"रीवा पुलिस का अजीब तर्क: गौवंश का कटा सिर मिलने पर बोलीं थाना प्रभारी- 'कुत्तों ने किया होगा शिकार',क्या सो रहा है प्रशासन?" प्रशासन ने नहीं रोका तो होगा महाआंदोलन' : हिंदू संगठन

 
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बिछिया थाना क्षेत्र में गौवंश अवशेष मिलने से भारी तनाव। हिंदू संगठनों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के रीवा जिले के बिछिया थाना क्षेत्र में धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला वार्ड क्रमांक 44 स्थित मूक-बधिर विद्यालय के पास का है, जहाँ एक गौवंश का कटा हुआ सिर मिलने से पूरे शहर में तनाव व्याप्त हो गया है। यह घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि क्षेत्र की शांति और सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा प्रहार मानी जा रही है।

घटना का विवरण और घटनास्थल की स्थिति 
16 दिसंबर 2025 की सुबह जब स्थानीय नागरिकों ने मूक-बधिर विद्यालय के सुनसान इलाके में गौवंश का अवशेष देखा, तो देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई। घटनास्थल की स्थिति संदिग्ध थी, क्योंकि वहां केवल सिर पड़ा हुआ था, जबकि शरीर का बाकी हिस्सा गायब था। इससे यह स्पष्ट होता है कि अपराधियों ने इस घिनौने कृत्य को कहीं और अंजाम दिया और पहचान छिपाने या दहशत फैलाने के उद्देश्य से अवशेष को सार्वजनिक स्थान पर फेंक दिया। सूचना मिलते ही हिंदू संगठनों के पदाधिकारी मौके पर पहुँच गए और नारेबाजी शुरू कर दी।

बिछिया में वारदातों का लंबा इतिहास: कब-कब दहला इलाका? 
बिछिया थाना क्षेत्र पिछले तीन वर्षों से गौवंश वध के मामलों का केंद्र बन गया है। यदि हम पीछे मुड़कर देखें, तो पुलिस की सुस्ती और अपराधियों के बढ़ते हौसले साफ नजर आते हैं:

  • मार्च 2023 की शुरुआत: इस क्षेत्र में पहली बार बड़े पैमाने पर गौवंश मांस की तस्करी का मामला उजागर हुआ था। तब पुलिस ने अज्ञात लोगों पर एफआईआर तो की, लेकिन मुख्य सरगनाओं तक पहुँचने में नाकाम रही।
  • जुलाई 2024 की पुनरावृत्ति: एक बार फिर मांस मिलने से क्षेत्र का माहौल बिगड़ा। स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के बाद पुलिस ने जांच की बात कही, मगर कुछ समय बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
  • फरवरी से अप्रैल 2025 के बीच: फरवरी और अप्रैल के महीनों में लगातार दो बार गौवंश के अवशेष मिले। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अपराधियों ने फिर से वारदातों को अंजाम दिया, जिससे पुलिस की गश्त पर सवालिया निशान लग गए।
  • सितंबर 2025 की घटना: लक्ष्मण बाग जैसे पवित्र क्षेत्र के पास अवशेष मिलने से जनमानस में भारी आक्रोश फैला था।

आज 16 दिसंबर 2025 को हुई घटना ने पिछले तमाम जख्मों को फिर से हरा कर दिया है।

हिंदू संगठनों का कड़ा रुख: आंदोलन की दी चेतावनी
इस गंभीर मामले में हिंदू संगठन के प्रखर नेता पं. बालकृष्ण द्विवेदी ने प्रशासन को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि बिछिया थाना क्षेत्र में लगातार हो रही ये घटनाएं किसी सोची-समझी साजिश का परिणाम हैं। प्रशासन की ढुलमुल कार्यप्रणाली के कारण ही अपराधियों के मन से कानून का खौफ खत्म हो चुका है। द्विवेदी ने साफ तौर पर कहा कि गौवंश हमारे लिए केवल पशु नहीं, बल्कि श्रद्धा का प्रतीक है। यदि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे नहीं भेजा गया और उनके विरुद्ध सख्त धाराओं में कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन पूरे जिले में उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

थाना प्रभारी का तर्क: 'कुत्तों ने किया शिकार' – जनता में नाराजगी
मामले को शांत करने की कोशिश में बिछिया थाना प्रभारी मनीषा उपाध्याय ने एक ऐसा तर्क दिया, जिससे आक्रोश और बढ़ गया। उन्होंने संभावना जताई कि शायद गौवंश को कुत्तों ने शिकार बनाया होगा। हालांकि, हिंदू संगठनों ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि यदि कुत्तों ने हमला किया होता, तो वहां संघर्ष के निशान, हड्डियां और शरीर के अन्य टुकड़े भी मिलते। केवल कटा हुआ सिर मिलना स्पष्ट रूप से मानव हस्तक्षेप और वध की ओर इशारा करता है। जनता का आरोप है कि पुलिस मामले को हल्का करने के लिए इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रही है।

सख्त कानून और प्रशासन की जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश में गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के तहत गौवंश की हत्या करना एक संगीन जुर्म है। स्थानीय नागरिकों की मांग है कि इस मामले में न केवल आईपीसी की साधारण धाराएं, बल्कि गौवंश क्रूरता निवारण अधिनियम की कठोरतम धाराएं लगाई जाएं। पुलिस को चाहिए कि वह सीसीटीवी फुटेज खंगाले और क्षेत्र के संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दे, ताकि इस श्रृंखला को हमेशा के लिए तोड़ा जा सके।

निष्कर्ष: शांति बनाए रखने की अपील
बिछिया की यह घटना सामाजिक सौहार्द के लिए एक बड़ा खतरा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मामले की वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रहे हैं। हालांकि, जब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक क्षेत्र में शांति की बहाली चुनौतीपूर्ण बनी रहेगी। स्थानीय लोगों से भी संयम बनाए रखने की अपील की गई है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 
1. रीवा के बिछिया में 16 दिसंबर 2025 को क्या हुआ? बिछिया थाना अंतर्गत मूक-बधिर विद्यालय के पास गौवंश का कटा हुआ सिर मिलने से भारी तनाव पैदा हो गया।
2. पुलिस का इस मामले पर क्या स्टैंड है? थाना प्रभारी ने इसे कुत्तों का शिकार होने की संभावना बताई है, हालांकि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों को पकड़ने का आश्वासन दिया है।
3. हिंदू संगठन के नेता पं. बालकृष्ण द्विवेदी ने क्या मांग की है? उन्होंने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
4. क्या इस क्षेत्र में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं? हाँ, 2023 से लेकर 2025 तक इस क्षेत्र में कम से कम 5-6 बार गौवंश वध और अवशेष मिलने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।

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