REWA : सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लूट लिए 7.50 लाख रुपए, एक युवक और दो युवतियां हुई ठगी का शिकार, पीड़ितों का आरोप पुलिस नहीं कर रही सहयोग

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा में एक बार फिर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों के साथ ठगी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।पीड़ितो ने ठगी करने का आरोप रीवा के ही कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित महिला बाल विकास विभाग की एक महिला कर्मचारी पर लगाया है।उनका कहना है कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर उनके साथ ढाई ढाई लाख रुपए की ठगी की है।

पीड़ित विवेक पाण्डेय
तकरीबन 2 साल से चल रहे इस ठगी के घटनाक्रम के बाद भी पीड़ितों को ना तो नौकरी मिली और ना ही पैसा, ऐसे में पीड़ित बीते दो दिनों से सिविल लाइन थाने के चक्कर काट रहे थे, इसके बाद आज उनकी शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।मामले में पीड़ित विवेक कुमार पांडे निवासी आमिलकी थाना गोविंदगढ़ ने जानकारी देते हुए बताया कि अंजलि पटेल नामक महिला कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत है।

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पीड़ित विवेक के मुताबिक अंजलि से उसकी मुलाकात कलेक्ट्रेट परिसर में ही हुई थी, जिसने उसे सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ढाई लाख रुपए लिए इतना ही नहीं फरियादी की दो महिला मित्र अनुरागिनी सिंह और शिखा सिंह से भी नौकरी दिलाने के नाम पर ढाई ढाई लाख रुपए लिए गए, लेकिन अब तक उन्हें ना तो नौकरी मिली और ना ही पैसा वापस मिला।

ठगी का शिकार हुये पीड़ित अंजलि से अपना पैसा वापस लेने के लिए काफी कोशिश करते रहे लेकिन जब अंजलि ने उनसे संपर्क करना ही बंद कर दिया तो उन्होंने न्याय के लिए पुलिस थाने का दरवाजा खटखटाया और अपनी शिकायत दर्ज कराई । मामले में पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है और दर्ज कराई गई शिकायत को जांच में लेते हुए अंजली नाम की महिला के संबंध में पतासाजी शुरू कर दी है।

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फर्जी महिला बाल विकास अधिकारी बनकर ठगी
खुद के साथ ठगी की शिकायत लेकर सिविल लाइन थाने पहुंचे युवक विवेक कुमार पांडेय ने बताया की वह वर्ष 2022 में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचा था, वहां पर इसकी मुलाकात अंजली पटेल से हुई थी। अंजली पटेल ने खुद को महिला बाल विकास की आधिकारी बताया और सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया। जालसाज महिला अंजली पटेल ने युवक और दो युवतियों से ढाई-ढाई लाख रुपए ऐंठ लिए।

पीड़ितों ने थाने में की शिकायत
दो साल बीत जाने के बाद जब युवक और युवतियों को नौकरी नहीं मिली, इसके बाद उन्हें खुद के साथ हुइ ठगी का एहसास हुआ। ठगी की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई और पुलिस अधीक्षक से मिलकर भी शिकायत की। सिविल लाइन थाने पहुंचे पीड़ितों ने पुलिस पर ठीक ढंग से कार्रवाई न करने के आरोप लगाए हैं।

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