कूल नंबर 1 के अंकुर यादव और ढेकहा की मंदाकिनी पांडेय ने अपना लोहा मनवाया है। अंकुर ने कला संकाय में प्रदेश में तीसरा नंबर, तो मंदाकिनी ने साइंस-मैथ्स में पांचवा स्थान हासिल कर लिया। पूरे जिले में इनके नाम की गूंज है। मोहल्ला हो या स्कूल, हर कोई तारीफ कर रहा।
गरीबी से लड़कर टॉप तक
अंकुर यादव के पिता सरकारी मास्टर हैं। घर का खर्च तंग था, फिर भी अंकुर ने रोज 6-7 घंटे पढ़ाई कर ये मुकाम पाया। बोले —
"क्लैट भी क्लियर कर लिया है, अब वकालत कर न्याय की लड़ाई लड़ूंगा।"
मंदाकिनी पांडेय के पिता प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाते हैं। तंगी के बावजूद बेटी ने गणित-साइंस में प्रदेश की पांचवीं रैंक ला दी। मंदाकिनी बोली —
"मुसीबत चाहे जितनी हो, हौसला होना चाहिए। मोबाइल से दूरी बनाई, किताबों से दोस्ती रखी।"
रीवा का रिजल्ट
जिले का इस साल 12वीं का रिजल्ट 64% और 10वीं का 72% रहा। लोक शिक्षण अधिकारी बोले —
"इस बार जिले के बच्चों ने मेहनत का बेहतरीन नतीजा दिया है।"
फेल होने पर भी मिलेगा दूसरा चांस
इस बार नई शिक्षा नीति 2020 के तहत जुलाई में फेल बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका मिलेगा। पहले सिर्फ एक विषय में मौका था, अब पूरे विषय में मौका रहेगा। इससे बच्चों का साल बर्बाद नहीं होगा।