Rewa Big News : शिक्षा विभाग का बाबू चढ़ा लोकायुक्त के हत्थे, DEO कार्यालय में दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। शासकीय कार्यालयों में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों को सरकार द्वारा हर माह काम करने के लिए मोटी पगार दी जाती है बावजूद इसके यह अधिकारी कर्मचारी काम करने के एवज में रिश्वत मांगना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। पिछले कुछ वर्षों से लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वतखोर अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है बावजूद इसके रिश्वतखोरी की घटना में लगाम नहीं लग पा रही है।
ताजा मामला आज जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उस समय हुआ जब लोकायुक्त के दल द्वारा कार्यालय में पदस्थ लिपिक को दस हज़ार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ रवि शुक्ला विगत कुछ वर्षों से निलंबित चल रहे थे उन पर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी उदयभान पटेल के साथ कार्यालय में जुमा झटकी एवं गाली-गलौच के आरोप में निलंबित किया गया था। तब से वह लगातार बहाल होने के प्रयास कर रहे थे. इसी संबंध में जब उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ विजय शर्मा नामक लिपिक से संपर्क किया तो उन्होंने बहाल करने के एवज में 50 हज़ार रुपये रिश्वत की मांग की जिसकी शिकायत निलंबित सहायक शिक्षक द्वारा लोकायुक्त पुलिस को की गई।
आरोपी बाबू विजय शर्मा
मामले की शिकायत मिलने के उपरांत लोकायुक्त पुलिस द्वारा शिकायत की तस्दीक की गई शिकायत सही पाए जाने पर आज सुबह कार्यालय खुलने के उपरांत रिश्वतखोर बाबू को दबोचने की योजना बनाई गई. निलंबित सहायक शिक्षक को दस हज़ार के नोट देकर लोकायुक्त द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भेजा गया, जहां पर रवि शुक्ला द्वारा विजय शर्मा को रिश्वत की रकम थमाई गई और लोकायुक्त के दल को इशारा किया गया जिसके उपरांत लोकायुक्त के दल द्वारा रिश्वतखोर बाबू को दबोच कर तलाशी ली गई जिसके पास से रिश्वत के रूप में ली गई दस हज़ार की रकम बरामद की गई जिसके उपरांत आगे की कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ट्रेप कर्ता एवं निलंबित शिक्षक रवि शुक्ला ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी महोदय बिना राशि लिए काम नहीं करेंगे। करोड़ों रुपए के अनुदान घोटाले में स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी गंगा प्रसाद उपाध्याय के विरुद्ध आयुक्त लोक शिक्षण मध्यप्रदेश भोपाल में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा को एफ आई आर दर्ज करने के निर्देश दिए थे लेकिन FIR के बजाय उन्हें यथावत पद पर बैठाना राजधानी सहित जिले के आला अधिकारी एवं नेताओं के कार्यशैली पर सवालिया निशान उठाता है कार्यालय में हुई है रिश्वत की इस घटना से सिद्ध हो रहा है कि डीईओ के इशारे पर लिपिक पैसा लेते हैं। अब देखना यह है कि लिपिक के साथ डीईओ के विरुद्ध भी लोकायुक्त द्वारा कार्यवाही की जाती है या डीईओ को अभय दान देकर यथावत उसी कुर्सी पर विराजमान होकर बैठाया जाता है।
