MP-रीवा महा-कांड: भाजपा नेता दिवाकर द्विवेदी ने FIR में खोला राज! ₹1 करोड़ ब्लैकमेलिंग, पिस्तौल की नोक पर आपत्तिजनक वीडियो, पार्टी में भूचाल, नेता-कार्यकर्ता सन्न!
ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा के भाजपा नेता दिवाकर द्विवेदी से जुड़े हाई-प्रोफाइल मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। जहाँ पहले उन पर गंभीर आरोप लगे थे (जैसा कि पिछली रिपोर्ट में उल्लेख था), वहीं अब पुलिस ने उनकी स्वयं की शिकायत के आधार पर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटनाक्रम मामले को और अधिक जटिल बना रहा है, जहाँ पुलिस के सामने यह तय करने की चुनौती है कि असली आरोपी कौन है और कौन पीड़ित।
नेता की शिकायत: ब्लैकमेलिंग का जाल
दिवाकर द्विवेदी द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उन्हें जमीन दिखाने के बहाने सेमरिया थाना क्षेत्र (शाहपुर चौकी) के एक सुनसान इलाके में बुलाया गया था।
- जबरदस्ती और धमकी: आरोप है कि वहाँ पहले से मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें पिस्तौल की नोक पर डराया-धमकाया।
- अश्लील वीडियो का निर्माण: पिस्तौल की नोंक पर कपड़े उतारने को मजबूर किया गया और एक युवती के साथ उनका अश्लील वीडियो बनाया गया।
- वित्तीय मांग: इस आपत्तिजनक वीडियो का इस्तेमाल कर आरोपियों ने उनसे ₹1 करोड़ की भारी-भरकम राशि की ब्लैकमेलिंग की मांग की।
पुलिस में शिकायत
नेता को पैसे देने का झांसा देकर उनकी पास की फैक्ट्री तक छोड़ दिया गया। इसके तुरंत बाद, दिवाकर द्विवेदी ने पूरी घटना की विस्तृत शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, जिसके आधार पर अब जांच शुरू हुई है।

पुलिस की कार्रवाई और दर्ज की गई धाराएँ
दिवाकर द्विवेदी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों (तीन नामजद और एक अज्ञात) के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

मामले की जटिलता और साजिश का पहलू
यह मामला अब दो विरोधाभासी शिकायतों के बीच फंसा हुआ है: एक तरफ युवती का आरोप और दूसरी तरफ नेता का ब्लैकमेलिंग का आरोप।
- बड़ी साजिश की आशंका: वीडियो सारांश में स्पष्ट रूप से इस पूरे प्रकरण के पीछे एक बड़ी साजिश की आशंका जताई गई है।
- पिछला वायरल वीडियो: पहले भी पैसों के लेन-देन का एक वीडियो वायरल हो चुका है, जो इस मामले को और अधिक पेचीदा बनाता है और ब्लैकमेलिंग की मंशा को बल देता है।
- पुलिस की चुनौती: पुलिस के सामने मुख्य चुनौती यही है कि दोनों पक्षों के दावों की सच्चाई तक पहुंचा जाए और यह निर्धारित किया जाए कि असली अपराधी कौन हैं और क्या यह पूरा घटनाक्रम सुनियोजित तरीके से नेता को फंसाने के लिए रचा गया था।
जांच अभी जारी है और पुलिस कई अहम तकनीकी और अन्य सबूत जुटा रही है। हाई-प्रोफाइल होने के कारण, यह मामला राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बना हुआ है और इसमें कई नई परतें खुलने की संभावना है।
FIR कॉपी का विस्तृत विश्लेषण
यह FIR दिवाकर द्विवेदी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है, जिसमें ब्लैकमेलिंग और अश्लील वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया है।
1. प्राथमिकी का विवरण
| विवरण (Details) | मान (Value) |
| जिला (District) | रीवा (Rewa) |
| थाना (P.S.) | सेमरिया (Semariya) |
| FIR नं. (FIR No.) | 0711 |
| वर्ष (Year) | 2025 |
| FIR की दिनांक और समय | 28/10/2025 को 21:06 बजे |
| अपराध की दिनांक (Date of Offence) | 28/10/2025 (मंगलवार) |
| अपराध का समय (Time of Offence) | शाम 3 बजे से 09:44 बजे तक |
| सूचना प्राप्त होने का समय (Time of Information) | 28/10/2025 को 12:15 बजे |
| प्रकरण का प्रकार (Type of Information) | मौखिक (Oral |
लागू धाराएँ
भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) और आयुध अधिनियम (Arms Act) की निम्नलिखित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है:
| क्र. सं. | धारा (Section) | विवरण (Description - सामान्य) |
| 1 | भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 धारा 140(2) | (पूर्व IPC 147/148 - बलवा/गंभीर बलवा) |
| 2 | भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 धारा 308(5) | (पूर्व IPC 386 - जबरन वसूली/Extortion) |
| 3 | भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 धारा 296 | (पूर्व IPC 354 - स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से हमला या आपराधिक बल) |
| 4 | भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 धारा 351(3) | (पूर्व IPC 365 - अपहरण) |
| 5 | भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 धारा 61(2) | (पूर्व IPC 506 - आपराधिक धमकी) |
| 6 | आयुध अधिनियम, 1959 धारा 25 | (हथियारों से संबंधित अपराध) |
| 7 | आयुध अधिनियम, 1959 धारा 27 | (हथियारों का प्रयोग) |
3. शिकायतकर्ता का विवरण और आरोप
शिकायत स्वयं दिवाकर द्विवेदी द्वारा की गई है।
आरोप का सार
शिकायतकर्ता दिवाकर द्विवेदी ने बताया कि:
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बुलाया जाना: दिनांक 28/10/2025 को दोपहर लगभग 01 बजे, प्रतीक सिंह नाम के व्यक्ति ने उन्हें अपनी जीप में बिठाया और जमीन दिखाने के बहाने ले गया।
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जबरदस्ती और धमकी: उन्हें सेमरिया थाना क्षेत्र में ले जाकर पिस्तौल की नोक पर धमकाया गया।
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वीडियो बनाना: एक सुनसान जगह पर, उनसे कपड़े उतारने को मजबूर किया गया। वहीं पर एक लड़की (जिसका नाम मालिक सिंह की बेटी 01 लड़की बताया गया है) और 02 लड़के मौजूद थे। उन लोगों ने जबरदस्ती उनके साथ अश्लील वीडियो बनाया।
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ब्लैकमेलिंग: आरोपियों ने वीडियो का उपयोग करके उनसे ₹1 करोड़ की मांग की और पैसे न देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी।
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पैसा लेने का झांसा: ब्लैकमेलिंग के बाद, उन्होंने आरोपियों को झांसा दिया कि वह उन्हें अपनी फैक्ट्री (टायर व ट्यूब की) से पैसे दिलवाएंगे। इसके बाद आरोपी उन्हें उनकी फैक्ट्री के पास छोड़कर चले गए।
नामजद आरोपी
शिकायत में निम्नलिखित व्यक्तियों को नामजद किया गया है:
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प्रतीक सिंह (पुत्र रमेश सिंह), निवासी मऊ सेमरिया।
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संदीप मिश्रा (पुत्र दिनेश मिश्रा), निवासी गढ़गामा टोला वीणा।
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विकास सिंह (पुत्र सुनील सिंह), निवासी वीणा सेमरिया।
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मालिक सिंह की बेटी 01 लड़की और 01 अन्य अज्ञात लड़का।
4. कार्रवाई
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जांच शुरू : चूंकि जानकारी से अपराध का होना पाया गया, इसलिए धारा 173 बी.एन.एस.एस. (पूर्व 173 सीआरपीसी) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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जांच अधिकारी : विकास कापिश (VIKASH KAPISH), कार्यवाहक निरीक्षक (OFFICIATING INSPECTOR)।
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रिपोर्ट की तारीख: 28/10/2025
मुख्य निष्कर्ष
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यह FIR पहले वायरल हुए वीडियो (जिसमें उन पर दुष्कर्म का आरोप था) के विपरीत एक शिकायत को दर्शाती है, जहाँ दिवाकर द्विवेदी स्वयं को ब्लैकमेलिंग का शिकार बता रहे हैं।
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FIR में स्पष्ट रूप से अश्लील वीडियो बनाने, पिस्तौल की नोक पर धमकी देने, और ₹1 करोड़ की मांग के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
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पुलिस अब दोनों पक्षों के दावों की जांच कर रही है। FIR में लगाई गई धाराएँ (विशेष रूप से जबरन वसूली/Extortion और आपराधिक धमकी) नेता के आरोपों को प्रथम दृष्टया बल देती हैं।
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यह मामला अब दुष्कर्म बनाम ब्लैकमेलिंग का बन गया है, जिसकी सच्चाई तक पहुँचना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।