REWA : शिक्षा विभाग का एक और बड़ा कारनामा, अपना भवन छोड़ अब विद्यालय के भवन में लगेगा वीईओ कार्यालय

 
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रीवा। शिक्षा विभाग अपने किसी न किसी करतूत के लिए हमेशा ही सुर्खी में रहा है। सुनने में जरूर अटपटा लगता है लेकिन यह बिल्कुल सत्य है। आपने किराए के मकान से अपने मकान में शिफ्ट होते लोगों को सुना होगा। किंतु रीवा के शिक्षा विभाग में सब कुछ उल्टा पुल्टा है। यहां स्वयं के भवन वीईओ कार्यालय जो कि घोघर में स्थित था उसे छोड़कर शाउमावि मार्तंण्ड  क्रमांक 3 के विद्यालय में शिफ्ट किया गया। इसके पीछे अधिकारियों की क्या मंशा है यह विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है।

बताया गया है कि लंबे समय से वीईओ रीवा का पद रिक्त था जिसमें प्रभारी वीईओ आर एल दीपांकर प्राचार्य को बनाया गया है। जो अभी भी अपने पदीय दायित्वों का निर्वाह ईमानदारी से कर रहे हैं। कुछ माह पूर्व सहायक संचालक के रूप में आकांक्षा सोनी की पदस्थापना वीईओ कार्यालय रीवा में की गई है। बताया गया है कि उन्हें वह पुराने भवन में कार्यालय पसंद नहीं आ रहा था। विभागीय अधिकारियों से मिन्नत कर उन्होंने शहर को बीचो-बीच स्थित मार्तंण्ड क्रमांक 3 के तीन कमरों का अधिग्रहण कर बीईओ कार्यालय संचालित कर लिया है।

यहा गंभीर बात यह है कि शासनादेश के तहत दो पालियों में वही विद्यालय संचालित होते हैं जहां छात्र संख्या अधिक है एवं भवन की कमी है। मार्तंण्ड तीन भी दो पालियों में संचालित है कारण यही था की भवन कम है। अब बड़ा सवाल यह है कि जब भवन कम है तो अलग से वीईओ कार्यालय के लिए तीन कमरे क्यों एलाट कर दिए। जबकि घोघर में वीईओ कार्यालय विधिवत संचालित हो रहा था।

इतना ही नहीं जिन तीन कमरों को एलाट किया गया है उसमें विधिवत्त नए सिरे से पुताई-सफाई, बिजली फिटिंग, पंखा, फर्नीचर एवं पुराने कार्यालय से अलमारी को लाने ले जाने में लगभग ₹50,000 अतिरिक्त शासन के खर्च हो गए।  यू कहां जाए कि शासन का ₹50,000 खर्च करवाने के पीछे कहीं ना कहीं कर्मचारी  या अधिकारियों का भी लाभ है तो गलत नहीं होगा।

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