REWA : खुलासा बाल संप्रेक्षण गृह : 10 मिनट में 8 युवक खेत के रास्ते भागे, वापस आए दो युवकों ने बताई पूरी घटना

 
cv

रीवा के बाल सुधार गृह से भागे 8 बाल अपचारी लंबे समय से योजना बना रहे थे। पिछले आठ दिन से वे रेकी भी कर रहे थे। मौका मिलते ही 19 जुलाई को भाग गए। उन्होंने बिजली सप्लाई बंद की, अधीक्षक की टेबल की दराज का ताला तोड़कर चाभी निकाली, छत के गेट का ताला खोला, छत से कूदे और लोहे के कंटीले तारों को काटकर खेत के रास्ते फरार हो गए। बड़ी बात ये है कि इस काम को महज 10 मिनट में अंजाम दिया गया। ये खुलासा बाल संप्रेक्षण गृह वापस आए दो बाल अपचारियों ने किया है।

बाल अपचारियों ने बताया कि उन्हें घर की याद आ रही थी। संप्रेक्षण गृह में मन नहीं लग रहा था। इस कारण वह भागने की योजना बना रहे थे। दोनों ने भागने की पूरी साजिश का खुलासा किया। मामले की पड़ताल में बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा में भी कई खामियां नजर आईं।

19 जुलाई को बाल संप्रेक्षण गृह से आठ अपचारी फरार हो गए। अभी तक सिर्फ दो बाल अपचारियों को ही वापस लाया जा सका है। अन्य 6 फरार हैं। जिस बाल संप्रेक्षण गृह से ये भागे हैं, उसका संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग करता है। बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक की शिकायत पर समान पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।

बाल कैदियों की जुबानी संप्रेक्षण गृह से भागने की कहानी…

घर की याद आ रही थी, इसलिए हम लोग पिछले कई दिनों से भागना चाहते थे, लेकिन 24 घंटे संप्रेक्षण गृह के बाहर गार्ड का पहरा रहता था। इस कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। हर दिन हम लोग देखते थे कि 9 बजे गार्ड की ड्यूटी बदलती है। अधीक्षक की टेबल रिसेप्शन के पास ही है, जहां हमेशा गार्ड तैनात रहते हैं। हमने ठीक 8.40 बजे का समय इसलिए चुना, क्योंकि रोज हम लोग देखते थे कि इसी टाइम पर रात वाला गार्ड 9 बजे ड्यूटी खत्म होने से पहले कपड़ा बदलने जाता है। दूसरा गार्ड 9 बजे तक आता है।

गार्ड बदलने की प्रक्रिया के बीच 10 मिनट का समय ऐसा होता है, जब रिसेप्शन पर कोई भी नहीं रहता। उस दिन भी ऐसा ही हुआ। जैसे ही, गार्ड अपने कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम के अंदर गया, हमने अधीक्षक की टेबल वाली दराज से चाबियों का गुच्छा निकला। पहले से कुछ साथी छत पर बने कमरे में चले गए थे। चाबी मिलते ही छत के कमरे का दरवाजा खोलकर सभी छत पर पहुंच गए।

छत से लगी पाइप पकड़कर संप्रेक्षण गृह के बाउंड्री के अंदर उतर गए। फिर दो बाल अपचारियों ने बाउंड्री वॉल पर चढ़कर जर्जर कंटीले तार को तोड़कर बाकी साथियों के लिए रास्ता आसान बना दिया। इसके बाद एक-एक कर दीवार फांद कर बाहर निकल आए। रतहरा से बस स्टैंड तक पैदल ही आए। यहां पहुंचने के बाद बस व ऑटो पकड़कर रिश्तेदारों के घर चले गए।

सुबह 9 बजे अधीक्षक ने थाने को दी सूचना

अधीक्षक रमेश कुमार रजक ने बताया कि जब मैंने ड्यूटी पर तैनात गार्ड से पूछा, तो उसने बताया कि जब बच्चे फरार हुए, तब गार्ड की ड्यूटी बदल रही थी। अधीक्षक ने सबसे पहले समान थाने को फोन कर जानकारी दी।

थाने के मुंशी ने थाना प्रभारी निरीक्षक जेपी पटेल को सूचना दी। तुरंत प्रभारी ने एसपी विवेक सिंह और सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी को इसके बारे में बताया। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि वहां लगा सीसीटीवी बंद मिला। तुरंत आसपास के थानों को जानकारी देकर नाकेबंदी कराई, लेकिन तब तक सभी शहर से बाहर जा चुके थे। 21 जुलाई को दो बाल कैदियों के घर से पुलिस को फोन आया। दोनों को दोबारा पकड़ कर संप्रेक्षण गृह लाया गया।

संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक ने शिकायत में ये कहा

मैं संप्रेक्षण गृह रीवा में अधीक्षक के पद पर पदस्थ हूं। 18 जुलाई की रात 9 बजे संप्रेक्षण गृह के बच्चों को खाना खिलाकर दो सुरक्षाकर्मियों के संरक्षण में छोड़कर संप्रेक्षण गृह का ताला बंद कर आवास चला गया था। 19 जुलाई की सुबह 9.30 बजे जब संप्रेक्षण गृह पहुंचा तो देखा कि बच्चे कम हैं।

इसके संबंध में पूछताछ कि तो गार्ड ने बताया कि सुबह 8.40 बजे छत का ताला खोलकर 8 बच्चे भाग गए हैं। पूरे संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण करने पर पाया कि मेरी टेबल की दराज से चाबियां गायब हैं। इसी दराज में सभी चाबियां रखी जाती है। दराज का ताला खोलकर बाल कैदियों ने चाभी निकाली। फिर छत पर बने कमरे का ताला खोलकर 8 बाल कैदी भाग निकले।

भागने से पहले ही बिजली सप्लाई ठप कर दी

संप्रेक्षण गृह में लगे सीसीटीवी के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस कंट्रोल रूम की चाबी भी अधीक्षक के टेबल की दराज में रखी थी। बाल कैदियों ने छत की चाबी के साथ सीसीटीवी कंट्रोल रूम की चाबी भी अपने कब्जे में ले ली थी। भागने से पहले कुछ बाल कैदियों ने कंट्रोल रूम में जाकर सभी उपकरणों की बिजली सप्लाई बंद कर दी थी, ताकि भागने के दौरान का फुटेज कैद नहीं हो सके। यह सबकुछ प्लानिंग के साथ मात्र 10 मिनट के अंदर अंजाम दे दिया।

सड़क पर लगे सीसीटीवी में भागते दिख रहे बाल कैदी

संप्रेक्षण गृह के सीसीटीवी को भले ही बाल कैदियों ने बंद कर दिया हो, लेकिन संप्रेक्षण गृह के बगल वाले घर में लगे सीसीटीवी में इनके भागने का फुटेज साफ दिख रहा है। बाउंड्री वॉल कूदने के बाद जैसे ही सभी सड़क पर पहुंचे, एक घर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गए। फुटेज में आठ बच्चे भागते हुए दिख रहे हैं।

पिछले साल भी 5 बच्चे खिड़की तोड़कर भागे थे

बाल संप्रेक्षण गृह से बाल अपचारियों के भागने का मामला नया नहीं है। पिछले साल भी अगस्त महीने में 5 बाल अपचारी भाग गए थे। तब किचन की खिड़की तोड़कर फरार होने का मामला सामने आया था। वहीं, इसके पहले भी सुरक्षा गार्ड को बंधक बनाकर कुछ बाल अपचारी भाग गए थे। हर बार बाल कैदी भागते हैं। उनके रिश्तेदार पुलिस को उनके घर पहुंचने की सूचना देते हैं। कई बार परिवार वाले खुद ही उनको वापस लेकर आ जाते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ।

बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक रमेश कुमार रजक ने महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रतिभा पाण्डेय, संयुक्त संचालक उषा सोलंकी को जानकारी दी। वहीं, बाल न्यायालय की न्यायिक मजिस्ट्रेट और पुलिस के माध्यम से बाल कैदियों के परिवार को सूचना भेजी गई है। दो बाल कैदियों के परिजन की सूचना के बाद पुन: बाल अपचारियों को बाल संप्रेक्षण गृह पहुंचाया है।

Related Topics

Latest News