REWA : एक ही परिवार के 4 लोगों का अंबा गांव में अंतिम संस्कार,बच्चों को दफनाया, बगल में जली मां-बाप की चिता : नम हुई गांव वालों की आंखे

 
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भोपाल में सुसाइड करने वाले एक ही परिवार के चार लोगों का रीवा के अंबा गांव में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गईं। ये शव भोपाल में रह रहे भूपेंद्र विश्वकर्मा, उनकी पत्नी रितु, दोनों बेटों ऋषिराज और ऋतुराज के थे।

परिवार के चार सदस्यों को एक साथ खोने वाले परिजन निराश होने के साथ ही आक्रोशित भी हैं। अंतिम संस्कार से पहले उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों के साथ चारों शवों को जबलपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया था। इस दौरान हाईवे के दोनों तरफ 5 किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लगी रही।

मामला बढ़ता देख हुजूर SDM अनुराग तिवारी, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ल, बनकुइया सर्किल की नायब तहसीलदार ममता पटेल, CSP शिवाली चतुर्वेदी, विश्वविद्यालय थाना प्रभारी विद्या वारिधि तिवारी, चोरहटा थाना प्रभारी अवनीश पाण्डेय, महिला थाना प्रभारी निशा मिश्रा और यातायात सूबेदार अखिलेश कुशवाहा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

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चक्काजाम कर रहे लोगों की मांग थी कि एक करोड़ रुपए मुआवजा, परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मामले की CBI जांच कराई जाए। काफी समझाइश के बाद भी वे प्रदर्शन खत्म करने पर तैयार नहीं हुए। इस पर भोपाल पुलिस ने आश्वासन दिया कि केस की विस्तृत जांच की जाएगी। जरूरत पड़ेगी तो CBI जांच करवाई जाएगी। विश्वकर्मा परिवार को 25 हजार रुपए की तत्काल मदद भी की गई। पांच हजार पंचायत, 10 हजार SDM और 10 हजार विधायक निधि से दिए गए। मदद और आश्वासन मिलने के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया।

भोपाल के रातीबड़ में भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) ने गुरुवार को अपने दोनों बच्चों ऋषिराज (9) और ऋतुराज (3) को जहर पिला दिया था। इसके बाद पत्नी रितु (35) के साथ फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात तीन बजे परिजन चारों के शव लेकर पैतृक गांव अंबा पहुंचे। शुक्रवार सुबह अंतिम संस्कार के लिए चार अर्थी श्मशान घाट के लिए एक साथ रवाना हुईं, लेकिन परिजन शव लेकर हाईवे पर बैठ गए।

परिजन ने कहा- घर का दरवाजा तोड़कर हत्या की गई

मृतक के परिजन का आरोप है कि घर का दरवाजा तोड़कर चारों लोगों की हत्या की गई है। घटना से एक महीने पहले भोपाल साइबर सेल को इससे संबंधित एक शिकायत की गई थी। लेकिन कुछ नहीं किया गया। परिवार वालों ने कहा कि प्रशासन द्वारा दस हजार रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है। मुआवजे की राशि को कम बताते हुए प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि, चक्काजाम के दौरान वहां पहुंचीं एम्बुलेंस को निकलने दिया गया।

चक्काजाम से हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतार लग गई। प्रशासनिक अमले ने वाहनों को 50 KM दूर बेला-गोविंदगढ़-लोही-रतहरा होकर प्रयागराज के लिए निकाला। समझाइश देने पहुंचे तहसीलदार यतीश शुक्ला की भाषा से मृतक के परिजन नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं, उसके बाद भी प्रशासन हमें डरा रहा है। जब तक कलेक्टर हमसे मिलने नहीं आते, तब तक आंदोलन करते रहेंगे।

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