अस्पताल से लौट रही 70 साल की बुजुर्ग महिला का 'शिकार', पुलिस ने 3 शैतानों को दबोचा: गैंग में एक युवती भी! 

 
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ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर में एक सनसनीखेज चेन स्नेचिंग की घटना का पर्दाफाश करते हुए, पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक, संजय गांधी अस्पताल के पास हुई थी, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। हालाँकि, रीवा पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी दक्षता ने न केवल अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुँचाया, बल्कि आम जनता में सुरक्षा की भावना भी बहाल की। यह पूरी घटना 15 सितंबर की दोपहर करीब 2:30 बजे की है, जब 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला कुसुम नामदेव, निवासी पाण्डेयन टोला, इलाज कराने के बाद पैदल अपने घर लौट रही थीं।

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संजय गांधी अस्पताल से उनका घर कुछ ही दूरी पर था और शायद इसी वजह से उन्होंने पैदल ही लौटने का फैसला किया। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि अस्पताल से मिली स्वास्थ्य सेवा के बाद उन्हें सड़क पर एक अप्रत्याशित खतरे का सामना करना पड़ेगा। जैसे ही वह पांडेयन टोला के पास पहुंचीं, एक तेज रफ्तार बाइक पर सवार दो युवक उनके पीछे आए। पलक झपकते ही उनमें से एक ने उनकी सतर्कता का फायदा उठाते हुए उनके गले से सोने की चेन झपट ली और दोनों बाइक पर फरार हो गए। अचानक हुई इस घटना से बुजुर्ग महिला कुछ समय के लिए स्तब्ध रह गईं।

लेकिन, उनकी बहादुरी और सूझबूझ काबिले तारीफ थी। उन्होंने बिना समय गंवाए तत्काल सिटी कोतवाली थाने पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी। उनकी त्वरित रिपोर्ट ने पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने का मौका दिया। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ लूट (धारा 392) का मामला दर्ज किया और जांच का काम शुरू कर दिया। यह घटना न केवल एक अपराध थी, बल्कि एक बुजुर्ग नागरिक की सुरक्षा पर एक हमला भी थी, जिसने पुलिस के लिए इस मामले को प्राथमिकता बना दिया।

पुलिस की तकनीकी जांच: कैसे आरोपियों तक पहुंची पुलिस?
मामले की गंभीरता को देखते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया। सीएसपी राजीव पाठक के निर्देशन में, सिटी कोतवाली पुलिस ने इस अपराध को सुलझाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम ने परंपरागत जांच के तरीकों के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी साधनों का भी भरपूर इस्तेमाल किया।

सबसे पहला कदम था घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की गहन छानबीन करना। पुलिस टीम ने कई घंटों तक दर्जनों कैमरों के फुटेज खंगाले। इन फुटेजों से उन्हें बाइक का प्रकार, आरोपियों की पोशाक और उनके भागने के रास्ते का कुछ सुराग मिला। यह शुरुआती सुराग पुलिस के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि इससे जांच की दिशा तय करने में मदद मिली।

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इसके अलावा, पुलिस ने तकनीकी सुरागों पर भी काम किया। उन्होंने घटना के समय क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल फोन टावरों के डेटा का विश्लेषण किया और संदिग्ध नंबरों की पहचान की। इन तकनीकी साक्ष्यों को सीसीटीवी फुटेज से मिले सुरागों के साथ मिलाया गया, जिससे पुलिस दो संदिग्धों तक पहुंचने में सफल रही। ये संदेही विवेक उर्फ गोलू बेलदार (पिता संतोष बेलदार) और अभिषेक महात्मा उर्फ जीजा (पिता बलराम महात्मा) थे, जो आश्चर्यजनक रूप से उसी पाण्डेयन टोला के निवासी थे, जहां की पीड़ित थी।

पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की। पहले तो उन्होंने खुद को बेकसूर बताया, लेकिन जब पुलिस ने तकनीकी और सीसीटीवी फुटेज के पुख्ता सबूत उनके सामने रखे, तो वे टूट गए। उन्होंने न केवल अपना जुर्म कबूल किया, बल्कि यह भी बताया कि इस वारदात में उनके साथ एक तीसरी साथी भी थी, जिसका नाम अर्पिता रावत है।

गिरफ्तारी और बरामदगी: चेन के टुकड़े और बाइक जब्त
दोनों आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर, पुलिस ने तीसरी आरोपी अर्पिता रावत को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने चेन छीनने के बाद उसे तोड़ दिया था ताकि उसे पहचानना मुश्किल हो और उसे आसानी से बेचा जा सके। यह आपराधिक मानसिकता उनकी योजनाबद्ध लूट को दर्शाती है।

पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर लूटी गई सोने की चेन के तीन टुकड़े बरामद किए। इसके अलावा, घटना में इस्तेमाल की गई बुलेट मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली गई। इस बरामदगी ने न केवल पुलिस के दावों को प्रमाणित किया, बल्कि पीड़िता को भी न्याय मिलने की उम्मीद जगाई। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि इस सफल ऑपरेशन से क्षेत्र में चेन स्नेचिंग की घटनाओं पर लगाम लगेगी और अपराधियों में एक सख्त संदेश जाएगा।

सामुदायिक सुरक्षा और पुलिस का संदेश
यह घटना और उसके बाद की त्वरित गिरफ्तारी, नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर हमेशा सतर्क रहें, खासकर बुजुर्ग लोग। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में और अकेले चलते समय सावधानी बरतें। कीमती सामान, जैसे कि सोने की चेन, को अनावश्यक रूप से प्रदर्शित न करें। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए नागरिकों को अपने आसपास के माहौल के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

दूसरी ओर, इस मामले को सुलझाने में रीवा पुलिस की दक्षता ने उनकी पेशेवरता को साबित किया है। यह दर्शाता है कि पुलिस अपराधों को रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार और सक्षम है। यह घटना स्थानीय पुलिस के लिए भी एक उदाहरण है कि कैसे तकनीकी जांच और त्वरित प्रतिक्रिया से जटिल मामलों को भी जल्दी सुलझाया जा सकता है।

निष्कर्ष
रीवा में 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ हुई चेन स्नेचिंग की वारदात का पर्दाफाश करना रीवा पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। इस मामले में पुलिस ने न केवल आरोपियों को पकड़ा, बल्कि जनता के मन में विश्वास और सुरक्षा की भावना को भी फिर से स्थापित किया। आरोपियों में एक युवती का शामिल होना इस बात का संकेत है कि अपराध में युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है, जो समाज के लिए एक चिंता का विषय है।

इस घटना की त्वरित जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि अपराध करने वालों को कानून से बच पाना मुश्किल है, खासकर जब पुलिस आधुनिक तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग करती है। यह घटना एक चेतावनी है कि चाहे अपराधी कितने भी शातिर हों, कानून के हाथ लंबे होते हैं।

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